चुनाव में अधिकतम 28 लाख खर्च कर सकेंगे प्रत्याशी : कृपानंद झा
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में सहायक व्यय पदाधिकारियों का प्रशिक्षण
श्री झा ने कहा कि चुनाव प्रचार अवधि के दौरान अभ्यर्थियों के वैधानिक खर्च का संधारण भारत निर्वाचन आयोग के दिशा- निर्देश के अनुसार किया जाना है। यह स्वतंत्र, स्वच्छ, पारदर्शी और शांतिपूर्ण मतदान के लिए आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रायः जानकारी के अभाव में चुनाव व्यय से संबंधित प्रावधानों का उल्लंघन होता है, अतः सहायक व्यय प्रेक्षकों का दायित्व है कि वे राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के साथ लगातार बैठक करते हुए उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान खर्च को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा तय किए गए प्रावधानों की जानकारी दें।
सहायक व्यय प्रेक्षक निभाएंगे मास्टर ट्रेनर का रोल
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में कार्यरत संयुक्त सचिव हीरालाल मंडल ने कहा कि यहां से प्रशिक्षण लेने के उपरांत सभी सहायक व्यय प्रेक्षक अपने- अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव व्यय अनुश्रवण के लिए बनाई गई टीम के सदस्यों को प्रशिक्षत करेंगे।
वैधानिक व अवैधानिक खर्च से कराया गया अवगत
अवर सचिव देवदास दत्ता ने चुनाव व्यय अनुश्रवण को लेकर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद सहायक व्यय प्रेक्षकों को चुनाव प्रचार अभियान के दौरान राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा किए जाने वाले वैधानिक और अवैधानिक खर्च के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने जब्त की जानेवाली अवैध नकदी, मादक पदार्थ,आदि के निस्तार पर व्यापक प्रकाश डाला एवं की जानेवाली कार्रवाई के संबंध में जानकारी दी। सहायक व्यय प्रेक्षकों से कहा कि वे चुनाव प्रचार को लेकर किए जाने वाले खर्चे का अनुश्रवण कर उसकी रिपोर्ट देंगे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में सहायक व्यय पदाधिकारियों का प्रशिक्षण
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही निर्वाचन की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। चुनाव में उम्मीदवार अधिकतम 28 लाख रुपए खर्च क्र सकेंगे। उक्त बातें अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कृपानंद झा ने कही।
श्री झा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में बुधवार को विधानसभा क्षेत्र 1 से 43 तक के लिए नियुक्त किए गए सहायक व्यय प्रेक्षकों के लिए आहूत प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खर्च के अनुश्रवण के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने कई प्रावधान किए हैं, लिहाजा इन प्रावधानों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित किया जाना है।
श्री झा ने कहा कि चुनाव प्रचार अवधि के दौरान अभ्यर्थियों के वैधानिक खर्च का संधारण भारत निर्वाचन आयोग के दिशा- निर्देश के अनुसार किया जाना है। यह स्वतंत्र, स्वच्छ, पारदर्शी और शांतिपूर्ण मतदान के लिए आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रायः जानकारी के अभाव में चुनाव व्यय से संबंधित प्रावधानों का उल्लंघन होता है, अतः सहायक व्यय प्रेक्षकों का दायित्व है कि वे राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के साथ लगातार बैठक करते हुए उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान खर्च को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा तय किए गए प्रावधानों की जानकारी दें।
सहायक व्यय प्रेक्षक निभाएंगे मास्टर ट्रेनर का रोल
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में कार्यरत संयुक्त सचिव हीरालाल मंडल ने कहा कि यहां से प्रशिक्षण लेने के उपरांत सभी सहायक व्यय प्रेक्षक अपने- अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव व्यय अनुश्रवण के लिए बनाई गई टीम के सदस्यों को प्रशिक्षत करेंगे।
वैधानिक व अवैधानिक खर्च से कराया गया अवगत
अवर सचिव देवदास दत्ता ने चुनाव व्यय अनुश्रवण को लेकर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद सहायक व्यय प्रेक्षकों को चुनाव प्रचार अभियान के दौरान राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा किए जाने वाले वैधानिक और अवैधानिक खर्च के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने जब्त की जानेवाली अवैध नकदी, मादक पदार्थ,आदि के निस्तार पर व्यापक प्रकाश डाला एवं की जानेवाली कार्रवाई के संबंध में जानकारी दी। सहायक व्यय प्रेक्षकों से कहा कि वे चुनाव प्रचार को लेकर किए जाने वाले खर्चे का अनुश्रवण कर उसकी रिपोर्ट देंगे।