मंगलवार, 24 मार्च 2015

श्रद्धा सुमन



 श्रद्धा सुमन 

सावधान!
आ रहा है  फिर
आपके चैखट पर
एक बहुरूपिया-
अपना भेष बदल कर।
वह मांगेगा भिक्षा
झोली फैलाकर, और -
लूटकर ले जायेगा
सब कुछ परदेश।
भूखा रखकर
अंजान बनेगा।
अगर जीना है
स्वाभिमान के साथ -
तो वह फसल मत देना
जो उगता है-
पांच वर्षो मे
एक बार।
सावधान!
आ रहा है लूटेरा
आपके अधिकारों का,
लूट कर चढायेगा, रोज,
श्रद्धा के सुमन,
स्माधियों पर।
फिर मांगेगा दुआ
शांति की
मुर्दों के लिये ।

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