शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

तीन साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर नहीं रहेगा कोई क्लर्क

 तीन साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर नहीं रहे कोई क्लर्क


शिक्षा विभाग ने जिलों को दिया निर्देश

आदेश नहीं मानने वाले क्लर्कों को दी जाये अनिवार्य सेवानिवृत्ति


न्यूज़ अपडेट,रांची :  स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रमंडल, जिला और अन्य कार्यालयों के अलावा स्कूलों में कार्यरत कोई भी क्लर्क तीन साल से अधिक समय तक एक ही जगह पदस्थापित नहीं रहेगा। विभाग ने ऐसे सभी लिपिकों की पहचान कर उनका तबादला करने का आदेश दिया है। 

यह भी कहा गया है कि जो क्लर्क व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए तबादले के बाद नवपदस्थापन जगह पर योगदान देने से इन्कार करते हैं तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने पर विचार किया जाएगा।

डीईओ और डीएसई को दिया गया निर्देश

विभाग के संयुक्त सचिव आदित्य कुमार आनंद ने इस आशय का आदेश जारी करते हुए सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को इसे अविलंब लागू करने को कहा है। उन्होंने पांचों प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी लिपिक एक कार्यालय में तीन वर्ष से अधिक समय तक पदस्थापित न रहे।
           तबादले में कैबिनेट विभाग द्वारा 8 दिसंबर 2017 को जारी आदेश लागू होगा। अर्थात ऐसा तबादला अगले जून माह में ही होगा। तबतक ऐसे लिपिकों की पहचान के अलावा अन्य प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

एक ही स्थान पर जमे रहने से क्लर्क करते हैं मनमानी 

संयुक्त सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्कूलों में कार्यरत लिपिकों को भी इसी के अनुरूप तबादला करने को कहा है। यह भी कहा गया है कि इसकी मॉनीटरिंग विशेष सचिव सह माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में प्रमंडलीय नोडल पदाधिकारियों के साथ की जाएगी। विभाग का मानना है कि एक जगह बहुत दिन तक यदि कोई क्लर्क रहता है तो वह मनमानी करने लगता है। वह अपनी सुविधा के अनुसार चीजें थोपने लगता है।

होगी बाबू वाली संस्कृति का खात्मा

इस आदेश के बाद ऐसे क्लर्क पर नकेल कसेगी। विभाग के कामकाज में भी सुधार होगा। बाबू वाली संस्कृति भी खत्म होगी। 

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के समक्ष संताल प्रमंडल में लिपिकों के स्थानांतरण में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। वहां लिपिकों के तबादला करने के बाद फिर से पुराने पदस्थापित स्थल पर उनका नियम विरुद्ध प्रतिनियोजन कर दिया गया है। यह मामला सामने आने के बाद ही विभाग ने उक्त आदेश जारी किया।

भाजपा विधायक ढुल्लू महतो की विधायकी खतरे में

भाजपा विधायक ढुल्लू महतो की विधायकी खतरे में

भाजपा को लग सकता है बड़ा झटका


बियाडा के पूर्व चेयरमैन ने स्पीकर को लिखा है पत्र, किया ढुल्लू महतो का निर्वाचन रद्द करने की मांग  

सुप्रीम कोर्ट द्वारा केरल के विधायक के मामले में दिये फैसले का दिया है हवाला 


न्यूज़ अपडेट, रांची : बाघमारा से भाजपा के विधायक ढुल्लू महतो की विधायकी खतरे में है। बोकारो इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (बियाडा) के पूर्व चेयरमैन और सामाजिक कार्यकर्ता बिजय कुमार झा ने झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने श्री महतो का निर्वाचन रद्द करने की मांग की है। श्री झा ने केरल के एक विधायक के निर्वाचन को रद्द करनेवाले सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ के फैसले का हवाला भी दिया है।

ढुल्लू महतो को हो चुकी है कुल 72 महीने की सजा

श्री झा ने अपने आवेदन के साथ वर्ष 2005 में केरल के विधायक पी जयराजन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रति भी संलग्न की है। साथ ही कहा है कि ढुल्लू महतो को अलग-अलग मामलों में कुल 72 महीने की सजा हो चुकी है। चूंकि केरल के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट विधायक के निर्वाचन को रद्द कर चुका है। इसलिए ढुल्लू महतो की भी विधायकी खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी मामले में दो साल से अधिक की सजा हो जाती है, तो वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रह जाता।

रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट की कराया है स्पीकर का ध्यानाकृष्ट 

श्री झा ने रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट-1951 के सेक्शन 8(3) के उस प्रावधान की ओर स्पीकर का ध्यान आकृष्ट कराया है, जिसमें कहा गया है कि ‘न्यूनतम दो साल की सजा’ तय करते समय व्यक्ति को मिली पूरी सजा को जोड़कर देखा जायेगा। श्री झा का कहना है कि ढुल्लू महतो को भले एक मामले में दो साल से अधिक की सजा नहीं हुई हो, लेकिन उन्हें अलग-अलग मामलों में जो सजा हुई है। वह 72 महीने यानी छह साल हो जाती है। इस लिहाज से वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रह जाते।

व्यवसायी निर्मल झुनझुनवाला से ठगी मामले में ठग गिरफ्तार

गिरिडीह के व्यवसायी निर्मल झुनझुनवाला से ठगी मामले में ठग गिरफ्तार

गिरिडीह : गिरिडीह के व्यवसायी निर्मल झुनझुनवाला से 80 लाख की ठगी मामले में गिरिडीह पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस मामले में एम यू हेनरी उर्फ डॉ. एलेक्स डेविड नामक एक ठग को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है।

एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने शुक्रवार को बताया कि डॉ एलेक्स डेविड एक दवा कंपनी का प्रतिनिधि बनकर गिरिडीह के व्यवसायी से बीते वर्ष 2019 के 7 नवम्बर को राँची में मिला था। दोनों के बीच हुई मुलाकात के बाद रेमान्सिन ऑयल की सप्लाई के एवज में व्यवसायी निर्मल झुनझुनवाला से  80 लाख रुपये का ऑनलाइन पेमेंट लिया गया था।

 बाद में पुनः व्यवसायी झुनझुनवाला से 50 लाख रुपये की और मांग की गयी थी। जिससे शक होने पर व्यवसायी ने जब उसकी जाँच पड़ताल शुरू किया, तो पता चला कि फर्जी वेबसाइट के सहारे रुपये की ठगी की गई।

इस बावत व्यवसायी निर्मल झुंझनवाला ने गिरिडीह के साइबर थाना में 30 दिसम्बर 2019 को एक मामला दर्ज कराया था।

अमन हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जुटी है पुलिस

अमन हत्याकांड का राज उगलवाने में जुटी है पुलिस


प्रेमिका व उसकी मां को हिरासत में ले जुटी है पूछताछ में 

गिरिडीह : पचंबा थाना क्षेत्र के पेठियाबागी शंकर माइका गली निवासी किशोर अमन कुमार शर्मा हत्याकांड मामले में पुलिस उसकी कथित प्रेमिका व प्रेमिका की मां को हिरासत में लेकर हत्या का राज उगलवाने में जुटी है। 

मृतक के पिता मनोज शर्मा के बयान के आधार पर पचंबा के अरबाज को हिरासत में लिया गया है। अरबाज का अमन के साथ झगड़ा होने के बाद हाल ही में फिर से दोस्ती हुई थी। मृतक अमन का देवघर जिले के मधुपुर की एक नाबालिग से प्रेम प्रसंग चल रहा था। घटना के दिन करीब चार बजे तक अमन की अपनी प्रेमिका से बातचीत हुई थी। उसके बाद शाम सात बजे के बाद किसी के बुलाने पर वह सब्जी की दुकान में मोबाइल चार्ज में लगा कर चला गया था।

रात भर घर नहीं लौटने के बाद बुधवार की सुबह बोड़ो करबला के नीचे रेलवे ट्रैक से चंद कदम पहले झाड़ियों के पास से अमन शर्मा उर्फ़ अमन राणा का पत्थर से चेहरा कूचा हुआ शव  बरामद किया गया था। पत्थर से कूचकर उसकी हत्या की गई थी।

 प्रेमिका से बातचीत होने के मामले की तहकीकात करते हुए पचंबा पुलिस की टीम बुधवार को देवघर जिले के मधुपुर पहुंची। स्थानीय पुलिस के सहयोग से मृतक की प्रेमिका व उसकी मां को रात में ही हिरासत में लेते हुए पूछताछ के लिए पचंबा ले आयी है। पुलिस उक्त दोनों से गहन पूछ ताछ करने में जुटी है।

