सोमवार, 9 मार्च 2020

सड़क दुर्घटना में मोटर साइकिल चालक गम्भीर, रेफर

सड़क दुर्घटना मोटरसाइकिल चालक समेत दो घायल, रेफर
गिरिडीह : जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत बेंगाबाद - छोटकी खरगडीहा मुख्य मार्ग में स्थित पेसराटांड नदी के समीप हुई एक सड़क दुर्घटना में मोटर साइकिल चालक समेत दो लोग गम्भीर रूप से घायल हो गये। जिसमे एक महिला भी शामिल है।

घटना के बाद दोनों घायलों को स्थानीय लोगों ने आनन फानन में इलाज हेतु बेंगाबाद स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जंहा प्राथमिक उपचार करने के बाद चिकित्सकों ने उसे गिरिडीह सदर अस्पताल भेजा। जंहा से बेतरह इलाज हेतु उसे रेफर कर दिया गया है।

इस दुर्घटना में मोटर साइकिल चालक को गम्भीर चोटें आयी है। घायल युवक नवडीहा ओपी थाना क्षेत्र का निवासी बताया जाता है।

मनरेगा जेई की मौत को परिजन बता रहे हत्या, दिया थाने में आवेदन, किया निष्पक्ष जांच की मांग

जेई की मौत को परिजन बता रहे हत्या, दिया थाने में आवेदन, किया निष्पक्ष जांच की मांग

गिरिडीह : जिले के गावां में पदस्थापित मनरेगा के कनीय अभियंता 42 वर्षीय जावेद अंसारी की बीमारी से मौत के मामले को परिजन नहीं पचा पा रहे हैं। परिजनों ने उनकी हत्या होने की आशंका जताते हुए पचंबा थाना में आवेदन देकर जांच की मांग की है। मृतक के भाई मो इमरान ने अपने अन्य रिश्तेदारों के साथ पचंबा थाना पहुंचकर थाना प्रभारी से मुलाकात करते हुए अनेक बिदुओं पर जांच करने की गुहार लगाई है। पोस्टमार्टम में मृतक के सिर पर चोट के निशान पाए गए हैं, जिस कारण इस आशंका को बल मिलता है।

इमरान ने बताया कि उनकी तबीयत जब भी खराब होती थी तो वह घर पर इसकी सूचना देते थे, लेकिन उस रात उन्होंने किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी। साथ ही घटना के बाद घर का दरवाजा भी खुला हुआ पाया गया था। ऐसे में आशंका है कि उनकी हत्या को बीमारी से मौत होने का रंग दिया जा रहा है। इमरान ने घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगालने, मोबाइल में उस रात हुई बातचीत के कॉल डिटेल निकालने के अलावा अन्य बिन्दुओं पर निष्पक्ष जांच करते हुए कार्रवाई की मांग की है।

गौरतलब है कि मृतक जेई अंसारी धनबाद जिले के पाथरडीह के रहने वाले थे। वह करीब पंद्रह वर्षों से जिले के विभिन्न प्रखंडों में मनरेगा जेई के रूप में कार्यरत थे।

फिलहाल वह तीन वर्षों से गावां में पदस्थापित थे और छह वर्षों से भंडारीडीह 28 नंबर स्थित आजाद अंसारी के मकान में किराए पर रह रहे थे। 29 फरवरी की रात को उनकी मौत हो गई। इसकी जानकारी लोगों को सुबह होने पर पुलिस व परिजनों को सूचना दी गई थी।

झारखण्ड में राज्यसभा के दो सीटों के लिये चुनाव 26 को, एक सीट झामुमो को मिलना तय दूसरे के लिये मची है घमासान

झारखण्ड के राज्यसभा के दो सीटों में एक झामुमो को मिलना तय

दूसरी राज्यसभा सीट के लिए शह-मात का खेल जारी

बीजेपी के अपने पुराने सहयोगी आजसू के समर्थन की दरकार

रांची : झारखंड की दो राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव के बाद अब राज्यसभा चुनाव में एक बार फिर महागठबंधन और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है. झारखंड कोटे से राज्यसभा की दोनों सीटों को जीतने की जुगत में है तो बीजेपी अपने पुराने सहयोगी आजसू के सहारे एक सीट कब्जाना चाहती है.


राज्यसभा में झारखंड कोटे की दो सीटों में से झारखंड मुक्ति मोर्चा की एक सीट पक्की है. ऐसे में दूसरी सीट पर कांग्रेस या फिर महागठबंधन अपना कैंडिडेट उतारती है तो फिर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच रोचक मुकाबला हो जाएगा. महागठबंधन के पास दूसरी सीट और बीजेपी के पास अपनी एक सीट के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं. ऐसे में दोनों के बीच विधायकों के जोड़-तोड़ की कवायद तेज हो गई है.

महागठबंधन की ओर से जेएमएम ने शिबू सोरेन के रूप में अपना पहला उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जिनका जीतना तय है. वहीं, दूसरा उम्मीदवार जो कि कांग्रेस से होगा, उसकी राह कुछ आसान नहीं है. कांग्रेस के पास जरूरत के हिसाब से विधायकों की संख्या नहीं है. हालांकि, कांग्रेस ने अब तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है. ऐसा ही संकट बीजेपी के सामने भी है, जो अपने पुराने सहयोगी के समर्थन की आस लगाए हुए है.

झारखंड विधानसभा में कुल 81 सदस्यों में से फिलहाल 80 सदस्य हैं. राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के 27 वोट चाहिए. मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लिहाज से जेएमएम के पास 29 सीटें हैं तो कांग्रेस के 16 और जेवीएम छोड़कर आए 2 विधायकों को मिलकर यह संख्या 18 हो गई है. इसके अलावा आरजेडी के 1, एनसीपी के 1, माले के 1 और 2 विधायक निर्दलीय हैं. वहीं, बाबूलाल मरांडी के आने के बाद बीजेपी का आंकड़ा 26 पहुंच गया है और दो विधायक आजसू के हैं.

झारखंड में राज्यसभा चुनाव का इतिहास अक्सर चमत्कारी परिणाम देता रहा है. ऐसे में कांग्रेस अगर अपना प्रत्याशी उतारती है तो फिर मुकाबला काफी दिलचस्प हो जाएगा. झारखंड कोटे से राज्यसभा की दूसरी सीट के लिए कांग्रेस और बीजेपी को दूसरे दलों के विधायकों के सहयोग की जरूरत होगी. आजसू ने मौके की नजाकत को भांपते हुए तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. आजसू ने कहा है कि पार्टी की संसदीय समिति में राज्यसभा चुनाव में समर्थन देने का निर्णय लेगी.

हालांकि, बीजेपी को महज एक विधायक के समर्थन की दरकार है, लेकिन कांग्रेस के सामने 6 विधायकों का समर्थन जुटाने की चुनौती है. कांग्रेस के माले और निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में रखने में कामयाब रहती है तो बीजेपी को जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है. राज्यसभा के लिए सबसे अहम भूमिका अब आजसू और निर्दलीय विधायकों पर है. देखना होगा कि इस शह-मात के खेल में कौन बाजी मारता है.