क्षणिकाएँ :-
ऊंचाई किस काम की
जंहा याद न आये तेरी
वो तन्हाई किस काम की
बिगड़े रिश्तों को बना न पाये जो
वो खुदाई किस काम की
बेशक ऊँची मंजिल की तलाश में
दूर तलक जाना हो हमें
लेकिन जंहा से अपने न दिखे
वो ऊंचाई किस काम की।
ऊंचाई किस काम की
जंहा याद न आये तेरी
वो तन्हाई किस काम की
बिगड़े रिश्तों को बना न पाये जो
वो खुदाई किस काम की
बेशक ऊँची मंजिल की तलाश में
दूर तलक जाना हो हमें
लेकिन जंहा से अपने न दिखे
वो ऊंचाई किस काम की।