शनिवार, 17 नवंबर 2018

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर चंद पंक्तियाँ पत्रकार के नाम

"पत्रकार" कहलाता हूँ..!! 

खबर  रोज बनाता हूँ..,
कलम और कैमरा से लोगों का हाल बताता हूँ..,,
गमगीन हूँ, हालात से लड़ता हूँ..,
दोस्त कम और दुश्मन ज्यादा बनाता हूँ..,
दो लफ्ज़ लिखकर दुनिया बदलने की कोशिश करता हूँ..,,
फिर भी लोगों की नज़र में खटकता हूँ..,
शायद कुछ नही हूँ..,,
पर चार अक्षर का नाम हैं मेरा..,
"पत्रकार" कहलाता हूँ..!!

न कलम बिकती हैं न कलमकार बिकता है
खबरों के गुलदस्ते से अखबार बिकता है।।
क्यो सोंच की तंग गलियों से निकलते नही
सराफत के बाजार में हाल चाल बिकता है।।
दुनिया ने कभी पलट कर पूछा हो तो बताओ
बस कह कर रह जाते हो पत्रकार बिकता है।।
कितना जलकर देते हैं दुनिया भर की खबर
कलेजे वाला इंसान ही अखबार और टीवी चैनल में टिकता है.

राजेश कुमार
   "पत्रकार"
गिरिडीह।(झारखण्ड)