नये साल में 8 महीने बजेगी शादी की शहनाइयां
16 जनवरी से शुरू होंगे शुभ कार्य
साल 2020 में पिछले साल से कम है विवाह के मुहूर्त
जानें आखिर क्यों कम हैँ विवाह मुहूर्त
शुभ मुहूर्त का अपना विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार कोई भी मांगलिक कार्य करने से पहले शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है।
मान्यता है कि शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि में किया जाने वाला कोई भी काम सफल होता है। इसका विशेष फल भी मिलता है। वहीं विवाह संपन्न कराने के लिए शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि जरूर देखी जाती है।वहीं जिन लोगों की शादी की बात चल रही है, उन्हें साल 2020 में शुभ मुहूर्तों को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि नए साल में 8 महीने शादी की शहनाइयां बज सकेंगी।
14 जनवरी को खरमास समाप्त होते ही 16 जनवरी से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। जुलाई, अगस्त, सितंबर व अक्टूबर माह में शादियों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है, जबकि बाकी 8 महीने में इतने ज्यादा मुहूर्त हैं कि शादी की तारीख तय करने में दिक्कत नहीं होगी।
फरवरी व मई में ही 31 शुभ मुहूर्त हैं, जबकि सबसे कम 2 शुभ मुहूर्त नवंबर में हैं। साल 2020 में 65 दिन विवाह मुहूर्त है वहीं 2019 में पूरे साल 78 दिन विवाह मुहूर्त थे। खास बात यह है कि इस बार जुलाई के माह में एक भी दिन विवाह का मुहूर्त नहीं है। वजह देवशयनी एकादशी 1 जुलाई को है, जबकि देव उठनी एकादशी 25 नवंबर को होगी। यानी इस बार देव चार की बजाए करीब पांच माह (148 दिन) विश्राम करेंगे, वहीं चातुर्मास की अवधि भी इतने ही दिन की रहेगी।
पिछले साल 2019 चातुर्मास की अवधि 118 दिन थी, जबकि इस बार 148 दिन रहेगी। इसका दूसरा कारण यह भी है कि 2020 अधिकमास वाला साल भी है। खरमास जारी रहने से विवाह 16 जनवरी से प्रारंभ होंगे। इसके बाद मार्च में एक माह का खरमास प्रारंभ होगा। इन कारणों से विवाह मुहूर्त की संख्या घट गई है। साल के अंतिम दो माह नवंबर-दिसंबर में सिर्फ 9 दिन ही विवाह होंगे।
नए वर्ष में अधिकमास (पुरषोत्तम माह) होने से विवाह मुहूर्त के दिन घट गए हैं। इसी तरह 2019 में 1 से 11 जुलाई तक विवाह मुहूर्त थे और देवशयनी एकादशी 12 जुलाई को थी।
इस बार 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी से विवाह बंद हो जाएंगे, जो 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी से ही प्रारंभ होंगे। गत वर्ष देवशयनी एकादशी 12 जुलाई व देवउठनी एकादशी 8 नवंबर को थी। इस 118 दिन की अवधि में विवाह बंद थे, लेकिन इस बार देवों के विश्राम व चातुर्मास की अवधि 148 दिन की रहेगी। इस अवधि में विवाह नहीं होंगे।
साल 2020 में ये है विवाह के मुहूर्त की सूची ....
जनवरी 2020 विवाह मुहूर्त- कुल 10 दिन
16 जनवरी गुरु माघ कृ. षष्ठी
17 जनवरी शुक्र माघ कृ. सप्तमी
18 जनवरी शनि माघ कृ. नवमी
19 जनवरी रवि माघ कृ. दशमी
20 जनवरी सोम माघ कृ. एकादशी
26 जनवरी रवि माघ शु. द्वितीया
29 जनवरी बुध माघ शु. चतुर्थी
30 जनवरी गुरु माघ शु. पंचमी
31 जनवरी शुक्र माघ शु. षष्ठी
फरवरी 2020 विवाह मुहूर्त- कुल 13 दिन
1 फरवरी शनि माघ शु. सप्तमी
3 फरवरी सोम माघ शु. नवमी
4 फरवरी मंगल माघ शु. दशमी
9 फरवरी रवि माघ पूर्णिमा
10 फरवरी सोम फाल्गुन कृ. प्रतिपदा
11 फरवरी मंगल फाल्गुन कृ. तृतीया
14 फरवरी शुक्र फाल्गुन कृ. षष्ठी
15 फरवरी शनि फाल्गुन कृ. सप्तमी
16 फरवरी रवि फाल्गुन कृ. अष्टमी
25 फरवरी मंगल फाल्गुन शु. द्वितीया
26 फरवरी बुध फाल्गुन शु. तृतीया
27 फरवरी गुरु फाल्गुन शु. चतुर्थी
28 फरवरी शुक्र फाल्गुन शु. पंचमी
विवाह मुहूर्त मार्च 2020- कुल 2 दिन
10 मार्च मंगल चैत्र कृ. प्रतिपदा
11 मार्च बुध चैत्र कृ. द्वितीया
विवाह मुहूर्त अप्रैल 2020- कुल 4
16 अप्रैल गुरु वैशाख कृ. नवमी
17 अप्रैल शुक्र वैशाख कृ. दशमी
25 अप्रैल शनि वैशाख शु. द्वितीया
26 अप्रैल रवि वैशाख शु. तृतीया
विवाह मुहूर्त मई 2020- कुल 10 दिन
1 मई शुक्र वैशाख शु. अष्टमी
