बगोदर प्रखंड के बगोदरडीह पश्चिमी ग्राम अंबाडीह में शुरू हुआ पानी रोको पौधा रोपो अभियान
गिरिडीह : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न बेरोजगारी तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने हेतु राज्य सरकार द्वारा विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की गई है। नीलांबर पितांबर योजना, जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना एवं शहीद फोटो हो खेल विकास योजना की शुरुआत की गई है।
इसी आलोक में गुरुवार बगोदर प्रखंड के बगोदरडीह पश्चिमी ग्राम अंबाडीह पंचायत में प्रखंड विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में "पानी रोको पौधा रोपों" की शुरुआत की गई। ग्रामीण स्तर पर इन योजनाओं की शुरू हो जाने से काफी लोगों को रोजगार मिलेगा। तथा जल एवं मृदा संरक्षण कार्यो से गांव का पानी गांव एवं खेत का पानी खेत में ही रोका जा सकेगा। तथा इसका उद्देश्य जल संरक्षण के साथ-साथ रोजगार सृजन एवं ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके अलावा मनरेगा अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर भी शुरू किया गया है ताकि लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा सके।
प्रखंड विकास पदाधिकारी, बगोदर ने उक्त स्थल का निरीक्षण कर विभिन्न योजनाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बगोदर प्रखंड के बगोदरडीह पश्चिमी ग्राम अंबाडीह पंचायत में बिरसा ग्राम हरित योजना के तहत "पौधा रोपो पानी रोको" अभियान के तहत आम बागवानी एवं टीसीबी का निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। इसका उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को उनके ग्राम पंचायत में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाना है। पानी रोको पौधा रोपो अभियान के तहत बगोदर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना पंचायत बगोदरडीह पश्चिमी ग्राम अंबाडीह में खीरोधर महतो के जमीन में बिरसा हरित आम बागवानी, टहली देवी के जमीन में विरसा हरित आम बागवानी, कार्तिक महतो के जमीन में विरसा हरित आम बागवानी योजना का शुभारंभ किया गया। जिसमें लगभग 30 मजदूर कार्यरत हैं।
योजना का प्राक्कलित राशि 3,59,059 रुपए हैं। इसके अलावा प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा बगोदर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा कार्यों के अंतर्गत जल संरक्षण का चयन कर इसके माध्यम से वृक्षारोपण तथा टीसीबी का निर्माण कार्य भी शुरू किया गया है। इसके अलावा बाहर के राज्यों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को भी मनरेगा के कार्य से जोड़ा जाएगा। इसके लिए क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा करने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को उनकी ग्राम पंचायत के आसपास ही रोजगार देने की योजना है। ताकि जिले के लोगों को जिले में रोजगार दिया जा सके और गांव के विकास का कार्य को बढ़ाया जा सके।