वार्ड-पार्षद के पति पर जान लेवा हमला, गम्भीर

वार्ड-पार्षद के पति पर जान लेवा हमला, गम्भीर

गिरिडीह: नगर थाना क्षेत्र के कोलडीहा में वार्ड नम्बर 24 की वार्ड पार्षद शबाना परवीन के पति नुरूल होदा पर शुक्रवार को दिनदहाड़े जानलेवा हमला किया गया। जिसमे वह गम्भीर रूप से घायल हो गये।

 आनन फानन में उन्हें गिरिडीह सदर अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती कराया गया है। जंहा उनकी स्थिति गम्भीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस और नगर निगम के अधिकारी आदि लोग मामले की जाँच पड़ताल में जुट गये हैं।

घटना के सम्बन्ध में बताया जाता है कि शहरी क्षेत्र के कोलडीहा इलाके में इन दिनों लगातार चोरी की घटनाएं घटित हो रही थी।  कुछ  चोरों को वार्ड पार्षद के पति नुरुल पहचान चुके थे, और विरोध कर रहे थे। इसी से तिलमिलाए अपराधियों ने उनपर जानलेवा हमला कर दिया।

घटना की सूचना पर मेयर सुनील पासवान सदर अस्पताल पहुंचे और घायल नुरूल का हालचाल जाना। उन्होंने नगर थाना पुलिस से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग किया है।

नये साल 2020 में 8 महीने बजेगी शादी की शहनाइयां

नये साल में 8 महीने बजेगी शादी की शहनाइयां

16 जनवरी से शुरू होंगे शुभ कार्य 

साल 2020 में पिछले साल से कम है विवाह के मुहूर्त

जानें आखिर क्यों कम हैँ विवाह मुहूर्त

न्यूज़ अपडेट, न्यूज़ डेस्क :  नया साल आ चुका है और अब मकर संक्रांति के बाद जब खरमास समाप्त हो जाएगा तो 16 जनवरी से शुभ कार्य भी शुरू हो जाएंगे। अब तक जो मांगलिक कार्यक्रम रुके हुए थे वे शुरू हो जाएंगे। वहीं हमारे हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त का होना जरूरी होता है।

 शुभ मुहूर्त का अपना विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार कोई भी मांगलिक कार्य करने से पहले शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है।

मान्यता है कि शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि में किया जाने वाला कोई भी काम सफल होता है। इसका विशेष फल भी मिलता है। वहीं विवाह संपन्न कराने के लिए शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि जरूर देखी जाती है।वहीं जिन लोगों की शादी की बात चल रही है, उन्हें साल 2020 में शुभ मुहूर्तों को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि नए साल में 8 महीने शादी की शहनाइयां बज सकेंगी।


14 जनवरी को खरमास समाप्त होते ही 16 जनवरी से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। जुलाई, अगस्त, सितंबर व अक्टूबर माह में शादियों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है, जबकि बाकी 8 महीने में इतने ज्यादा मुहूर्त हैं कि शादी की तारीख तय करने में दिक्कत नहीं होगी।

फरवरी व मई में ही 31 शुभ मुहूर्त हैं, जबकि सबसे कम 2 शुभ मुहूर्त नवंबर में हैं। साल 2020 में 65 दिन विवाह मुहूर्त है वहीं 2019 में पूरे साल 78 दिन विवाह मुहूर्त थे। खास बात यह है कि इस बार जुलाई के माह में एक भी दिन विवाह का मुहूर्त नहीं है। वजह देवशयनी एकादशी 1 जुलाई को है, जबकि देव उठनी एकादशी 25 नवंबर को होगी। यानी इस बार देव चार की बजाए करीब पांच माह (148 दिन) विश्राम करेंगे, वहीं चातुर्मास की अवधि भी इतने ही दिन की रहेगी।

पिछले साल 2019 चातुर्मास की अवधि 118 दिन थी, जबकि इस बार 148 दिन रहेगी। इसका दूसरा कारण यह भी है कि 2020 अधिकमास वाला साल भी है। खरमास जारी रहने से विवाह 16 जनवरी से प्रारंभ होंगे। इसके बाद मार्च में एक माह का खरमास प्रारंभ होगा। इन कारणों से विवाह मुहूर्त की संख्या घट गई है। साल के अंतिम दो माह नवंबर-दिसंबर में सिर्फ 9 दिन ही विवाह होंगे।

