बुधवार, 20 मई 2020

झारखण्ड में फ़िल्म उद्योग पूर्ण रूप से विकसित हो : जेसीएए



 झारखण्ड कल्चरल ऑर्टिस्ट एसोसिएशन (जेसीएए) कलाकार हित मे कर रहा काफी बेहतर काम 
झारखण्ड में फ़िल्म उद्योग पूर्ण रूप से विकसित हो जेसीएए

राँची। कोरोना वायरस के संकट से पूरा विश्व जूझ रहा हैं।झारखण्ड के कलाकारों का भी हाल बेहाल हैं।भारत के सभी फ़िल्म उद्योग के कलाकार आपस में एक दूसरों की मदद कर रहें हैं। झारखण्ड में जेसीएए (झारखण्ड कल्चरल ऑर्टिस्ट एसोसिएशन) कलाकारों के मदद को लेकर काफी बेहतर काम रहीं हैं।

 एसोसिएशन के सचिव डॉ. जयकांत इंदवार ने कहा कि एसोसिएशन का लक्ष्य पुरे झारखण्ड के 1400 कलाकारों तक राहत सामग्री पहुँचाने का लक्ष्य हैं। जिनमें से 250 कलाकारों तक राहत सामग्री पहुँचाने का कार्य अभी तक हो चूका हैं। इसके अतिरिक्त एसोसिएशन ने 250 कलाकारों को आर्थिक सहयोग देने का निर्णय लिया हैं। जिनमें से 101 कलाकारों का चयन कर लिया गया हैं। 

उन्होंने कहा कि मुम्बई की तर्ज पर झारखण्ड में जेसीएए को विकसित किया जा रहा हैं। ताकि आने वालें समय में कलाकारों को बेहतर से बेहतर लाभ पहुँचे। जयकांत ने यह भी कहा कि एसोसिएशन का विस्तार सम्पूर्ण झारखण्ड में किया जायेगा। जिससे झारखण्ड के हर भाषा के कलाकारों को जोड़ा जाएं। साथ ही कई प्रकार से कई बदलाव भी जरुरी हैं। 

उन्होंने बताया कि अभी तक चार कलाकारों को एसोसिएशन के माध्यम से आर्थिक सहयोग दिया गया हैं। कुछ कलाकारों को दवा भी मुहैया कराई गयी है और इससे पहले संस्था द्वारा बहुत से कलाकारों को आर्थिक सहयोग भी दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के कार्य में सबसे ज्यादा कार्य डिस्प्यूट मामले को सुलझाने को लेकर बहुत किया गया है। बहुत सारे यूट्यूब चैनल के विवाद को एसोसिएशन ने सुलझाया है। साथ ही बहुत सारे फंसे हुए पेमेंट एसोसिएशन के द्वारा रिलीज कराया गया हैं। इसके अलावे बाहर से आए हुए निर्माताओं से संपर्क कर संस्था द्वारा स्थानीय कलाकारों को काम दिलाने का भी कार्य किया है। यह काम बहुत जोर-शोर के साथ अनिवार्य रूप से अब आगे होगा।जिसमें बिना स्थानीय कलाकार के यहां पर शूटिंग करना मुश्किल हो जाएगा।

जयकांत ने यह भी कहा कि यह मुश्किल वक़्त हमारें लिए एक सीख हैं।जो हुआ सो हुआ पर आगामी योजना के अंतर्गत झारखंड के किसी भी क्षेत्र के कलाकार और विशेषज्ञों के विरुद्ध आर्थिक मानसिक शारीरिक शोषण होने पर एसोसिएशन मजबूती के साथ कलाकारों के हित के लिए खड़ा होगा और आवाज उठाएगा। झारखण्ड सरकार से लगातार एसोसिएशन की बातचीत जारी हैं।कुछ कारणवश अभी बातें स्पष्ठ नहीं हो पाई हैं। परंतु जल्द से जल्द सरकार इस दिशा में ठोस कार्रवाई करेगी।यह आश्वासन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया हैं।

जयकांत ने वरिष्ठ कलाकारों को लेकर कहा कि बीतें समय में लगातार तीन बांसुरी वादकों को खोया हैं।एसोसिएशन द्वारा उन सभी को आर्थिक सहायता भी की गयी थी।वर्तमान समय में वरिष्ठ बांसुरी वादक गोपीचंद्र प्रमाणिक हैं।वह भी एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।उन्हें भी संस्था इस मुश्किल समय में मदद कर रही हैं।पहले भी एसोसिएशन द्वारा वरिष्ठ कलाकारों को आर्थिक मदद की गयी हैं और आगे भी मदद करेंगे।झारखण्ड में फ़िल्म उद्योग पूर्ण रूप से विकसित नहीं हैं।कलाकारों को सरकार से बहुत उम्मीद हैं। क्योंकि कलाकार भी मतदान करते हैं और हर चुनाव में बढ़-चढ़ कर अपना योगदान देते हैं।

राजधानी पटना की सड़कों पर दौड़ने लगी ई-रिक्शा और ऑटो

लॉकडाउन के बीच राजधानी पटना में दौड़ने लगी ई-रिक्शा और ऑटो 
पटनाः  लॉकडाउन की वजह से लंबे समय से वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक थी। इस बंदी में इन वाहन चालकों के समक्ष भूखमरी की समस्या आ गई थी। इनकी समस्या को देखते हुए पटना में ऑड इवेन नंबर के साथ गाड़ियों के परिचालन को कुछ नियम और शर्तों के साथ सड़कों पर दौड़ाने की इजाजत मिल गई है। 

क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में मंगलवार को यह निर्णय लिया गया। इस निर्णय के आलोक में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को अनुपालन का निर्देश दिया है।

बुधवार की सुबह से राजधानी पटना में ई-रिक्शा और ऑटो का परिचालन शुरु हो गया है। हालांकि एक रिक्शा और ऑटो में सिर्फ दो लोगों के बैठने की अनुमति दी गई है। वहीं  ड्राइवर एवं यात्री को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।

बैठक में मंगलवार को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ऑटो रिक्शा एवं ई रिक्शा का परिचालन जिला के अंदर ऑड (विषम अंक) एवं ईवन (सम अंक) रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर किया जायेगा। सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को ऑड नंबर के वाहन चलेंगे तथा मंगलवार, गुरुवार, शनिवार एवं रविवार को ईवन नंबर के वाहन चलेंगे।