मंगलवार, 24 मार्च 2015

मौत



                मौत

मरने से काहे को डरना है,
सबको एक दिन तो मरना है,
जो मौत को गले लगाते हैं -
सुख चैन वही तो पाते हैं।
   जब मौत मुझको आयेगी,
   गम, दुःख सब मिट जायेगी,
   बेकारी दूर भगायेगी,
   फिर जख्म न मिलने पायेगी।
फिर काहे को रोना है,
ममता को क्यों समोना है,
मौत से खौफ क्यों करना है-
सबको एक दिन तो मरना है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें