बर्मा में फंसे है झारखंड के 31 मजदूर, वतन वापसी की लगा रहे गुहार
गिरिडीह : झारखंड के हजारीबाग,बोकारो व गिरिडीह के जिले के मजदूरों का विदेश में फंसने का सिलसिला अब भी जारी है। अब बर्मा की राजधानी म्यान्मार में हजारीबाग,बोकारो व गिरिडीह जिले के के 31 मजदूर है। 6 महीने पूर्व टावर लाइन में काम कराने के सिलसिले में यह सभी बर्मा ले जाये गये थे।
इन मजदूरों को काम के बदले न तो पैसा दिया जा रहा हैं न ही उन्हें वापस घर भेजा जा रहा हैं। वतन वापस आना चाह कर भी पैसों के अभाव में यह सभी मजदूर वहां फंस गए हैं। जिसकी वजह से परिवार वाले काफी परेशान हैं।
बर्मा में फंसे मजदूरों में हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ थाना क्षेत्र के टेकनरायण महतो, सत्यनारायण कुमार महतो, नीलकंठ महतो, केदारनाथ महतो, विवेक कुमार पटेल, रामचंद्र महतो, गंगा महतो, मोहन महतो, बंधन महतो, छट्टू मिस्त्री, अजय कुमार महतो, राम किशुन महतो, उमेश महतो, मनिजर महतो, सुनील कुमार महतो, महेश महतो, छत्रु कुमार महतो, छात्रधारी महतो, खिरोधर महतो, सुरेंद्र कुमार महतो हजारीबाग के टाटीझरिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुनील कुमार महतो और गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के कोलेश्वर महतो, रामदेव मुर्मू, भागिरथ महतो, सरिया थाना क्षेत्र के नीलकंठ महतो, धनेश्वर महतो, परमेश्वर महतो तथा बोकारो जिले के चतरोचट्टी थाना क्षेत्र के रहनेवाले शंकर महतो, लालमन महतो, लखन महतो, जगदीश महतो आदि शामिल हैं।
समाजसेवी सिकन्दर अली ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब दलालों के चक्कर में पड़ कर गरीब तबक़े के लोग विदेशों में फंस जाते हैं। पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिसमें दलाल द्वारा मजदूरों को ज्यादा रुपए कमाने का लालच देकर विदेश भेज देते हैं और वे विदेश जाकर फंस जाते हैं।कहा कि आये दिन गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के आसपास के प्रखंडों के प्रवासी मजदूरों को विदेशों में प्रताड़ित होना पड़ता है। ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत हैं।
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