जेई की मौत को परिजन बता रहे हत्या, दिया थाने में आवेदन, किया निष्पक्ष जांच की मांग
गिरिडीह : जिले के गावां में पदस्थापित मनरेगा के कनीय अभियंता 42 वर्षीय जावेद अंसारी की बीमारी से मौत के मामले को परिजन नहीं पचा पा रहे हैं। परिजनों ने उनकी हत्या होने की आशंका जताते हुए पचंबा थाना में आवेदन देकर जांच की मांग की है। मृतक के भाई मो इमरान ने अपने अन्य रिश्तेदारों के साथ पचंबा थाना पहुंचकर थाना प्रभारी से मुलाकात करते हुए अनेक बिदुओं पर जांच करने की गुहार लगाई है। पोस्टमार्टम में मृतक के सिर पर चोट के निशान पाए गए हैं, जिस कारण इस आशंका को बल मिलता है।
इमरान ने बताया कि उनकी तबीयत जब भी खराब होती थी तो वह घर पर इसकी सूचना देते थे, लेकिन उस रात उन्होंने किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी। साथ ही घटना के बाद घर का दरवाजा भी खुला हुआ पाया गया था। ऐसे में आशंका है कि उनकी हत्या को बीमारी से मौत होने का रंग दिया जा रहा है। इमरान ने घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगालने, मोबाइल में उस रात हुई बातचीत के कॉल डिटेल निकालने के अलावा अन्य बिन्दुओं पर निष्पक्ष जांच करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि मृतक जेई अंसारी धनबाद जिले के पाथरडीह के रहने वाले थे। वह करीब पंद्रह वर्षों से जिले के विभिन्न प्रखंडों में मनरेगा जेई के रूप में कार्यरत थे।
फिलहाल वह तीन वर्षों से गावां में पदस्थापित थे और छह वर्षों से भंडारीडीह 28 नंबर स्थित आजाद अंसारी के मकान में किराए पर रह रहे थे। 29 फरवरी की रात को उनकी मौत हो गई। इसकी जानकारी लोगों को सुबह होने पर पुलिस व परिजनों को सूचना दी गई थी।
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