सोमवार, 4 मार्च 2019

नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ सह दुर्गा माता प्राण प्रतिष्ठा का हुआ समापन

जागरूकता से ही  होगा लोगों का कल्याण :  साधना शास्त्री 

   
   

 जागरूकता से ही समाज में व्याप्त कुरीतियाँ खत्म होगी। उक्त बातें सोमवार को गिरिडीह जिलान्तर्गत देवरी प्रखंड के नवाअहार में आयोजित नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ सह दुर्गा माता प्राण प्रतिष्ठा का समापन के मौके पर मुख्य प्रवचनकर्ता साधना शास्त्री ने कही।

अपने प्रवचन के दौरान शास्त्री जी ने कहा कि समाज में भ्रूण हत्या, दहेजप्रथा, नशा और मांसाहार जैसीे कई कुरीतियाँ व्याप्त हैं। इन कुरीतियों को खत्म करना जरूरी है।

 उन्होंने कथा व सतसंग से लोगों में जागरूकता आने की बातें कही। शास्त्री जी ने लोगों से अच्छे कर्म करने और सच्चे मार्ग पर चलने की अपील किया। साथ ही उन्होंने लोगों से आपसी भाईचारा बनाकर रखने और एक दूसरे से प्रेम करने की भी वकालत की।

मौके पर यज्ञ कमेटी के अध्यक्ष भुवनेश्वर ठाकुर , सचिव प्रदीप महथा और कोषाध्यक्ष बासुदेव राय ने ग्राम वासियों और आसपास के लोगों को यज्ञ को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया ।

सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण मुरारी शर्मा ने बताया कि  यज्ञ के दौरान नौ दिनों तक गाँव में उत्साह और हर्ष का माहौल बना रहा।  नौजवानों ने सारे कार्यों में बढ चढकर भागीदारी लिया और यज्ञ को सफल बनाया।  

मौके पर  भागीरथ राय , त्रिपुरारी शर्मा , बालकृष्ण देव राय , इन्द्रदेव महथा , अँग्रेज महथा ,  अजय शर्मा , रामप्रसाद महथा , बालमुकुंद महथा , सदानंद ठाकुर , बहादुर ठाकुर ,  राजेंद्र प्रसाद शर्मा , यमुना शर्मा , छत्रधारी हजरा , शीवकुमार हजरा , शक्ति राय , रामजी राय , गोपाल राय , प्रकाश राय , सुरो राय , मनोज महथा , अशोक महथा , भवानी राय , अनीता देवी , रानी शर्मा , शिखा शर्मा सहित सैकडों लोग मौजूद थे ।

पारसनाथ- गिरिडीह नई रेल परियोजना का हुआ शिलान्यास

पारसनाथ -गिरिडीह नई रेल परियोजना का हुआ शिलान्यास

        राजेश,पत्रकार,गिरिडीह। 4 मार्च2019


          गिरिडीहवासियों और जैन धर्मावलम्बियों की लम्बे समय से जारी पारसनाथ -गिरिडीह भाया मधुबन रेल परियोजना की मांग पर सोमवार को अमली जामा पहना कर भारतीय रेल प्रशासन ने उस चीर कालीन मांग पर विराम लगा दिया।

धनबाद रेल मण्डल के पारसाथ रेलवे स्टेशन पर सोमवार को इस नई रेल परियोजना पारसनाथ- गिरिडीह भाया मधुबन का गिरिडीह के सांसद रविंद्र कुमार पाण्डेय ने शिलान्यास करते हुए इस परियोजना का भूमि पुजन किया। इस मौके पर डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो एवं गिरिडीह विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी मुख्य रूप से उपस्थित थे।

चार वर्षों मे पूर्ण होगी यह परियोजना

यह नई रेल परियोजना कुल 972 करोड़ की लागत से पूर्ण होगी। लागत का 50 प्रतिशत राज्य सरकार और 50 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करेगी। इस परियोजना के पूर्ण करने होने हेतु चार वर्षों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

प्रस्तावित हाल्ट एवं स्टेशन :

        पारसनाथ-गिरिडीह नई रेल परियोजना के रास्ते में दो क्रासिंग स्टेशन व दो हाल्ट प्रस्तावित है। जिसमें पहला हाल्ट पारसनाथ से 6:3 किमी पर चैनपुर (CHAINPUR HALT) होगा। जबकि पहला क्रासिंग स्टेशन से 13:7 किमी पर मधुबन (MADHUBAN) होगा और दूसरा क्रासिंग स्टेशन 23:8 किमी पर कुम्हारटोला (KUMHAR TOLA) होगा।  वंही इस पथ का दूसरा हाल्ट 30:5 किमी पर लखियातार हाल्ट (LAKHIATAR HALT) होगा।
 यह रेल पथ पारसनाथ से 37:7 किमी पर स्थित कोडरमा-गिरिडीह रेल पथ के सलैया (SALAIYA) स्टेशन पर जुड़ कर न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन पहुंचेगी।

