शुक्रवार, 22 अगस्त 2025

पचम्बा थाना परिसर में किया गया पौधारोपण, थाना प्रभारी ने की आम लोगों से पौधा लगाने की अपील

गिरिडीह (Giridih)। पचम्बा थाना प्रभारी राजीव कुमार के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य थाना परिसर से शुक्रवार पौधारोपण किया गया। इस दौरान थाना प्रभारी समेत थाना के स्टॉफ द्वारा थाना परिसर में आम, इमली, शरीफा और अमरूद जैसे कई फलदार पौधे लगाये गये।


थाना प्रभारी राजीव कुमार ने कहा कि प्रकृति से लगाव और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना से प्रेरित होकर उन्होंने स्वयं इन पौधों का रोपण किया। कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध वायु और हरियाली का उपहार मिल सके। उन्होंने आम लोगों से अपने घरों के आस पास पौधा लगाने की अपील की।



इस अवसर पर थाना कर्मियों ने भी पौधारोपण में सक्रिय सहयोग किया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। थाना परिसर में लगे ये पौधे आने वाले समय में हरियाली और ताजगी का प्रतीक बनेंगे।



कैंटीन की चाय पीने के बाद रिम्स में एक महिला डॉक्टर हुई बेहोश, मची अफरा तफरी

रांची (Jharkhand)। रिम्स में कैंटीन की चाय पीने के बाद एक डॉक्टर (अरूणा) अचानक बेहोश हो गईं. डॉक्टर की हालत बिगड़ने पर उन्हें गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया. डॉक्टर अरूणा को वेंटिलेटर पर रखा गया है.


मिली जानकारी के अनुसार, रिम्स कैंटीन से सात डॉक्टरों ने चाय मंगवाई थी, लेकिन चाय पीते ही डॉक्टर अरूणा की तबीयत बिगड़ गई. घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई. रिम्स प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है. फिलहाल, डॉक्टर की हालत पर नजर रखी जा रही है.

बताया जा रहा है कि आर्थो कैंटीन से चाय पीने के बाद गायनी विभाग की पीजी फर्स्ट ईयर की डॉक्टर की तबीयत अचानक बिगड़ गई. उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.पीड़ित महिला डॉक्टर ने रिम्स से ही एमबीबीएस किया था और हाल ही में पीजी में दाखिला लिया था. गुरुवार की देर रात ड्यूटी के दौरान उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ कैंटीन से चाय मंगवाई. चाय पीते ही उन्हें अचानक रिएक्शन होने लगा और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी.छात्रा की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें सेंट्रल इमरजेंसी ले जाया गया.

कैमरून में फंसे झारखण्ड के प्रवासी मजदूरों का हुआ बकाया भुगतान,17 मजदूरों की हो रही हैं वतन वापसी

हजारीबाग (Hazaribagh)। दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के सभी 19 प्रवासी मजदूरों को वेतन भुगतान हो गया है। 17 मजदूरों की शनिवार को वतन वापसी होगी। जबकि दो अन्य मजदूरों की आगामी 26 अगस्त को वतन वापसी होगी।  प्रवासी मजदूरों के वतन वापसी की खबर मिलते ही मजदूरों के परिवार में खुशी की लहर देखी जा रही है। परिजनों ने सरकार के साथ-साथ मीडिया और प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली के प्रति आभार जताया है।



बता दें कि झारखण्ड प्रदेश के हजारीबाग और बोकारो जिले के 19 मजदूर काम करने कैमरून गये थे। ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में काम करने के दौरान 11 मजदूरों को चार महीने और 8 मजदूरों को दो महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा था। इस वजह से इन सभी को खाने पीने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर वतन वापसी की गुहार लगाई थी। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद भारत सरकार हरकत में आयी। भारतीय दूतावास की मदद से कैमरून में भूख से व्याकुल झारखण्ड के सभी 19 मजदूरों के बकाया वेतन का भुगतान कराया गया। बकाया वेतन का भुगतान होने के बाद उन मजदूरों के वतन वापसी का भी रास्ता साफ हो गया है।


वापसी करने वाले 17 मजदूरों में हजारीबाग जिले के 10 मजदूरों में विष्णुगढ़ प्रखण्ड के 8 एवं टाटीझरिया के 2 मजदूर शामिल हैं।

आघनू सोरेन( भेलवारा), अशोक सोरेन( खरकी), चेतलाल सोरेन ( खरकी), महेश मरांडी ( खरकी),रामजी मरांडी ( खरकी), लालचंद मुर्मू ( खरकी), बुधन मुर्मू (नरकी), जिबलाल मांझी (चानो), छोटन बासके (टाटीझरिया) और राजेंद्र किस्कू (टाटीझरिया) शामिल हैं।


वहीं बोकारो जिले के गोमिया प्रखण्ड के 7 मजदूरों में

प्रेम टुडू ( चिलगो), सिबोन टुडू (चिलगो), सोमर बेसरा( करी खुर्द), पुराण टुडू( करी खुर्द), रामजी हांसदा (बडकी सिधाबारा), विरवा हांसदा ( बडकी सिधाबारा) महेन्द्र हांसदा(बडकी सिधाबारा) शामिल हैं।


