एलआईसी 69 वें वर्षगांठ पर बीमा कर्मचारी संघ ने प्रेसवार्ता कर दिया बीमाधारकों को बधाई
गिरिडीह (Giridih)। भारतीय जीवन बीमा निगम का 69 वां वर्षगांठ पर बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल गिरिडीह बेस के सचिव धर्म प्रकाश ने प्रेस वार्ता कर कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम आज अपना 69 वां गौरवमयी वर्षगांठ मना रही हैं। उन्होंने इस अवसर पर बीमधारको, कर्मचारियों, अधिकारियों, विक्रय वाहिनी के साथ आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा के प्रति समर्पित देश के सभी नागरिकों को बधाई और शुभकामनाएं दिया।
उन्होंने कहा कि 1 सितंबर 1956 को 245 से अधिक निजी बीमा कंपनियों का अधिग्रहण कर 5 करोड़ रुपए की पूंजी से एलआईसी की स्थापना की गई थी। अपने स्थापना काल से ही निगम ने सरकार के मूल उद्देश्य "जनता का पैसा, जनता के कल्याण के लिए" का शत प्रतिशत पालन किया। एलआईसी ने 31 मार्च 2025 तक जनता के कल्याण के लिए 54.52 लाख करोड़ रुपए का निवेश आवास, बिजली, सिंचाई, सड़क, रेलवे, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि क्षेत्रों में किया और, अपने 69 वर्षों की यात्रा में 56.22 लाख करोड़ रुपए का मजबूत वित्तीय परिसंपति आर्जित किया हैं। वहीं अपने 100 करोड़ के पूंजी आधार पर निगम ने 38000 करोड़ रुपए का भुगतान लाभांश के रूप में भारत सरकार को किया।
कहा कि एलआईसी ने 20 जनवरी 2025 को 24 घंटे में पूरे भारत वर्ष में 5,88,160 पॉलिसी बेच कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया। 2025 में एलआईसी दुनिया का तीसरा सबसे मजबूत बीमा ब्रांड बनकर उभरा। एलआईसी की इस विकास यात्रा में अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ का अतुल्यनीय योगदान रहा।
मौके पर उन्होंने एलआईसी के विनिवेशीकरण का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि अगर निगम का पुनः विनिवेशीकरण किया जाता है तो इसका सीधा प्रभाव बीमाधारको और देश की जनता पर पड़ेगा।
वहीं संयुक्त सचिव अनुराग मुर्मू ने कहा कि हम और हमारा संघ केंद्र सरकार के निगम विरोधी नीतियों का विरोध करते रहेंगे। संयुक्त सचिव विजय कुमार तथा राजेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि जीवन बीमा पॉलिसी लोगों को आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराती हैं, इसलिए बीमा प्रीमियम पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए। प्रेस वार्ता में उपाध्यक्ष कुमकुम बाला वर्मा और उमानाथ झा, विजय कुमार और श्वेता उपस्थित थे।
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