रफ्तार का कहर : तेज रफ्तार वाहन ने ली युवक की जान
गिरिडीह: इन दिनों जिले में सड़क दुर्घटनाओं की घटना आम हो गयी है। आये दिन दुर्घटनाएं घटित होती है जिससे लोगों की जान भी जाती है लेकिन वाहनों के रफ्तार में कोई कमी नही आती।
पुलिस प्रशासन द्वारा बेरियर भी लगाया गया है जगह जगह। दुपहिया वाहन चालकों को बार बार हिदायत भी दी जाती है हेलमेट लगाने की। लेकिन किसी को उसकी जरूरत महसूस नही होती। लेकिन जब घटना घटित हो जाती है और रफ्तार कहर बन कर टूटती है और बगैर हेलमेट वाले दुपहिया वाहन सवार उसकी जद में आ जाते हैं तो मौके पर मौजूद हर व्यक्ति प्रण/संकल्प जरूर लेता है कि वह अब हेलमेट का प्रयोग अवश्य करेंगे और वाहन की रफ्तार भी धीमी रखेंगे।
लेकिन स्थिति बाद में ढाक के तीन पात वाली ही हो जाती है। सभी कायदे कानून और नियम सिर्फ किताबी पन्नो में सिमट कर ही रह जाती है। लोग अपनी मनमानी पर अमादा हो जाते है। तेज रफ्तार वाहन चलना उनकी सुमार में शामिल रहती है और बगैर हेलमेट दुपहिया पर सवारी उनकी शान को दर्शाने लगती है।
गिरिडीह डुमरी मुख्य पथ में ऐसी सड़क दुर्घटनाओं में बेतहासा इजाफा हुआ है। इसी कड़ी में रविवार को भी एक हादसा हुआ। जिसमें बाइक सवार की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी। इस घटना में बाइक सवार यदि हेलमेट पहना होता तो उसकी जान जरूर बच गयी होती। हाँ वह घायल जरूर हुआ होता।
घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने मुख्य पथ को जाम कर दिया। उनका कहना है कि मृतक के परिजनों को हर हाल में मुआवजा मिलना चाहिए। आक्रोशित लोगों कहना है कि इस स्थान पर हाल के दिनों में चार लोगों की मौत हुई है। ऐसे में रफ्तार पर रोक लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
घटना की सूचना पर मधुबन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन लोग सड़क से हटने को तैयार नहीं थे। बाद में सदर विधायक सुदिव्य कुमार भी पहुंचे। विधायक ने मृतक के परिजनों का ढांढस बंधाया। वंही विधायक ने आक्रोशित लोगों को भी समझाया। विधायक के समझाने के बाद लोग शांत हुए।
घटना के बाबत हिट एंड रन की प्राथमिकी दर्ज करवाते हुए मुआवजा के तौर पर 2 लाख रुपया, पारिवारिक लाभ की राशि समेत अन्य सुविधा दिलाने का भरोसा दिया जिसके बाद सड़क से लोग हटे।