2 मई शनि वैशाख शु. नवमी
4 मई सोम वैशाख शु. एकादशी
5 मई मंगल वैशाख शु. त्रयोदशी
6 मई बुध वैशाख शु. चतुर्दशी
15 मई शुक्र ज्येष्ठ कृ. अष्टमी
17 मई रवि ज्येष्ठ कृ. दशमी
18 मई सोम ज्येष्ठ कृ. एकादशी
19 मई मंगल ज्येष्ठ कृ. द्वादशी
23 मई शनि ज्येष्ठ शु. प्रतिपदा
विवाह मुहूर्त जून 2020- कुल 6 दिन
11 जून गुरु आषाढ़ कृ. षष्ठी
15 जून सोम आषाढ़ कृ. दशमी
17 जून बुध आषाढ़ कृ. एकादशी
27 जून शनि आषाढ़ शु. सप्तमी
29 जून सोम आषाढ़ शु. नवमी
30 जून मंगल आषाढ़ शु. दशमी
विवाह मुहूर्त नवंबर 2020- कुल 3 दिन
27 नवंबर शुक्र कार्तिक शु. द्वादशी
29 नवंबर रवि कार्तिक शु. चतुर्दशी
30 नवंबर सोम कार्तिक पूर्णिमा
विवाह मुहूर्त दिसंबर 2020- कुल 5
1 दिसंबर मंगल मार्गशीर्ष कृ. प्रतिपदा
7 दिसंबर सोम मार्गशीर्ष कृ. सप्तमी
9 दिसंबर बुध मार्गशीर्ष कृ. नवमी
10 दिसंबर गुरु मार्गशीर्ष कृ. दशमी
11 दिसंबर शुक्र मार्गशीर्ष कृ. एकादशी
16 जनवरी से शुरू होंगे शुभ कार्य
साल 2020 में पिछले साल से कम है विवाह के मुहूर्त
जानें आखिर क्यों कम हैँ विवाह मुहूर्त
न्यूज़ अपडेट, न्यूज़ डेस्क : नया साल आ चुका है और अब मकर संक्रांति के बाद जब खरमास समाप्त हो जाएगा तो 16 जनवरी से शुभ कार्य भी शुरू हो जाएंगे। अब तक जो मांगलिक कार्यक्रम रुके हुए थे वे शुरू हो जाएंगे। वहीं हमारे हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त का होना जरूरी होता है।
शुभ मुहूर्त का अपना विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार कोई भी मांगलिक कार्य करने से पहले शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है।
मान्यता है कि शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि में किया जाने वाला कोई भी काम सफल होता है। इसका विशेष फल भी मिलता है। वहीं विवाह संपन्न कराने के लिए शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि जरूर देखी जाती है।वहीं जिन लोगों की शादी की बात चल रही है, उन्हें साल 2020 में शुभ मुहूर्तों को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि नए साल में 8 महीने शादी की शहनाइयां बज सकेंगी।
14 जनवरी को खरमास समाप्त होते ही 16 जनवरी से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। जुलाई, अगस्त, सितंबर व अक्टूबर माह में शादियों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है, जबकि बाकी 8 महीने में इतने ज्यादा मुहूर्त हैं कि शादी की तारीख तय करने में दिक्कत नहीं होगी।
फरवरी व मई में ही 31 शुभ मुहूर्त हैं, जबकि सबसे कम 2 शुभ मुहूर्त नवंबर में हैं। साल 2020 में 65 दिन विवाह मुहूर्त है वहीं 2019 में पूरे साल 78 दिन विवाह मुहूर्त थे। खास बात यह है कि इस बार जुलाई के माह में एक भी दिन विवाह का मुहूर्त नहीं है। वजह देवशयनी एकादशी 1 जुलाई को है, जबकि देव उठनी एकादशी 25 नवंबर को होगी। यानी इस बार देव चार की बजाए करीब पांच माह (148 दिन) विश्राम करेंगे, वहीं चातुर्मास की अवधि भी इतने ही दिन की रहेगी।
पिछले साल 2019 चातुर्मास की अवधि 118 दिन थी, जबकि इस बार 148 दिन रहेगी। इसका दूसरा कारण यह भी है कि 2020 अधिकमास वाला साल भी है। खरमास जारी रहने से विवाह 16 जनवरी से प्रारंभ होंगे। इसके बाद मार्च में एक माह का खरमास प्रारंभ होगा। इन कारणों से विवाह मुहूर्त की संख्या घट गई है। साल के अंतिम दो माह नवंबर-दिसंबर में सिर्फ 9 दिन ही विवाह होंगे।
नए वर्ष में अधिकमास (पुरषोत्तम माह) होने से विवाह मुहूर्त के दिन घट गए हैं। इसी तरह 2019 में 1 से 11 जुलाई तक विवाह मुहूर्त थे और देवशयनी एकादशी 12 जुलाई को थी।
इस बार 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी से विवाह बंद हो जाएंगे, जो 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी से ही प्रारंभ होंगे। गत वर्ष देवशयनी एकादशी 12 जुलाई व देवउठनी एकादशी 8 नवंबर को थी। इस 118 दिन की अवधि में विवाह बंद थे, लेकिन इस बार देवों के विश्राम व चातुर्मास की अवधि 148 दिन की रहेगी। इस अवधि में विवाह नहीं होंगे।
साल 2020 में ये है विवाह के मुहूर्त की सूची ....
जनवरी 2020 विवाह मुहूर्त- कुल 10 दिन
16 जनवरी गुरु माघ कृ. षष्ठी
17 जनवरी शुक्र माघ कृ. सप्तमी
18 जनवरी शनि माघ कृ. नवमी
19 जनवरी रवि माघ कृ. दशमी
20 जनवरी सोम माघ कृ. एकादशी
26 जनवरी रवि माघ शु. द्वितीया
29 जनवरी बुध माघ शु. चतुर्थी
30 जनवरी गुरु माघ शु. पंचमी
31 जनवरी शुक्र माघ शु. षष्ठी
फरवरी 2020 विवाह मुहूर्त- कुल 13 दिन
1 फरवरी शनि माघ शु. सप्तमी
3 फरवरी सोम माघ शु. नवमी
4 फरवरी मंगल माघ शु. दशमी
9 फरवरी रवि माघ पूर्णिमा
10 फरवरी सोम फाल्गुन कृ. प्रतिपदा
11 फरवरी मंगल फाल्गुन कृ. तृतीया
14 फरवरी शुक्र फाल्गुन कृ. षष्ठी
15 फरवरी शनि फाल्गुन कृ. सप्तमी
16 फरवरी रवि फाल्गुन कृ. अष्टमी
25 फरवरी मंगल फाल्गुन शु. द्वितीया
26 फरवरी बुध फाल्गुन शु. तृतीया
27 फरवरी गुरु फाल्गुन शु. चतुर्थी
28 फरवरी शुक्र फाल्गुन शु. पंचमी
विवाह मुहूर्त मार्च 2020- कुल 2 दिन
10 मार्च मंगल चैत्र कृ. प्रतिपदा
11 मार्च बुध चैत्र कृ. द्वितीया
विवाह मुहूर्त अप्रैल 2020- कुल 4
16 अप्रैल गुरु वैशाख कृ. नवमी
17 अप्रैल शुक्र वैशाख कृ. दशमी
25 अप्रैल शनि वैशाख शु. द्वितीया
26 अप्रैल रवि वैशाख शु. तृतीया
विवाह मुहूर्त मई 2020- कुल 10 दिन
1 मई शुक्र वैशाख शु. अष्टमी
2 मई शनि वैशाख शु. नवमी
4 मई सोम वैशाख शु. एकादशी
5 मई मंगल वैशाख शु. त्रयोदशी
6 मई बुध वैशाख शु. चतुर्दशी
15 मई शुक्र ज्येष्ठ कृ. अष्टमी
17 मई रवि ज्येष्ठ कृ. दशमी
18 मई सोम ज्येष्ठ कृ. एकादशी
19 मई मंगल ज्येष्ठ कृ. द्वादशी
23 मई शनि ज्येष्ठ शु. प्रतिपदा
विवाह मुहूर्त जून 2020- कुल 6 दिन
11 जून गुरु आषाढ़ कृ. षष्ठी
15 जून सोम आषाढ़ कृ. दशमी
17 जून बुध आषाढ़ कृ. एकादशी
27 जून शनि आषाढ़ शु. सप्तमी
29 जून सोम आषाढ़ शु. नवमी
30 जून मंगल आषाढ़ शु. दशमी
विवाह मुहूर्त नवंबर 2020- कुल 3 दिन
27 नवंबर शुक्र कार्तिक शु. द्वादशी
29 नवंबर रवि कार्तिक शु. चतुर्दशी
30 नवंबर सोम कार्तिक पूर्णिमा
विवाह मुहूर्त दिसंबर 2020- कुल 5
1 दिसंबर मंगल मार्गशीर्ष कृ. प्रतिपदा
7 दिसंबर सोम मार्गशीर्ष कृ. सप्तमी
9 दिसंबर बुध मार्गशीर्ष कृ. नवमी
10 दिसंबर गुरु मार्गशीर्ष कृ. दशमी
11 दिसंबर शुक्र मार्गशीर्ष कृ. एकादशी
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