शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

झारखण्ड सरकार का नया लोगो हुआ जारी

झारखण्ड सरकार का नया लोगो हुआ जारी


झारखंड सरकार का नया लोगो आज अखंड भारत दिवस के शुभ अवसर पर जारी हुआ। सूबे की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने झारखण्ड का नया लोगो जारी किया।

झारखंड के नये प्रतीक चिन्ह के लोकार्पण के अवसर पर राज्य के महान वीर सपूतों को नमन। राज्यवासियों को झारखंड के नए प्रतीक चिन्ह की बधाई। यह प्रतीक चिन्ह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है। इसमें राज्य की संस्कृति, प्राकृतिक खनिज संपदा को समाहित किया गया है, जो अद्भुत है। उपरोक्त बातें राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के नये प्रतीक चिन्ह के लोकार्पण के अवसर पर 14 अगस्‍त को आर्यभट्ट सभागार में कही।

श्रीमती मुर्मू ने कहा पूरा विश्व आज कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। राज्य में भी संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जांच की गति को और बढ़ाना होगा, जिससे कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोका जा सके। मैं कोरोना योद्धाओं को नमन करती हूं, सम्मान करती हूं। उनके सार्थक प्रयास से हम कोरोना के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहें हैं।

झारखंड सामूहिकता में विश्वास रखता है

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश की आजादी में झारखंड के भूमि पुत्रों ने लंबा संघर्ष किया। हजारों वीरों ने अपनी कुर्बानी दी। आजादी के बाद से नए भारत के नवनिर्माण में झारखंड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां के श्रमिक अपने श्रम से अन्य राज्यों में समृद्धि ला रहे हैं। आदिवासी बहुल यह राज्य सदैव सामूहिकता में यकीन रखता है। राज्य का नया प्रतीक चिन्ह बदलाव का सारथी है। प्रतीक चिन्ह झारखंड की भावना को प्रतिबिंबित करता है।

कार्यक्रम में इनकी थी उपस्थिति

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्र नाथ महतो, राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, मंत्री, चंपई सोरेन, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक एमवी राव, प्रधान सचिव श्रीमती हिमानी पांडे, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव व अन्य उपस्थित थे।

नए प्रतीक चिन्ह की खासियत

★ अशोक स्तंभ : राष्ट्र का प्रतीक चिन्ह होने के साथ राज्य की भी संप्रभुता का वाहक। इस चिन्ह को रेखांकित करने का तात्पर्य स्पष्ट। झारखंड भी है देश की समृद्धि में भागीदार। झारखंड के जीवन दर्शन को इसमें समेटा गया है।

★ झारखंड का लोक जीवन व संस्कृति : झारखंड की समृद्ध एवं अद्भुत सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी परंपरा, वाद्ययंत्र, गीत और नृत्य की अमिट छाप को लोगों के जेहन में प्रतिबिंबित करता है।

★ पलाश के फूल : राज्य का राजकीय पुष्प। इसके सुर्ख लाल रंग के फूल झारखंड के सौंदर्य की गाथा कहते हैं। लाल रंग क्रांति का प्रतीक भी है, जो यहां के लोगों के संघर्ष को दर्शाता है।

★ हरा रंग : झारखंड की हरियाली से आच्छादित धरा और वन संपदा की परिपूर्णता को दर्शाता है। यह खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक।

★ हाथी : राज्य के राजकीय पशु हाथी को दिखाया गया है। यह राज्य की अलौकिक प्राकृतिक संपदा और समृद्धि का घोतक है। हाथी अनुशासन प्रिय भी होते हैं। ऐसे ही यहां के लोग भी अनुशासन प्रिय हैं। हां, छेड़छाड़ करने की स्थिति में संघर्ष में भी पीछे नहीं रहते।

स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह गिरिडीह स्टेडियम में होगा आयोजित, सुबह 9 बजे होगा झंडोत्तोलन

स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह गिरिडीह स्टेडियम में होगा आयोजित 
           पूर्वाह्न 09:00 बजे होगा झंडोत्तोलन


गिरिडीह :  74वें स्वतंत्रता दिवस जिले में पूरे जोश एवं उत्साह के साथ समारोह पूर्वक मनाने का निर्णय लिया गया। इस वर्ष जिला स्तरीय मुख्य समारोह गिरिडीह स्टेडियम में आयोजित होगा। जंहा पूर्वाह्न 09:00 बजे उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा  झंडोत्तोलन करेंगे और परेड की सलामी लेंगे।