नए वर्ष में अधिकमास (पुरषोत्तम माह) होने से विवाह मुहूर्त के दिन घट गए हैं। इसी तरह 2019 में 1 से 11 जुलाई तक विवाह मुहूर्त थे और देवशयनी एकादशी 12 जुलाई को थी।
इस बार 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी से विवाह बंद हो जाएंगे, जो 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी से ही प्रारंभ होंगे। गत वर्ष देवशयनी एकादशी 12 जुलाई व देवउठनी एकादशी 8 नवंबर को थी। इस 118 दिन की अवधि में विवाह बंद थे, लेकिन इस बार देवों के विश्राम व चातुर्मास की अवधि 148 दिन की रहेगी। इस अवधि में विवाह नहीं होंगे।


साल 2020 में ये है विवाह के मुहूर्त की सूची ....

जनवरी 2020 विवाह मुहूर्त- कुल 10 दिन
16 जनवरी गुरु माघ कृ. षष्ठी
17 जनवरी शुक्र माघ कृ. सप्तमी
18 जनवरी शनि माघ कृ. नवमी
19 जनवरी रवि माघ कृ. दशमी
20 जनवरी सोम माघ कृ. एकादशी
26 जनवरी रवि माघ शु. द्वितीया
29 जनवरी बुध माघ शु. चतुर्थी
30 जनवरी गुरु माघ शु. पंचमी
31 जनवरी शुक्र माघ शु. षष्ठी

फरवरी 2020 विवाह मुहूर्त- कुल 13 दिन
1 फरवरी शनि माघ शु. सप्तमी
3 फरवरी सोम माघ शु. नवमी
4 फरवरी मंगल माघ शु. दशमी
9 फरवरी रवि माघ पूर्णिमा
10 फरवरी सोम फाल्गुन कृ. प्रतिपदा
11 फरवरी मंगल फाल्गुन कृ. तृतीया
14 फरवरी शुक्र फाल्गुन कृ. षष्ठी
15 फरवरी शनि फाल्गुन कृ. सप्तमी
16 फरवरी रवि फाल्गुन कृ. अष्टमी
25 फरवरी मंगल फाल्गुन शु. द्वितीया
26 फरवरी बुध फाल्गुन शु. तृतीया
27 फरवरी गुरु फाल्गुन शु. चतुर्थी
28 फरवरी शुक्र फाल्गुन शु. पंचमी

विवाह मुहूर्त मार्च 2020- कुल 2 दिन
10 मार्च मंगल चैत्र कृ. प्रतिपदा
11 मार्च बुध चैत्र कृ. द्वितीया

विवाह मुहूर्त अप्रैल 2020- कुल 4
16 अप्रैल गुरु वैशाख कृ. नवमी
17 अप्रैल शुक्र वैशाख कृ. दशमी
25 अप्रैल शनि वैशाख शु. द्वितीया
26 अप्रैल रवि वैशाख शु. तृतीया

विवाह मुहूर्त मई 2020- कुल 10 दिन
1 मई शुक्र वैशाख शु. अष्टमी
2 मई शनि वैशाख शु. नवमी
4 मई सोम वैशाख शु. एकादशी
5 मई मंगल वैशाख शु. त्रयोदशी
6 मई बुध वैशाख शु. चतुर्दशी
15 मई शुक्र ज्येष्ठ कृ. अष्टमी
17 मई रवि ज्येष्ठ कृ. दशमी
18 मई सोम ज्येष्ठ कृ. एकादशी
19 मई मंगल ज्येष्ठ कृ. द्वादशी
23 मई शनि ज्येष्ठ शु. प्रतिपदा

विवाह मुहूर्त जून 2020- कुल 6 दिन
11 जून गुरु आषाढ़ कृ. षष्ठी
15 जून सोम आषाढ़ कृ. दशमी
17 जून बुध आषाढ़ कृ. एकादशी
27 जून शनि आषाढ़ शु. सप्तमी
29 जून सोम आषाढ़ शु. नवमी
30 जून मंगल आषाढ़ शु. दशमी

विवाह मुहूर्त नवंबर 2020- कुल 3 दिन
27 नवंबर शुक्र कार्तिक शु. द्वादशी
29 नवंबर रवि कार्तिक शु. चतुर्दशी
30 नवंबर सोम कार्तिक पूर्णिमा

