100 दिनो बाद मलेशिया से आया रामेश्वर महतो का शव, पूरे गांव में मचा कोहराम
गिरिडीह : जिले के मधुवन थाना क्षेत्र के अंतर्गत अतकी पंचायत के धावाटांड हुंडरो ग्राम निवासी बद्री महतो के 32 वर्षीय पुत्र रामेश्वर महतो महतो का शव तीन महीने 10 दिनो बाद शुक्रवार को एंबुलेंस से कोलकत्ता एयरपोर्ट से घर पहुंचा।
शव पहुंचते ही परिवार सहित पूरे गांव में कोहराम मच गया। रामेश्वर महतो लाइरिको ट्रांसमिशन नामक कंपनी में मलेशिया में मजदूर के रूप में कार्यरत था। जहाँ बीते 6 अप्रैल 2020 को उसकी मौत हो गई थी।
मलेशिया में ही रह रहे लोगों ने बीते 6 अप्रैल को दूरभाष पर परिजनों को घटना की सूचना परिवार के लोगों को अवगत करा दिया। मौत की सूचना के बाद गांव में उदासी छा गई और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था।परिवार के सदस्य तभी से शव के इंतजार में एक-एक पल मुश्किल से गुजार रहे थे। तीन महीने बाद मलेशिया से शुक्रवार को जैसे ही शव घर पहुंचा, पूरा गांव रामेश्वर महतो के दरवाजे पर उमड़ पड़ा। परिजनों के चीत्कार से पूरा माहौल ही गमगीन हो गया।
100 दिनों से पति के शव के इंतजार में बैठी पत्नी शव को देखकर दहाड़े मारकर रोने लगी। वह बार-बार यही कह रही थी कि अब और उनके आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। किसी के समझाने का उस पर कोई असर नहीं हो रहा था।हालांकि चंद मिनट बाद ही बेहोश होकर गिर पड़ी।वहां जितने लोग खड़े थे सभी की आंख नम हो गयी।सबको यही चिंता सता रही थी इन बुढे मां-बाप का परवरिस कैसे होगा।
मृतक रामेश्वर महतो अपने पीछे माता, पिता, पत्नी और दो मासूम बच्चे छोड़ गया है। जिनमे बेटी रीतिका कुमारी (9वर्ष) और बेटा रवि कुमार(7वर्ष) शमिल है। जिनके परवरिश और पढाई लिखाई की चिंता सताने लगी है। इस मौके पर उपस्थित समाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली ने सरकार से इस परिवार के लिये आर्थिक सहयोग की मांग किया है ताकि बच्चों का लालन-पालन और पढाई लिखाई ठीक ढंग से हो सके।
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