सोमवार, 7 जनवरी 2019

महज़ जुमलेबाजी बनकर ना रह जाये सवर्ण आरक्षण बिल

सवर्ण आरक्षण बिल को पारित करने के लिए मोदी सरकार के पास है सिर्फ एक दिन

महज़ जुमलेबाजी बनकर ना रह जाये सवर्ण आरक्षण बिल। क्योंकि मोदी सरकार के पास सवर्णों को आरक्षण देने का विधेयक पारित करने के लिए सिर्फ एक दिन का समय है। कल यानी आठ जनवरी को संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है। सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के कैबिनेट में लिए गए फैसले को कानूनी जामा पहनाने के लिए कल का ही वक्त सरकार के पास है। ऐसे में संसद खुलते ही सरकार को लोकसभा में आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के लिए संशोधन विधेयक पेश करना होगा।

लोकसभा में बहुमत है तो सरकार कुछ ही समय में विधेयक पास करा ले जाएगी। फिर क्या यह विधेयक राज्यसभा में भी उसी दिन पास हो पाएगा? वह भी तब, जबकि सरकार के पास उच्च सदन में बहुमत नहीं है। इस प्रस्ताव को संविधान सभा को भेजने की विपक्ष मांग उठा सकता है। जिससे देरी लग सकती है। हालांकि सियासी जानकार बताते हैं कि कांग्रेस सहित कई दल चुनावी सीजन में इसका सपोर्ट भी कर सकते हैं, क्योंकि अगड़ी जातियों को वे भी नाराज नहीं कर सकते।

फिर भी संसद के एक ही कार्यदिवस में इतने बड़े प्रस्ताव के पास होने की उम्मीद कम है। इसके लिए या तो कल चर्चा के दौरान संसद को देर शाम तक गतिशील किया जा सकता है या फिर 11 दिसंबर से आठ जनवरी के शीतकालीन सत्र को दो से तीन दिन बढ़ाने का फैसला हो सकता है। इसके अलावा सरकार के पास कोई चारा नहीं है।


लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सरकार को याद आये सवर्ण

सरकार ने लिया बड़ा फैसला, आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक खेला है! मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि वह सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देगी। सोमवार को मोदी कैबिनेट की हुई बैठक में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है।

सरकार के इस बड़े फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए. पीएम मोदी की नीति है कि सबका साथ सबका विकास। सरकार ने सवर्णों को उनका हक दिया है। पीएम मोदी देश की जनता के लिए काम कर रहे हैं।

मालूम हो कि करीब दो महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार हुई थी। इस हार के पीछे सवर्णों की नाराजगी को अहम वजह बताया जा रहा है।