क्षणिकाएं :-
हादसा
हादसा बन के बाजार में आ जायेगा
जो घटित हुआ न हो-
वह भी अखबार में आ जायेगा।
चोर उचक्कों की करो कद्र,
न जाने कब कौन -
किस सरकार में आ जायेगा।
हादसा
हादसा बन के बाजार में आ जायेगा
जो घटित हुआ न हो-
वह भी अखबार में आ जायेगा।
चोर उचक्कों की करो कद्र,
न जाने कब कौन -
किस सरकार में आ जायेगा।
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