विवाह मुहूर्त दिसंबर 2020- कुल 5
1 दिसंबर मंगल मार्गशीर्ष कृ. प्रतिपदा
7 दिसंबर सोम मार्गशीर्ष कृ. सप्तमी
9 दिसंबर बुध मार्गशीर्ष कृ. नवमी
10 दिसंबर गुरु मार्गशीर्ष कृ. दशमी
11 दिसंबर शुक्र मार्गशीर्ष कृ. एकादशी

नया साल 2020 का पहला चन्द्रग्रहण आज

नया साल 2020 का पहला चन्द्रग्रहण आज



 चन्द्रग्रहण का सूतक 4घण्टे 05 मिनट का होगा

10 जनवरी को रात 10:37 बजे से शुरू होगा ग्रहण और रात्रि  02:42 बजे तक चलेगा


न्यूज़ अपडेट, न्यूज़ डेस्क :  साल 2020 का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण आज 10 जनवरी (दिन- शुक्रवार) को पड़ेगा। यह चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को रात 10:37 बजे शुरू होगा और  02:42Am तक चलेगा। यानी यह पहला ग्रहण 04 घंटे 05 मिनट तक चलेगा। चूंकि ग्रहण के 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक सूतक रहता है, ऐसे में मंदिरों और धार्मिक स्थलों के कपाट घ्रहण के दौरान बंद रहेंगे। ग्रणह समाप्त होने के अगले बाद अगले दिन दोपहर बाद मदिरों को गंगाजल से पवित्र किया जाएगा और फिर से पूजा पाठ शुरू होगा। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर बाहर नहीं निकलने की सला दी जाती है। जिससे के गर्भ में पल रहे बच्चे पर कोई बुरा असर न पड़े।

भारत में भी दिखेगा चंद्र ग्रहण

इस बार का चंद्र ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा। साथ ही यूरोप, एशिया अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीपों के कई इलाकों में देखा जा सकेगा। बता दें कि इस नये साल 2020 में चार चंद्रग्रहण हैं।

 ग्रहण सूतक काल

किसी भी ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक के समय को ग्रहण काला माना जाता है।
चंद्र ग्रहण यदि 10 जनवरी को रात साढ़े दस बजे के बाद से शुरू होगा तो इससे पहले दिन में सुबह साढ़े बजे से ही सूतक काल शुरू हो जाएगा।

सूतक काल में शुभ कार्य का प्रारंभ करना मना होता है। यह सूतक काल ग्रहण के अगले दिन 11 जनवरी 2020 दोपहर 02:42 माना जाएगा। इसके बाद लोग स्नानादि करके दान आदि करेंगे।

चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक कारण

खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध पर आते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्र ग्रहण होता है। इसी प्रकार जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है यानी सूर्य के प्रकाश को आशिंक या पूरा कुछ समय के लिए रोक लेती है तो सूर्य ग्रहण होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है इसका किसी के जीवन पर बुरा या अच्छा  असर नहीं होता।

पत्रकार गौरी लंकेश का हत्यारा धनबाद से गिरफ्तार

 धनबाद से गिरफ्तार हुआ पत्रकार गौरी लंकेश का हत्यारा 

न्यूज़_अपडेट_धनबाद : बेंगलुरु की सांध्य मैगजीन लंकेश पत्रिका की सम्पादक पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कांड का आरोपी ऋषिकेश देवडीकर को झारखंड के धनबाद से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है। 


आरोपी ऋषिकेश कतरास के व्यवसायी प्रदीप खेमका के पेट्रोल पंप में पहचान छिपा कर रह रहा था। उसे बेंगलुरु की एसआईटी ने छापेमारी कर धर दबोचा है।

विदित हो कि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में हुई थी। पुलिस ने बताया कि तीन संदिग्ध गौरी के घर में घुसे और उन पर नजदीक से गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। 55 साल की गौरी लंकेश मशहूर कवि और पत्रकार पी लंकेश की बेटी थीं। वह सांध्य मैगजीन लंकेश पत्रिका की संपादक थीं। वह दक्षिणपंथी संगठनों के खिलाफ मुखर थीं और कई कट्टर हिंदूवादी संगठनों से उन्हें धमकियां भी मिल रही थीं।

