शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने गिरिडीह के सहायक पुलिसकर्मी पैदल ही रांची जाने को निकले, एसपी ने समझा बुझा कर वापस लौटाया

मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने गिरिडीह के सहायक पुलिसकर्मी पैदल ही रांची जाने को निकले
गिरिडीह: आरक्षी पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर सहायक पुलिसकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। अब इनका आंदोलन तेज हो गया है। इसी कड़ी में शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर गिरिडीह में कार्यरत 85 सहायक पुलिस के जवान गिरिडीह से पैदल रांची जाने के लिए निकले। हालांकि एसपी ने समझा बुझा कर उन्हें वापस लाने में सफल रहे।

सहायक पुलिस के जवान रांची में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए शुक्रवार की सुबह ही न्यू पुलिस लाइन से निकले थे। रांची जाने वाले जवानों में कई महिला पुलिस कर्मी भी शामिल थी। सारे जवान अभी पुलिस लाइन से निकल कर गिरिडीह-डुमरी रोड के बदडीहा के जोडपहाडी के पास ही पहुंचे थे। तभी मुफ्फसिल थाना प्रभारी रत्नेश ठाकुर सहायक जवानों को रोकने के लिए पहुंच गए।

थाना प्रभारी रत्नेश ठाकुर ने जवानों को समझाने का प्रयास किया लेकिन सहायक जवान मानने को तैयार नहीं थे। थाना प्रभारी की मौजूदगी में ही सारे सहायक पुलिस जवान जोडपहाड़ी के पास सड़क किनारे बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

गिरिडीह डुमरी पथ पर सीएम ढाबा व जोड़ापहाड़ी के   डीएसपी टू, सार्जेंट मेजर की अगुवाई में इन सहायक कर्मियों को समझाने व रोकने का प्रयास किया गया। भारी संख्या में बलों को बुलाया गया। इसके बाद ये सहायक पुलिसकर्मी बीच सड़क पर ही धरना पर बैठ रहे। सहायक पुलिसकर्मी का साफ कहना था कि राज्य सरकार उनके साथ सही नहीं कर रही है।

 उनका कहना है कि गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड, रांची एवं पुलिस महानिरीक्षक (कार्मिक) की ओर से निर्गत आदेश के आलोक में राज्य के बारह अतिनक्सल प्रभावित जिलों में 25 सौ सहायक पुलिस कर्मियों की नियुक्ति तीन वर्ष के लिए की गई है।  जिसका मानदेय मात्र 10 हजार रुपए है। नियुक्ति के बाद उस वक्त की रघुवर सरकार ने कहा था कि तीन वर्ष सेवा होने के बाद सहायक पुलिस कर्मियों को झारखंड पुलिस में आरक्षी के पद पर सीधी नियुक्ति कर दी जाएगी, इसका विज्ञापन में भी उल्लेख है। इसके बाद भी वर्तमान झारखंड सरकार का रवैया सहायक पुलिस कर्मियों के प्रति काफी उदासीन है। बताया कि काला बिल्ला लगाकर काम करने व हड़ताल में जाने के बाद भी सरकार ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया है। इसलिए आंदोलन के तहत मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने वे लोग रांची के लिए निकले हैं।

 इस बीच जानकारी मिलने के बाद एसपी अमित रेणु और डीएसपी बिनोद रवानी भी मौके पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने सहायक जवानों को समझाया। उनके समझाने के बाद सभी जवान मान गये. इस दौरान एसपी के निर्देश पर बस मंगवा कर सहायक जवानों को वापस पुलिस लाइन भिजवाया गया.

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