हिन्दी साहित्य जगत के प्रख्यात आलोचक कॉ खगेन्द्र ठाकुर का हुआ निधन
उनके निधन पर भाकपा झारखंड राज्य परिषद ने शोक संवेदना जारी किया है। जारी शोक संवेदना में भाकपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह झारखंड राज्य के सहायक सचिव महेन्द्र पाठक ने कहा है कि कॉमरेड ठाकुर के निधन से भाकपा को अपूरणीय क्षति हुई है।
झारखंड के गोड्डा जिला के मालिनी गांव में 9 सितंबर 1937 को जन्मे खगेन्द्र ठाकुर भागलपुर विश्वविद्यालयों में प्रध्यापक के पद पर कार्यरत रहे। बाद में इस पद से इस्तीफा देकर वे पार्टी के सक्रिय राजनीति में जुड़ गये और आजन्म पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय रहे।
भाकपा झारखंड राज्य परिषद की ओर से जारी बयान में कहा गया कि खगेंद्र ठाकुर लंबे समय तक राष्ट्रीय परिषद के सदस्य तथा झारखंड राज्य के सहायक सचिव रहे हैं। वे पार्टी के बौद्धिक स्तंभ थे और दैनिक क्रिया-कलापों में लगातार शामिल होते थे।
उनके निधन से देश के प्रगतिशील सांस्कृतिक व साहित्यिक आन्दोलन को गहरी क्षति हुई है। उन्होंने मार्क्सवाद और वर्त्तमान राजनीति से संबंधित कई पुस्तकों का सृजन किया।
डॉ खगेन्द्र ठाकुर के निधन पर उनके सम्मान में पार्टी के राज्य कार्यालय का झंडा झुका दिया गया है।
न्यूज़ अपडेट, रांची : हिन्दी साहित्य के प्रख्यात आलोचक डॉ खगेंद्र ठाकुर का सोमवार को निधन हो गया। वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की राज्य कार्यकारिणी सदस्य और प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी थे।
उनके निधन पर भाकपा झारखंड राज्य परिषद ने शोक संवेदना जारी किया है। जारी शोक संवेदना में भाकपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह झारखंड राज्य के सहायक सचिव महेन्द्र पाठक ने कहा है कि कॉमरेड ठाकुर के निधन से भाकपा को अपूरणीय क्षति हुई है।
झारखंड के गोड्डा जिला के मालिनी गांव में 9 सितंबर 1937 को जन्मे खगेन्द्र ठाकुर भागलपुर विश्वविद्यालयों में प्रध्यापक के पद पर कार्यरत रहे। बाद में इस पद से इस्तीफा देकर वे पार्टी के सक्रिय राजनीति में जुड़ गये और आजन्म पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय रहे।
भाकपा झारखंड राज्य परिषद की ओर से जारी बयान में कहा गया कि खगेंद्र ठाकुर लंबे समय तक राष्ट्रीय परिषद के सदस्य तथा झारखंड राज्य के सहायक सचिव रहे हैं। वे पार्टी के बौद्धिक स्तंभ थे और दैनिक क्रिया-कलापों में लगातार शामिल होते थे।
उनके निधन से देश के प्रगतिशील सांस्कृतिक व साहित्यिक आन्दोलन को गहरी क्षति हुई है। उन्होंने मार्क्सवाद और वर्त्तमान राजनीति से संबंधित कई पुस्तकों का सृजन किया।
डॉ खगेन्द्र ठाकुर के निधन पर उनके सम्मान में पार्टी के राज्य कार्यालय का झंडा झुका दिया गया है।