दो मजदूरों की वतन वापसी होगी 26 को

गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के सभी 19 प्रवासी मजदूरों में 17 की वापसी शनिवार को रही है। जबकि दी अन्य मजदूरों की वतन वापसी आगामी 26 अगस्त को होगी। आगामी 26 अगस्त को जिन मजदूरों की वतन वापसी होगी उन्मर हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत नरकी के फूलचंद मुर्मू और बोकारो जिले के नावाडीह थाना क्षेत्र के पोखरिया के बबलू सोरेन शामिल हैं।


क्लास 1 से 12 तक के पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी शिबू सोरेन की जीवनी, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव

प्रस्ताव को 31 अगस्त तक अंतिम रूप दिया जाएगा और एनसीईआरटी की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा 

रांची (Jharkhand)। झारखण्ड सरकार ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जीवनी को राज्य के सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने का बड़ा फैसला लिया है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है.इस प्रस्ताव को 31 अगस्त तक अंतिम रूप दिया जाएगा और एनसीईआरटी की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. अगले शैक्षणिक सत्र से कक्षा 1 से 12 तक के पाठ्यक्रम में उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को जोड़ा जाएगा.


शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने बताया कि कक्षा 1 और 2 के बच्चों को चित्रकथा के जरिए शिबू सोरेन का जीवन परिचय और योगदान बताया जाएगा.कक्षा 4 के बच्चों को कहानियों और कविताओं के जरिए पर्यावरण संरक्षण में उनके योगदान के बारे में पढ़ाया जाएगा. कक्षा 6 के बच्चों को सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में नशा मुक्ति और स्वशासन के लिए उनके अभियानों को पढ़ाया जाएगा.क्लास 7 के बच्चों को शिबू सोरेन द्वारा चलाई गई रात्रि पाठशालाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिसका मकसद समाज में शिक्षा और जागरूकता फैलाना था. कक्षा 8 के बच्चों को हिंदी और सामाजिक विज्ञान में उनके मानवीय पक्ष और महाजनों के खिलाफ चलाए गए आंदोलनों के बारे में बताया जाएगा.

 कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में उनके 16 सूत्री सामाजिक उत्थान कार्यक्रम, राजनीतिक यात्रा और जल-जंगल-जमीन को बचाने के लिए चलाए गए शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने बताया कि कक्षा 1 से 8 तक का पाठ्यक्रम राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) तय करती है, जबकि कक्षा 9 से 12 तक के लिए एनसीईआरटी पैटर्न का पालन किया जाता है. हालांकि, एनसीईआरटी राज्यों को पाठ्यक्रम में 20% तक का बदलाव करने की छूट देती है, जिसे वह स्वीकार कर लेती है. अभियानों के बारे में पढ़ाया जाएगा.

प्राथमिक उपचार एवं फायर फाइटिंग पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

गिरिडीह (Giridih)। अभिव्यक्ति फाउंडेशन द्वारा रेस्पॉसिबल माइका इनिशिएटिव (RMI) के सहयोग से गिरिडीह के एक होटल में प्राथमिक उपचार एवं फायर फाइटिंग पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर वैसे स्वयंसेवक तैयार करना था जो आकस्मिक परिस्थितियों में तत्काल प्राथमिक उपचार उपलब्ध करा सकें और उद्योग क्षेत्र में आग लगने की स्थिति से निपटने की बुनियादी समझ विकसित कर सकें।


कार्यक्रम में गिरिडीह, कोडरमा और बिहार के नवादा जिले से लगभग 85 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों में न केवल गाँवों के ग्रामीण स्वयंसेवक बल्कि माइका उद्योग से जुड़े कई प्रतिनिधि भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे। 


कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञ प्रशिक्षकों ने प्राथमिक उपचार की बारीकियों को सरल भाषा और व्यावहारिक उदाहरणों के साथ समझाया। प्रशिक्षण में साँप काटने की स्थिति में प्राथमिक उपचार, गंभीर चोट लगने पर रक्तस्राव रोकने के उपाय, जलने या बेहोशी जैसी आकस्मिक स्थितियों से निपटने की प्रक्रिया और समय रहते चिकित्सक तक पहुँचने के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रशिक्षण के दूसरे भाग में फायर फाइटिंग यानी आग बुझाने और उससे बचाव के उपायों की भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी।


अभिव्यक्ति फाउंडेशन और रेस्पोसिबल माइका इनिशिएटिव का मानना है कि गाँवों में प्रशिक्षित प्राथमिक उपचार स्वयंसेवकों का नेटवर्क तैयार करना ग्रामीण समाज के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। कार्यक्रम के समापन सत्र में 50 ग्रामीण स्वयंसेवकों को प्राथमिक उपचार किट प्रदान किया गया। इन किटों में बेसिक दवाइयों, पट्टियों, एंटीसेप्टिक और अन्य आवश्यक सामग्री शामिल थी, ताकि स्वयंसेवक अपने गाँव में आकस्मिक घटनाओं पर तुरंत कार्यवाही कर सकें।


