भू-माफियाओं पर सख्त हुआ गिरिडीह जिला प्रशासन
18 हजार से अधिक अवैध जमाबंदी चिन्हित
गिरिडीह: सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले गिरिडीह के भू-माफियाओं से जमीन को मुक्त कराने की कवायद जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के तहत डीसी राहुल सिन्हा के निर्देश पर एसी विल्सन भेंगरा ने पूरे जिले में 18 हजार तीन सौ से अधिक अवैध जमाबंदी को चिन्हित किया है।
जिला प्रशासन ने सभी अवैध जमाबंदी कायम करने वाले भू-माफियाओं को प्लॉट खाली करने का नोटिस दिया है। नोटिस मिलते ही रियल स्टेट और भू-माफियाओं में दहशत का माहौल वयाप्त हो गया है।
सूत्रों की माने तो जमीन के अवैध धंधेबाज नोटिस मिलने के बाद एक बार फिर प्रशासनिक निर्देशों का काट निकालने की तैयारी में जुट चुके हैं। लेकिन कहावत है- तू डाल डाल मैं पात पात की युक्ति जिला प्रशासन ने भी चरितार्थ कर दिया है। जिला प्रशासन को भू-माफियाओं की नये कारगुजारियों का अन्देशा पहले ही हो गया था। इसलिये डीसी राहुल सिन्हा द्वारा जारी नये आदेश के अनुसार 31 मई 1957 के पहले के जमींदारी हुकुमनामा के आधार पर कटे मालगुजारी के रसीद को ही रैयतदार माना गया है। और 1965 के बाद सीओ, एसडीएम और न्यायलय स्तर पर हुए जमाबंदी को भी रैयतदारों की सूची में शामिल करने की बात डीसी द्वारा कहा गया है।
जानकारों की माने तो जिले में सरकारी जमीनों पर भू-माफियाओं का कब्जा होने के पीछे सबसे बड़ा कारण अवैध जमीन कारोबारियों को अधिकारियों का संरक्षण और सफेदफोश नेताओं का संरक्षण हासिल होना रहना है। जिनके पैरवी के बलबूते भू-माफिया रजिस्ट्री ऑफिस से लेकर सीओ ऑफिस तक मूल दस्तावेजों में फेरबदल कराकर सरकारी जमीनों पर कब्जा करने में सफल होते रहे हैं।
डीसी के निर्देश के आलोक में अवैध जमाबंदी चिन्हित किये गए है। जिले के अचंलाधिकारियों ने जितने अवैध जमाबंदी चिन्हित किए हैं, उसमें सदर प्रखंड में 1152, गांडेय में 1152, गांवा में 5916, डुमरी में 3082, तिसीर में 1072, देवरी में 380, धनवार में 926, पीरटांड में 1863, बेंगाबाद में 704, बगोदर में 444, बिरनी में 1323, सरिया में 432 अवैध जमाबंदी शामिल है। इन सभी प्रखंडों के चिन्हित किये गए जमीन कब्जाधारियों को नोटिस दिया जा चुका है।
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