49 किमी की प्रस्तावित है यह रेल पथ :-

      पारसनाथ-गिरिडीह रेल पथ 49 किमी की प्रस्तावित है। जो पारसनाथ से महेशमुण्डा को दर्शाता है। जिसमे समझा जाता है कि जमीनी कार्य मात्र 37:700 किमी तक की करने की आवश्यकता होगी। क्योंकि सलैया स्टेशन के बाद पारसनाथ से 43:7 किमी पर न्यू गिरिडीह स्टेशन और 49 वें किमी पर महेशमुण्डा स्टेशन तक रेल लाइन चालु है। जिसमे फिलवक्त कोडरमा से महेशमुण्डा और कोडरमा से मधुपुर रेल सेवा चालु है।

शिलान्यास कार्यक्रम में थे शामिल

पारसनाथ-गिरिडीह नई रेल परियोजना के शिलान्यास सह भूमि पुजन कार्यक्रम में धनबाद रेल मण्डल के डीआरएम अनिल कुमार मिश्रा, चीफ डिभीजनल मैनेजर कामर्शियल आशीष कुमार, चीफ डिभीजनल इंजीनियर कार्डिनेटर बी के सिंह, चीफ डिभीजनल सिक्युरिटी कमिश्नर बिनोद कुमार, डिप्टी चीफ इंजीनियर कन्स्ट्रक्शन एस के झा एवं अजीत कुमार के अलावे काफी संख्या में डुमरी के ग्रामीण व भाजपा तथा झामुमो के कार्यकर्ता उपस्थित थे।   वंही इस ऐतिहासिक जनसरोकार से जुड़ीं शिलान्यास सह भूमि पुजन कार्यक्रम में गिरिडीह जिला चेम्बर आफ कॉमर्स के पदाधिकारीगण मुख्य रुप से उपस्थित होकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया। चेम्बर के पदाधिकारियों में  निर्मल झुनझुनवाला, अमरजीत सिंह सलूजा, प्रदीप डोकानियां, राजेन्द्र बगेडिया आदि शामिल थे।

बड़ा सवाल : क्या वाक़ई आतंकी मसूद अजहर मारा गया या दुहरायी जा रही सद्दाम की कहानी

कहीं सद्दाम हुसैन की कहानी तो नहीं दोहराई जा रही ! क्या वाक़ई आतंकी मसूद अजहर मारा गया


विश्व के चोटी के आतंककारियों में शामिल जैश ए मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर की दो दिन पहले बीमारी और अब उसकी मौत की खबर आई है, लेकिन भारत के बालाकोट हमले से पहले उसके बीमार होने के कोई संकेत नहीं थे। अगर भारतीय खुफिया एजेंसियों के लगातार दिए जा रहे इनपुट पर भरोसा किया जाए तो पुलवामा हमले तक मसूद अजहर पूरी तरह स्वस्थ था। 

बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का जवाबी हमला हुआ। जिसके विफल हो जाने के बाद अचानक पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कसूरी का बयान आता है कि मसूद अजहर बीमार है और घर से बाहर भी नहीं आ सकता। अभी इस खबर का विश्लेषण किया ही जा रहा था कि अचानक अजहर की मौत की खबर आती है। हालांकि अभी उसकी मौत की पुष्टि नहीं हुई है।

करीब डेढ़ दशक से अधिक समय पूर्व 13 दिसम्बर 2003 को अमेरिका की चौथी इंफैंट्री की पहली बिग्रेड की काम्बेट टीम ने इराकी शहर तिरकित के नजदीक अद्वार नामक स्थान पर छुपे इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन को पकड़ लिया था। जबकि अमेरिकी नेतृत्व में नाटो फौजों के इराक पर हमले के दौरान ​मौत के घाट उतार दिए जाने की खबर ठीक ऐसे ही आई थी जैसे अभी मसूद अजहर की बीमारी और उसकी मौत की आई है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसी को इस खबर पर यकीन नहीं हुआ था और उसने सद्दाम को ढूंढने की मुहिम जारी रखी और आखिरकार चार साल से अधिक अवधि बीत जाने के बाद सीआईए ने उसे ढूंढ निकाला। बाद में उसे फांसी दे दी गई।