गिरिडीह (Giridih)। अभिव्यक्ति फाउंडेशन द्वारा रेस्पॉसिबल माइका इनिशिएटिव (RMI) के सहयोग से गिरिडीह के एक होटल में प्राथमिक उपचार एवं फायर फाइटिंग पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर वैसे स्वयंसेवक तैयार करना था जो आकस्मिक परिस्थितियों में तत्काल प्राथमिक उपचार उपलब्ध करा सकें और उद्योग क्षेत्र में आग लगने की स्थिति से निपटने की बुनियादी समझ विकसित कर सकें।
कार्यक्रम में गिरिडीह, कोडरमा और बिहार के नवादा जिले से लगभग 85 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों में न केवल गाँवों के ग्रामीण स्वयंसेवक बल्कि माइका उद्योग से जुड़े कई प्रतिनिधि भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञ प्रशिक्षकों ने प्राथमिक उपचार की बारीकियों को सरल भाषा और व्यावहारिक उदाहरणों के साथ समझाया। प्रशिक्षण में साँप काटने की स्थिति में प्राथमिक उपचार, गंभीर चोट लगने पर रक्तस्राव रोकने के उपाय, जलने या बेहोशी जैसी आकस्मिक स्थितियों से निपटने की प्रक्रिया और समय रहते चिकित्सक तक पहुँचने के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रशिक्षण के दूसरे भाग में फायर फाइटिंग यानी आग बुझाने और उससे बचाव के उपायों की भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी।
अभिव्यक्ति फाउंडेशन और रेस्पोसिबल माइका इनिशिएटिव का मानना है कि गाँवों में प्रशिक्षित प्राथमिक उपचार स्वयंसेवकों का नेटवर्क तैयार करना ग्रामीण समाज के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। कार्यक्रम के समापन सत्र में 50 ग्रामीण स्वयंसेवकों को प्राथमिक उपचार किट प्रदान किया गया। इन किटों में बेसिक दवाइयों, पट्टियों, एंटीसेप्टिक और अन्य आवश्यक सामग्री शामिल थी, ताकि स्वयंसेवक अपने गाँव में आकस्मिक घटनाओं पर तुरंत कार्यवाही कर सकें।
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