बाबूलाल नेता प्रतिपक्ष और सरयू पार्टी अध्यक्ष हो सकते हैं

*बाबूलाल नेता प्रतिपक्ष और सरयू पार्टी अध्यक्ष हो सकते हैं !*


रांचीः झारखंड की राजनीति में अगले कुछ दिन काफी सनसनीखेज हो सकते हैं। कई बड़े राजनीतिक बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। चुनाव बाद राजनीति फिर गरमा सकती है। झारखंड विकास मोरचा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी व भाजपा से बागी होकर रघुवर दास को परास्त करने वाले सरयू राय चौंका सकते हैं। वही 2 सीटों से जीत हासिल करने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका सीट भले छोड़ चुके हैं,पर इसे वे अपने ही घराने में रखना चाहते हैं। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन इस सीट से झामुमो की उम्मीदवार बन सकती हैं।



*बाबूलाल मरांडी थाम सकते हैं भाजपा का झंडा, बन सकते हैं नेता प्रतिपक्ष*

झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी समेत तीन विधायक चुने गये हैं। प्रदीप यादव राजद और झामुमो से संपर्क बनाये हुए हैं। बंधु तिर्की की नजर झामुमो की ओर है। खुद सुप्रीमो भाजपा के संपर्क में हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि बाबूलाल मरांडी की भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से बात हो चुकी है। अगर वह भाजपा में शामिल होते हैं तो उन्हें विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाया जा सकता है।
भाजपा को एक मुखर और कद्दावर आदिवासी चेहरे की विधानसभा में सख्त जरूरत है। भाजपा के पास महज दो आदिवासी चेहरे फिलवक्त हैं- नीलकंठ सिंह मुंडा और कोचे मुंडा। लेकिन ये बाबूलाल मरांडी के मुकाबले कम मुखर हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यह जान चुका है कि पार्टी में बतौर मुख्यमंत्री किसी आदिवासी चेहरे को पेश न कर पाने की उसे कीमत चुकानी पड़ी है।

*सरयू राय की हो सकती है भाजपा में वापसी, मिल सकती है संगठन की कमान*

तीसरी बड़ी सूचना अगर सच है तो सरयू राय की भाजपा में वापसी हो सकती है। इसके लिए भाजपा के भीतर ही दबंगता से बात उठ रही है। आरएसएस बैकग्राउंड और पार्टी के समर्पित नेता के रूप में उनकी पहचान रही है। वह कई बार कह भी चुके हैं कि एक आदमी की वजह से झारखंड में भाजपा जैसे सशक्त संगठन को दुर्गति झेलनी पड़ी है। उन्होंने यहां तक कहा है कि भाजपा के संस्कार उनके भीतर इस तरह भरे पड़े हैं कि बाहर रहते हुए भी उसे छोड़ या भुला पाना उनके लिए आसान नहीं। पार्टी में उनके समर्थकों-पैरोकारों की कमी नहीं है। समझा जाता है कि भाजपा उन्हें ससम्मान पार्टी में वापस लाना चाहती है। अगर वह लौटते हैं तो उन्हें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मवारी सौंप सकती है।

*हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन हो सकती हैं दुमका से झामुमो प्रत्याशी*

तीसरी राजनीतिक बदलाव हेमंत सोरेन को लेकर है। वे दुमका और बरहेट सीटों से चुनाव जीते हैं। बरहेट उनकी पारंपरिक सीट है। इस बार उन्होंने दुमका में भाजपा की लूइस मरांडी को करीब 13 हजार वोटों से पराजित किया था। पिछली बार इस सीट पर हेमंत को हार का सामना करना पड़ा था। हेमंत ने दुका सीट खाली कर दी है, लेकिन वहां के लोगों के स्नेह और सहयोग को देखते हुए अपरोक्ष तौर पर वे इस सीट को भी अपने पास ही रखना चाहते हैं। इसलिए दबी जुबान यह चर्चा जोरों पर है कि दुमका सीट पर हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को उम्मीदवार बनायेंगे। इससे हेमंत सोरेन को दो फायदे होंगे। पहला यह कि दुमका सीट छोड़ने के बावजूद पत्नी के बहाने उस सीट पर उनकी मौजूदगी बरकरार रहेगी।
अब आते हैं हेमंत सरकार बिना शर्त बाहर से समर्थन दे रहे तीन सदस्यों वाले झारखंड विकास मोर्चा पर। बाबूलाल मरांडी अब यह मान चुके हैं कि वे अकेले अपना राजनीतिक कैरियर बरकरार नहीं रख सकते। उनके दो साथियों में एक प्रदीप यादव झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनकर विधानसभा जरूर पहुंचे हैं, लेकिन उनकी दलीय निष्ठा पर संदेह जताये जा रहे हैं। चुनाव जीतने के तुरंत बाद वे रिम्स के पेयिंग वार्ड में भर्ती लालू प्रसाद से मिलने पहुंचे थे। पिछले अनुभव और ताजा हालात भी इसी बात की ओर इशारा करते हैं कि झाविमो के विधायक पाला बदल में माहिर हैं। अंदेशा है कि प्रदीप यादव भी पाला बदल सकते हैं। राजनीतिक कैरियर के आखिरी पड़ाव पर पहुंचे बाबूलाल मरांडी अब और जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। सूचना है कि बाबूलाल मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बातचीत कर ली है। प्रधानमंत्री राजी भी हैं। उनकी दिली इच्छा भी है कि बाबूलाल मरांडी अपने मूल कैडर भाजपा में लौट आएं। नई विधानसभा का सत्र शुरू होने के दिन तक प्रमुख विपक्षी दल भाजपा की ओर से किसी नेता का नहीं चुना जाना इस बात का संकेत है कि पार्टी किसी बड़ी योजना पर काम कर रही है।