  वैश्विक महामारी कोरोना का गिरिडीह जिले में बढ़ते प्रकोप के देखते हुए स्वतंत्रता दिवस समारोह में सामाजिक दूरी का अनुपालन, मास्क का उपयोग एवं सैनिटाइजेशन का सख्ती से अनुपालन किया जाएगा। इसके अलावे सुरक्षा के दृष्टिकोण से अन्य एहतियाती कदम भी उठाए जाएंगे।

 इस बार स्वतंत्रता दिवस की परेड में सीआरपीएफ, जिला बल, होमगार्ड, एनसीसी के प्लाटून भाग लेंगे। स्कूली विद्यार्थियों को परेड में शामिल नहीं किया जाएगा। 

गिरिडीह स्टेडियम में आयोजित होने वाले झंडोत्तोलन कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी व्यक्तियों का थर्मल स्कैनिंग किया जाएगा। तभी उन्हें अंदर आने की अनुमति दी जाएगी।  समारोह स्थल पर बैठने की व्यवस्था हेतु लगाए जाने वाले कुर्सियों के बीच 2 गज की दूरी होगी, डबल सीटर सोफा नहीं रहेगा। गैलरी में बैठने वाले सभी व्यक्तियों को मास्क का उपयोग एवं सामाजिक दूरी के मानदंड का पालन करना अनिवार्य होगा।

उपायुक्त श्री सिन्हा ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह कार्यक्रम में 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति समारोह में भाग नहीं लेंगे।  सभी आमंत्रित आगंतुकों द्वारा मास्क का उपयोग एवं सामाजिक दूरी मानदंड का पालन अनिवार्य होगा।

कंहा कितने बजे होगा झंडोत्तोलन : 

गिरिडीह स्टेडियम में प्रातः 9:00 बजे, 
समाहरणालय परिसर प्रातः 10:00 बजे, 
अनुमंडल कार्यालय प्रातः 10:15 बजे, 
कर्मचारी महासंघ भवन प्रातः 10:20 बजे, 
जिला परिषद कार्यालय प्रातः 10:25 बजे, 
पुलिस अधीक्षक कार्यालय प्रातः 10:50 बजे, 
पुलिस लाइन मैदान प्रातः 11:20 बजे होगा झंडोत्तोलन

कृषि विज्ञान केंद्र में कृषकों एवं श्रमिकों को कृषि एवं पशुपालन से संबंधित दिया गया प्रशिक्षण

कृषि विज्ञान केंद्र में कृषकों एवं श्रमिकों को कृषि एवं पशुपालन से संबंधित दिया गया प्रशिक्षण
 उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा सभी प्रशिक्षण प्राप्त किसानों एवं श्रमिकों को उनकी कुशलता के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया जा रहा है।

गिरिडीह : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए राज्य सरकार ने अगामी 31 अगस्त तक लॉकडाउन विस्तारित किया गया है। लॉकडाउन से प्रभावित ग्रामीण परिवारों एवं श्रमिकों को स्वरोजगार से जोड़ कर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान एवं मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करा कर उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है। 

इसी कड़ी में शुक्रवार को उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के  निर्देश पर कृषि विज्ञान केंद्र, गिरिडीह में बाहर से आए प्रवासी श्रमिकों एवं किसानों को कृषि के नए तकनीकों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुसार विभिन्न योजनाओं एवं विभिन्न विभागों में रोजगार उपलब्ध करा कर उन्हें आत्मनिर्भर व सशक्त बनाया जा सके।

 कृषि विज्ञान केंद्र में मुर्गी पालन एवं मशरूम की खेती, सूअर पालन, बकरी पालन, पशु पालन, एकीकृत खेती, मुर्गी पालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया।

 साथ ही किसानों को उन्नत कृषि हेतु कृषि से संबंधित यथा हार्वेस्टिंग, वर्मी कम्पोस्ट, प्लांटेशन, बकरी पालन, मशरूम की खेती, मत्स्य पालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। जिसका उद्देश्य किसानों को अपनी भूमि पर नए एवं उन्नत कृषि करना तथा विज्ञान के नए तरीकों से अवगत कराना है ताकि किसान अपनी कृषि की उत्पादन क्षमता को बढ़ा सके तथा उसे लाभान्वित हो सके।

बताया गया कि जिले में 560 किसानों, श्रमिकों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें जिले के 330 से अधिक किसानों, श्रमिकों को उन्नत कृषि एवं पशुपालन हेतु प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अधिकांश किसान कृषि एवं बागवानी, पशु पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन आदि पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में सरकार व जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों एवं कृषकों को इस योजना से जोड़ उन्हें लाभान्वित करना है। इसके साथ ही श्रमिक एवं कृषक प्रशिक्षण प्राप्त कर योजनाओं का लाभ उठा सकें।