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शुक्रवार, 24 जुलाई 2020
करोड़ो खर्च के बाद भी एक अदद नाला के अभाव में हो रही किरकिरी

झारोधाम का पवित्र जल व मिट्टी भेजा गया अयोध्या

बर्मा में फंसे है झारखंड के 31 मजदूर, वतन वापसी की लगा रहे गुहार
बर्मा में फंसे है झारखंड के 31 मजदूर, वतन वापसी की लगा रहे गुहार
गिरिडीह : झारखंड के हजारीबाग,बोकारो व गिरिडीह के जिले के मजदूरों का विदेश में फंसने का सिलसिला अब भी जारी है। अब बर्मा की राजधानी म्यान्मार में हजारीबाग,बोकारो व गिरिडीह जिले के के 31 मजदूर है। 6 महीने पूर्व टावर लाइन में काम कराने के सिलसिले में यह सभी बर्मा ले जाये गये थे।
इन मजदूरों को काम के बदले न तो पैसा दिया जा रहा हैं न ही उन्हें वापस घर भेजा जा रहा हैं। वतन वापस आना चाह कर भी पैसों के अभाव में यह सभी मजदूर वहां फंस गए हैं। जिसकी वजह से परिवार वाले काफी परेशान हैं।
बर्मा में फंसे मजदूरों में हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ थाना क्षेत्र के टेकनरायण महतो, सत्यनारायण कुमार महतो, नीलकंठ महतो, केदारनाथ महतो, विवेक कुमार पटेल, रामचंद्र महतो, गंगा महतो, मोहन महतो, बंधन महतो, छट्टू मिस्त्री, अजय कुमार महतो, राम किशुन महतो, उमेश महतो, मनिजर महतो, सुनील कुमार महतो, महेश महतो, छत्रु कुमार महतो, छात्रधारी महतो, खिरोधर महतो, सुरेंद्र कुमार महतो हजारीबाग के टाटीझरिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुनील कुमार महतो और गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के कोलेश्वर महतो, रामदेव मुर्मू, भागिरथ महतो, सरिया थाना क्षेत्र के नीलकंठ महतो, धनेश्वर महतो, परमेश्वर महतो तथा बोकारो जिले के चतरोचट्टी थाना क्षेत्र के रहनेवाले शंकर महतो, लालमन महतो, लखन महतो, जगदीश महतो आदि शामिल हैं।
समाजसेवी सिकन्दर अली ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब दलालों के चक्कर में पड़ कर गरीब तबक़े के लोग विदेशों में फंस जाते हैं। पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिसमें दलाल द्वारा मजदूरों को ज्यादा रुपए कमाने का लालच देकर विदेश भेज देते हैं और वे विदेश जाकर फंस जाते हैं।कहा कि आये दिन गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के आसपास के प्रखंडों के प्रवासी मजदूरों को विदेशों में प्रताड़ित होना पड़ता है। ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत हैं।

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गिरिडीह पुलिस ने किया दो लाख की इनामी महिला नक्सली एरिया कमांडर को गिरफ्तार
गिरिडीह : गिरिडीह पुलिस की उपलब्धियों में एक और इजाफा हुआ है। जिला पुलिस और सीआरपीएफ 154 बटालियन की संयुक्त कार्रवाई में जिले की पुलिस को पुनः एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने वर्षों से फरार चल रही दो लाख की इनामी महिला नक्सली एरिया कमांडर को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है।
गिरिडीह के पुलिस कप्तान अमित रेणु ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर उक्त जानकारी देते हुए बताया कि पीरटांड थाना पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने वर्षों से फरार चल रही दो लाख की इनामी महिला नक्सली को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। उन्होंने ने बताया कि गिरफ्तार महिला नक्सली सुनीता उर्फ कौशल्या उर्फ रमा पर सरकार ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी से जुड़ी यह महिला नक्सली एरिया कमांडर है। जो वर्ष 2000 से गिरिडीह और बोकारो जिला में अपना ठिकाना बनाये रखा था। इसके ऊपर दर्जनाधिक मामले दर्ज है।
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार महिला नक्सली गिरिडीह जिलान्तर्गत वर्ष 2008 में मधुबन थानांतर्गत पारसनाथ पहाड़ी में हुए मुठभेड़ में शामिल थी। साथ ही 2010 में पीरटांड़ थाना क्षेत्र के गिरिडीह-डुमरी मुख्य मार्ग पर स्थित पुलिया को बारूदी सुरंग लगाकर एसआईएस के वाहन को विष्फोट कर उड़ा दिया गया था, जिसमे 05 सेक्युरिटी गार्ड शहिद हो गए थे। इन सब घटनाओं के अतिरिक्त कई आगजनी की घटनाओं और मुखबिरों की हत्या समेत कई जघन्य माओवादी वारदातों में भी शामिल रही है।
पुलिस कप्तान श्री रेनु ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी थी कि महिला नक्सली एरिया कमांडर सुनीता उर्फ कौशल्या उर्फ रमा पीरटांड थाना क्षेत्र में किसी बड़े घटना को अंजाम देने की नीयत से पहुंची हैं। कहा कि उसी सूचना के आलोक में पुलिस ने सीआरपीएफ के साथ मिलकर एलआरपी चलाई और पीरटांड थाना क्षेत्र के गमहारा जंगल से इस महिला नक्सली को धर दबौचने में सफल रही।
एसपी श्री रेणु ने बताया कि सुनीता भाकपा माओवादी के रीजनल कमिटी के सदस्य संजय महतो उर्फ संतोष महतो की पत्नी है। यह हार्डकोर नक्सली जोनल कमांडर नवीन मांझी के साथ भी काम कर चुकी हैं।
गौरतलब है कि गिरिडीह पुलिस के लिये जुलाई का महीना काफी सफलता भरा रहा है। इस माह में गिरिडीह पुलिस ने यह तीसरी उपलब्धि हासिल किया है। इसके पूर्व भी गिरिडीह पुलिस ने एक लाख का इनामी नक्सली को गिरफ्तार करने में सफल रही थी।
नक्सलियों के धड़ पकड़ के लिये चलाये गय अभियान में गिरिडीह पुलिस अधीक्षक अमित रेणु, सीआरपीएफ 154 बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी अजय कुमार रजनीकर, एएसपी अभियान दीपक कुमार, सीआरपीएफ 154 बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी मूलचंद, सीआरपीएफ 154 बटालियन, पीरटांड़ थाना और मधुबन थाना के पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल थे।

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