पत्रकारों को केंद्र सरकार का तोहफा

देश_के_पत्रकारों_को_केंद्र_सरकार_का_तोहफा
'पत्रकार वेलफेयर स्कीम' में हुआ संशोधन,लाभान्वित होंगे सभी पत्रकार

#केंद्र_सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने के लिए "पत्रकार वेलफेयर स्कीम" में संशोधन कर दिया है, यह देशभर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया है, दरअसल केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को फरवरी 2013 में लागू किया गया था, अब इसमें संशोधन किया गया है, जिसका फायदा सभी जर्नलिस्ट्स ले सकेंगे।
 यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी, वहीं इलाज के लिए भी पत्रकार को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
 इस योजना की पात्रता के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, जिसके संरक्षक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री होंगे, वहीं विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक, एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव समिति के सदस्य हैं, वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव अथवा निदेशक सदस्य संयोजक हैं। इस समिति का काम होगा कि ये पीड़ित पत्रकार या फिर उनके परिजनों के आवेदन पर विचार करे तथा उसके मुताबिक आर्थिक सहायता देने का फैसला ले।
इस योजना के तहत एक अच्छी बात यह है कि इसमें केंद्र या राज्य सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है।यह योजना पत्रकारों से संबंधित 1955 के एक अधिनियम "Working Journalists and other Newspaper Employes (Condition of service) And Miscellaneous Provision Act 1955" के तहत पत्रकार की श्रेणी में आने वाले देशभर के जर्नलिस्ट्स पर लागू किया गया है।

#वेब_और_टीवी_जर्नलिस्ट्स_को_भी_होगा_लाभ
वहीं, इस योजना का लाभ टेलीविजन और वेब जर्नलिस्ट्स भी ले सकेंगे। न्यूज पेपर्स के बाद टेलीविजन जगत में क्रांति आई और टीवी न्यूज चैनल्स की शुरुआत हुई, वहीं, अब वेब जर्नलिज्म का जमाना आ गया है और वेब पर भी पत्रकारिता की जा रही है।
इसके साथ ही सभी न्यूज पेपर्स के एडिटर, सब एडिटर, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नलिस्ट, फ्रीलांस जर्नलिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उन पर आश्रित परिजनों को भी स्कीम के दायरे में रखा गया है, इसका लाभ लेने की शर्त यह है कि कम से कम 5 साल तक पत्रकार के रूप में सेवाएं दी गई हों। स्कीम के तहत यह जानकारी भी दी गई है कि एक से पांच लाख की सहायता किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार या उनके परिजनों को दी जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए..* http://pib.nic.in/prs/JWSguidelinesEnglish.pdf?Sel=17&PSel=2 इस लिंक पर जा सकते हैं। अथवा
महानिदेशक (मीडिया एवं संचार), प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, 'ए' विंग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली -110001 से भी संपर्क किया जा सकता है।
 जिन पत्रकारों या उनके परिजनों को सहायता चाहिए, वे विहित फॉर्म पर अपने आवेदन दिए गए पते पर भेज सकते हैं।
 तीन पृष्ठों के इस फॉर्म का नमूना प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पत्र सूचना ब्यूरो) की वेबसाइट pib.nic.in से डाउनलोड कर सकते हैं।