जैन तीर्थस्थल मधुबन में डोली मजदूरों और बाइक सवार में हिंसक झड़प, बाइक को किया आग के हवाले
गिरिडीह: विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल सम्मेदशिखर पारसनाथ (मधुबन) में डोली मजदूरों और बाइक सवारों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। यह तनाव दिनानुदिन हिंसक होती जा रही है। इसी कड़ी में एक बाइक को आग के हवाले कर दिया गया। जिससे बाइक चालकों और डोली मजदूरों के बीच पनपी तनाव और बढ़ गया है। हालाँकि पुलिस ने घटना की तहकीकात शुरू कर दी है। लेकिन अब तक कोई खास सुराग पुलिस के हाथ नही लग पाया है।
कैसे हुई घटना
जानकार बताते हैं कि सोमवार को संदीप चौरसिया नामक व्यक्ति अपने किसी रिश्तेदार को लेकर बाइक से पारसनाथ पर्वत की चढ़ाई कर रहा था। तभी क्षेत्रपाल के ऊपर काफी संख्या में डोली मजदूरों ने उसपर हमला बोल दिया। इतना ही नही बाइक सवार और डोली मजदूरों के बीच इस दौरान हिंसक झड़प भी हो गयी। इसी बीच किसी ने संदीप के बाइक को आग के हवाले कर दिया। और, देखते ही देखते बाइक पूरी तरह से जल गयी। विदित हो कि इस घटना के पूर्व भी मधुबन में यात्रियों को पर्वत वंदना कराने को लेकर डोली मजदूरों और स्थानीय बाइक सवारों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है।
प्रतिबंध के बावजूद पर्वत पर बाइकों का संचालन जारी
पारसनाथ पहाड़ पर जैन यात्रियों को मंदिर तक ले जाने और लाने के लिए सैकड़ों की संख्या में डोली मजदूर सालों से यहां कार्यरत हैं। ये सभी स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोग है। वजन के हिसाब से ये गरीब मजदूर जैन यात्रियों को डोली पर बैठा कर काफी मेहनत से पर्वत वंदना कराते हैं। इसी से इनकी रोजी-रोटी चलती है। लेकिन कुछ महीनों से इस काम में कुछ स्थानीय युवा बाइक से यात्रियों को पहाड़ पर ऊपर तक ले जाने के काम में जुटे हुए हैं। इसके कारण डोली मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है।
डोली मजदूरों ने कई बार किया है शिकायत
डोली मजदूरों ने इसका विरोध करते हुए पुलिस और प्रशासन से कई बार लिखित शिकायत किया है और पारसनाथ पहाड़ पर बाइक के जाने पर रोक लगाने की मांग भी की है। डोली मजदूरों ने संगठित होकर इसका विरोध करना शुरू किया।
पुलिस प्रशासन की लापरवाही उजागर
पुलिस प्रशासन की लापरवाही से फिर यह घटना सामने आयी है। अगर समय रहते गिरिडीह के आला अधिकारी इस मसले को हल नहीं करते हैं, तो डोली मजदूरों और बाइक संचालकों का तनाव और भी गंभीर रूप अख्तियार कर सकता है।
विधायक ने दिया बीच का रास्ता निकालने का आश्वासन
गिरिडीह: विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल सम्मेदशिखर पारसनाथ (मधुबन) में डोली मजदूरों और बाइक सवारों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। यह तनाव दिनानुदिन हिंसक होती जा रही है। इसी कड़ी में एक बाइक को आग के हवाले कर दिया गया। जिससे बाइक चालकों और डोली मजदूरों के बीच पनपी तनाव और बढ़ गया है। हालाँकि पुलिस ने घटना की तहकीकात शुरू कर दी है। लेकिन अब तक कोई खास सुराग पुलिस के हाथ नही लग पाया है।
कैसे हुई घटना
जानकार बताते हैं कि सोमवार को संदीप चौरसिया नामक व्यक्ति अपने किसी रिश्तेदार को लेकर बाइक से पारसनाथ पर्वत की चढ़ाई कर रहा था। तभी क्षेत्रपाल के ऊपर काफी संख्या में डोली मजदूरों ने उसपर हमला बोल दिया। इतना ही नही बाइक सवार और डोली मजदूरों के बीच इस दौरान हिंसक झड़प भी हो गयी। इसी बीच किसी ने संदीप के बाइक को आग के हवाले कर दिया। और, देखते ही देखते बाइक पूरी तरह से जल गयी। विदित हो कि इस घटना के पूर्व भी मधुबन में यात्रियों को पर्वत वंदना कराने को लेकर डोली मजदूरों और स्थानीय बाइक सवारों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है।
प्रतिबंध के बावजूद पर्वत पर बाइकों का संचालन जारी
पारसनाथ पहाड़ पर जैन यात्रियों को मंदिर तक ले जाने और लाने के लिए सैकड़ों की संख्या में डोली मजदूर सालों से यहां कार्यरत हैं। ये सभी स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोग है। वजन के हिसाब से ये गरीब मजदूर जैन यात्रियों को डोली पर बैठा कर काफी मेहनत से पर्वत वंदना कराते हैं। इसी से इनकी रोजी-रोटी चलती है। लेकिन कुछ महीनों से इस काम में कुछ स्थानीय युवा बाइक से यात्रियों को पहाड़ पर ऊपर तक ले जाने के काम में जुटे हुए हैं। इसके कारण डोली मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है।
डोली मजदूरों ने कई बार किया है शिकायत
डोली मजदूरों ने इसका विरोध करते हुए पुलिस और प्रशासन से कई बार लिखित शिकायत किया है और पारसनाथ पहाड़ पर बाइक के जाने पर रोक लगाने की मांग भी की है। डोली मजदूरों ने संगठित होकर इसका विरोध करना शुरू किया।
गौरतलब है कि सूबे के मुख्यमंत्री ने भी पर्वत पर बाइक के संचालन पर रोक लगाने का आदेश दिया था। बावजूद इसके पारसनाथ पर मोटरसाइकिल का संचालन नहीं रूका। कुछ दिनों पूर्व भी बाइक संचालकों और डोली मजदूरों के बीच जबरदस्त मारपीट हुई थी। जिसमें दर्जनों घायल हो गए थे।
पुलिस प्रशासन की लापरवाही उजागर
पुलिस प्रशासन की लापरवाही से फिर यह घटना सामने आयी है। अगर समय रहते गिरिडीह के आला अधिकारी इस मसले को हल नहीं करते हैं, तो डोली मजदूरों और बाइक संचालकों का तनाव और भी गंभीर रूप अख्तियार कर सकता है।
विधायक ने दिया बीच का रास्ता निकालने का आश्वासन
घटना के बाद मधुबन के युवाओं का एक दल मंगलवार को विधायक निर्भय शाहाबादी से मुलाक़ात कर अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। विधायक श्री शाहाबादी ने इस बावत मुख्यमंत्री से बात कर कोई बीच का रास्ता निकालने का आश्वासन उन युवाओं को दिया।