कोर्ट से जमीन का डिग्री होने के बाद भी विपक्ष द्वारा किया जा रहा निर्माण कार्य

काम रुकवाने के लिए विभागीय कार्यालय का चक्कर लगा रहे 70 वर्षीय वृद्ध

गिरिडीह (Giridih)। धनवार स्थित अपनी जमीन पर विपक्षियों द्वारा जबरन कराये जा रहे निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए प्रखण्ड व अंचल कार्यालय से जिला मुख्यालय तक का चक्कर लगा रहे है एक 70 वर्षीय बुजुर्ग प्रहलाद कुमार।


हैरत की बात यह कि उनकी इस जमीन को न्यायालय में पहले ही डिग्री मिल चुकी है, बावजूद उनके विपक्षियों द्वारा कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में बुजुर्ग प्रहलाद कुमार ने धनवार थाना, खोरीमहुआ अनुमंडल कार्यालय, गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक एवं गिरिडीह उपायुक्त को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी हैं।


जिले के गावां थाना क्षेत्र निवासी प्रह्लाद कुमार ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 20 वर्ष पूर्व उन्होंने धनवार थाना क्षेत्र में खाता नंबर 17 प्लाट नंबर 815 में 14 डिसमिल जमीन खरीदा था। विपक्षियों द्वारा जबरन उनकी खरीदी गई उस जमीन को हड़प लिया गया था। उन्होंने इसे लेकर न्यायालय में मुकदमा दायर किया था। वर्ष 2006 में कोर्ट ने उन्हें जमीन की डिग्री दी लेकिन दखल नहीं करवाया, जिसे लेकर अभी तक न्यायालय में मामला चल रहा है।


वर्तमान में उनकी उसी भूखंड पर विपक्षियों द्वारा गृह निर्माण कार्य करवाया जा रहा है, जिसे लेकर उन्होंने धनवार थाना प्रभारी को लिखित आवेदन देकर निर्माण कार्य रोकने की मांग की। लेकिन जब निर्माण कार्य पर पुलिस ने रोक नहीं लगवाया तो उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन दिया लेकिन वहां भी उन्हें कोई न्याय नहीं मिला। अंततः उन्होंने शुक्रवार को गिरिडीह के उपायुक्त रामनिवास यादव से जनता दरबार में मिलकर न्याय की फरियाद लगाया। साथ ही उन्होंने गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक डॉ बिमल कुमार को भी आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाया हैं।


सरिया में भीषण चोरी : आक्रोशित व्यवसायियों एवं स्थानीय लोगों ने किया सड़क जाम

गिरिडीह (Giridih)। जिले के सरिया थाना क्षेत्र में बीती रात भीषण चोरी की घटना घटित हुई है। चोरों ने इस दौरान नगदी व जेवरात समेत 30 लाख कि संपत्ति पर हाथ साफ किया है। इस भीषण चोरी की घटना से लोग काफी आक्रोशित हैं। आक्रोशित लोगों नें सरिया - हजारीबाग रोड़ को जाम कर अविलम्ब मामले की जांच करने और दोषियों को सलाखों के पीछे डालने की पुलिस प्रशासन से मांग की है।


सरिया थाना क्षेत्र पेठियाटांड निवासी व्यवसायी कैलाश मंडल के घर यह भीषण चोरी की घटना घटित हुई है।  गृहस्वामी की माने तो रात में घर के सभी लोग सो रहे थे। इसी दौरान चोरों नें घर का ताला तोड़ कर घर मे धावा बोला और 15 लाख रूपये नगदी ओर लाखों रुपये के जेवरात की चोरी की घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। सुबह जब घर के लोगों की नींद खुली तो घर का सारा सामान बिखरा देखा। 


अलमारी व बक्से को खुला देख सबों के होश उड़ गए। चोरी की घटना के बाद परिवार की महिला का रो रो कर बुरा हाल था।  बहरहाल सरिया थाना की  पुलिस मामले की जांच - पड़ताल करने में जुट गई है।


बता दें कि बीते कुछ दिनों में क्षेत्र में लगातार चोरी,डकैती जैसे अपराधिक घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। लगभग चार महीने के अंतराल में यह आठवीं चोरी की घटना क्षेत्र में घटी है। जिस कारण सरिया के व्यवसायियों, आम जनमानस में खासा आक्रोश देखा गया। आक्रोशित लोगों ने रांची-दुमका सड़क मार्ग को जाम कर दिया और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई व चोरों की गिरफ्तारी की मांग की।


सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंचे बगोदर के पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह ने जहां भुक्तभोगी पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। वहीं उन्होंने प्रशासन इस मामले को जल्द से जल्द उदभेदन करने और क्षेत्र में शांति कायम रहे इस दिशा में उचित कदम उठाने का आग्रह किया।