शनिवार, 13 अक्टूबर 2018

केंद्रीय कोयला मंत्री के उदासीन रवैये से बीसीसीएल मजदूरों में रोष, एम्पा ने की निन्दा

केंद्रीय कोयला मंत्री ने किया धनबाद का दौरा, किया एनटीएससी परियोजना का निरीक्षण

   
धनबाद । कोयला मंत्री पियूष गोयल ने शनिवार को बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र का दौरा किया। दौरा के क्रम में उन्होंने एनटीएसटी परियोजना का निरिक्षण किया और आउटसोर्सिंग परियोजना में जलते कोयला को देखा।

मौके पर उन्होंने गोकुल पार्क स्थित काली मंदिर  प्रांगण में पौधा रोपण भी किया।इसके बाद उनका काफिला बलियापुर हवाई पट्टी के लिए निकल गया।

इस दौरे में मंत्री के साथ धनबाद सांसद पशुपति नाथ  सिंह, विधायक राज सिंहा व फुलचंद मंडल, मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, पुर्व विधायक कुंती देवी, 20 सूत्री उपाध्यक्ष इंदर जीत महतो , सतेंद्र सिंह, सीएमडी बीसीसीएल ए के सिंह, इसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह के अलावा सीआईएसएफ, पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।


मजदूरों से नही मिले मंत्री, मजदूर हुए निराश

गौरतलब हो कि कोयला मंत्री के दौरे को लेकर बीसीसीएल प्रबंधन बीस दिनों से तैयारियों में जुटा था। पूर्व में दो बार दौरा निर्धारित होकर भी रद्द हो गया था। आज के दौरे को लेकर प्रबंधन ने काफी तैयारी की थी। भारी संख्या में कोयला मजदुरो के अलावा पुर्व एवं वर्तमान अधीकारी भी मौजूद थे। जो कोयला मंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखना चाहते थे। प्रबंधन द्वारा उन्हें बताया भी गया था कि कोयला मंत्री उनसे संबाद करेंगे।


घंटों प्रतीक्षा कर रहे कोयला मजदूर, कोयला मंत्री से संबाद करने को लेकर काफी उत्साहित भी थे। लेकिन इनका उत्साह एन वक़्त पर फिका पड़ गया। जब कोयला मंत्री इन लोगों से बिना मिलें वापस लौट गये। घंटों  इन्तज़ार कर रहे अपने ही कोयला मजदुरो से मिलना कोयला मंत्री ने मुनासिब नहीं समझा। कोयला मंत्री के इस रवैए पर कई मजदुरो ने हैरानी जताते हुए कहा कि अगर कोयला मंत्री को हमसे इतना ही नफरत था तो हमें घंटों क्यों बैठा कर रखा गया। मजदुरो ने कहा कि भाजपा सरकार के कोयला मंत्री का मजदुरो के प्रति यह रवैया उचित नहीं है।


एम्पा ने मंत्री के रवैये पर जताया क्षोभ

एम्पा के बीसीसीएल जोन के उपाध्यक्ष बी पी सिंह ने कोयला मंत्री के इस रवैए पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोयला मंत्री ने श्रमिकों एवं अधिकारियों से ना मिल कर गलत किया। वह कोयला मंत्री को मांग पत्र सौंपने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि एम्पा मंत्री के इस हरकत कि निंदा करतीं हैं।

उन्होंने कहा कि बि सी सी एल के सीएमडी एवं डी पी निचे के अधिकारियों की सुनते ही नहीं और कोयला मंत्री भी नहीं सुनें तो आखिर हमारी कौन सुनेगा। मौके पर एम्पा के सचिव जे के सिंह एवं संगठन सचिव ए के शर्मा भी उपस्थित थे। मौके पर आरएस के तहत नियोजन से वंचीत आश्रीतो को भी निराशा हाथ लगी।


पत्रकारों से भी कन्नी काट गये मंत्री

हद तो इस बात की रही कोयला मंत्री के कार्यक्रम में मंत्री से पत्रकारों को मिलने नहीं दिया गये। पुरे कार्यक्रम में पत्रकारों को मंत्री से नहीं मिलने देने के लिए सीआईएसएफ ने एंडी चोटी एक किये रहे।

साम्प्रदायिक सौहार्द का मिशाल है पोबी का दुर्गा पूजा

साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश देता है पोबी का दुर्गोत्सव


जमुआ :  गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखण्ड अंतर्गत ऐतिहासिक ग्राम पंचायत पोबी में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान वर्ष 1830 में वास्तुकला का जीवंत प्राचीन पंचमन्दिर में स्थापित माँ दुर्गा की पाषाण प्रतिमा की पूजा अर्चना अब तक विधिवत जारी है। वर्ष 2007 से इस मंदिर परिसर के कृतिम मण्डप में कलश स्थापना के दिन से ही माँ दुर्गा , लक्ष्मी, सरस्वती, श्रीगणेश, कार्तिक आदि देवी देवताओं की भी प्रतिमा स्थापित कर सामुदायिक सहभागिता से पुरे भक्ति भाव के साथ आस्था पूर्वक पूजन अर्चना किया जाता हैं। 

 गौरतलब है कि यह पोबी गांव एकीकृत बिहार सरकार में तीन बार मंत्री रहे जमुआ प्रखंड के एकमात्र भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी स्व सदानंद प्रसाद की जन्म व कर्मस्थली रही है। इस गांव में होने वाली दुर्गा महोत्सव में हिन्दूओं के अलावे मुस्लिम समुदाय के लोग भी बढ-चढ़ कर भाग लेते हैं और क्षेत्र की अमन, चैन, शांति तरक्की के लिए दुआ करते है। 

मन्दिर के मुख्य पुजारी संपूर्णानंद प्रसाद, युवा समाजसेवी सह मीडिया प्रभारी योगेश कुमार पाण्डेय व पोबी के मुखिया नकुल कुमार पासवान ने बताया कि इस मन्दिर परिसर में अष्टमी से दशमी तक तीन दिवसीय मेला का आयोजन होता हैं। इस दौरान दिन भर वैदिक मंत्रोच्चारण से वातावरण गुंजायमान रहता है। वही भक्ति संध्या कार्यक्रम में प्रतिदिन प्रोजेक्टर के माध्यम से पर्दा पर रामायण, दुर्गा सप्तशती पर आधारित भक्ति सीरियल, चलचित्र दिखाया जाता है। जिससे माहौल पूर्णरूपेण भक्तिमय हो गया है। जिसे देखने प्रतिदिन महिलाओं का हुजूम उमड़ पड़ता है।  
दुर्गा पूजा आयोजन समिति के अधिकारी, सदस्यगण के अलावे ग्रामीण पूरी सिद्दत के साथ जुड़े हुए हैं।

विदित हो कि चित्रांश परिवार से जुड़े इस पोबी गांव के  दर्जनाधिक आई एस, आई पी एस अधिकारी, सहित विदेशो में उच्चस्थ पदों पर आसीन व राजनीति के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले चित्रांश भाई बन्धु दुर्गा पूजा के अवसर पर अपने पैतृक गांव निश्चित तौर पर पहुंचते हैं। जिससे गाँव का वातावरण न केवल पूरी तरह से गुलजार हो जाता हैं बल्कि गांव में काफी चहल पहल हो जाती है। उन सभी चित्रांशों का माँ दुर्गा के पूजन में भी काफी उल्लेखनीय सहयोग रहता है।