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शनिवार, 12 सितंबर 2020
चोरी के सामान के साथ एक चोर गिरफ्तार

शुक्रवार, 11 सितंबर 2020
तीन दिनों के बाद गुजरात से गिरिडीह पहुंचा मृतक बजरंगी का शव, परिजनों के नही थम रहे आंसू

लोन देने के नाम पर सरिया के युवक से हुई 96 हजार 500 की ठगी
लोन देने के नाम पर सरिया के युवक से हुई 96 हजार 500 की ठगी
गिरिडीह : जिले के सरिया थाना क्षेत्र के एक युवक से लोन देने के नाम पर एक व्यक्ति के नाम का कैंसिल चेक की मांग की गई। युवक लोन पाने के प्रलोभन में आ गया और जिस नाम से फोन पर कैंसिल चेक की मांग की गई थी। एक कैंसिल चेक उसी नाम से दे दिया। उसी कैंसिल चेक से उसके बैंक खाते से 96 हजार 500 रुपये की अवैध निकासी कर ली गई। भुक्तभोगी ने सरिया थाने में एक आवेदन देकर उचित कार्रवाई की गुहार लगाया है।
सरिया थाना क्षेत्र के चौधरीडीह निवासी पंचानंद पांडेय ने बताया कि टाटा कैपिटल के नाम से उसके मोबाइल पर एक फोन आया। जिसमें लोन देने की बात कहकर एक कैंसिल चेक की मांग की गई। कैंसिल चेक मुकेश कुमार साव के नाम पर देने को कहा गया। उन्होंने मुकेश के नाम का बीते 5 अगस्त को कैंसिल चेक दिया। उसी कैंसिल चेक के जरिये बैंक ऑफ इंडिया की सरिया शाखा के उसके बैंक खाते से 96 हज़ार 500 रुपये की निकासी की गई।
भुक्तभोगी युवक ने बताया कि उसके मोबाइल पर रुपये की निकासी का मैसेज आने पर उसने बैंक से संपर्क किया। तब उसे पूरे मामले की जानकारी हुई।इस बाबत बैंक मैनेजर ने बताया कि बेयरर चेक होने के कारण पेमेंट की गई। बहरहाल सरिया पुलिस पूरे मामले की छानबीन करने में जुटी है।

गिरिडीह में भाजपाइयों ने फूंका महाराष्ट्र सरकार का पुतला
गिरिडीह में भाजपाइयों ने फूंका महाराष्ट्र सरकार का पुतला
गिरिडीह : गिरिडीह के भाजपायियों ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार का पुतला फूंका। बाॅलीवुड एक्ट्रैस कंगना रनौट के कार्यालय तोड़े जाने के विरोध में शुक्रवार को भाजपा जिलाअध्यक्ष महादेव दुबे के नेतृत्व में जिला भाजपा के लोगों ने जेपी चौक पर महाराष्ट्र सरकार का पुतला दहन किया। इस दौरान कंगना समर्थक और भाजपा कार्यकर्ता उद्धव सरकार और शिवसेना सांसद संजय राउत के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी किया।
इसके पूर्व भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिलाअध्यक्ष के नेत्तृव में स्थानीय झंडा मैदान से एक जुलूस निकला। जुलूस के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने हाथों में पार्टी का झंडा और कंगना के समर्थन में स्लोगन लिखी तख्तियां लिए शहर का भ्रमण भी किया।
जेपी चौक पर पहुंच यह जुलूस एक सभा मे तब्दील हो गया। जंहा वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में कंगना रनौट को देश की बेटी बताते हुए कहा कि कंगना रनौट के कार्यालय को तोड़ कर महाराष्ट्र के उद्धव सरकार ने खुद को कमजोर होने का प्रमाण दिया है। एक बाॅलीवुड एक्ट्रैस के खिलाफ ताकत दिखाना शिवसेना की सरकार को शोभा नहीं देता।
भाजपाईयों ने कंगना को राष्ट्रवादी फिल्म अभिनेत्री की संज्ञा देते हुए कहा कि कंगना शुरु से ही देशविरोधियों को जवाब देती रही है।
सभा पश्चात भाजपा कार्यकर्ताओं ने आक्रोश के साथ महाराष्ट्र सरकार का पुतला दहन किया। इस पुतला दहन कार्यक्रम में भाजपा नेता चुन्नूकांत, नुनूलाल मंराडी, मेयर सूनील पासवान, डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ, जिप उपाध्यक्ष कामेश्वर पासवान, पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार, हरमिंदर सिंह बग्गा, मोती लाल उपाध्याय,संदीप डंगाईच,भाजपा नेत्री संजू देवी, रागिनी लहरी, संजीत सिंह पप्पू, प्रदीप साव, श्याम प्रसाद गुप्ता, डा. राजेश पोद्दार, संतोष गुप्ता समेत कई मौजूद थे।

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आज है गिरिडीह जिले के घटित हुई भेलवाघाटी सामूहिक नरसंहार की बरसी
आज है गिरिडीह जिले के घटित हुई भेलवाघाटी सामूहिक नरसंहार की बरसी
गिरिडीह : आज है भेलवाघाटी में घटित हुई सामूहिक नरसंहार की बरसी। पन्द्रह साल पूर्व आज ही के दिन अर्थात 11 सितम्बर 2005 को प्रतिबंधित नक्सली भाकपा माओवादी के हथियार बंद दस्ते ने 17 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
उस जघन्य सामूहिक नरसंहार की घटना में भेलवाघाटी निवासी मजीद अंसारी, मकसूद अंसारी, मंसूर अंसारी, रज्जाक अंसारी, सिराज अंसारी, रामचन्द्र हाजरा, गणेश साव, अशोक हाजरा, जेनस मुर्मू, मुंशी मियां और उनके बेटे जमाल अंसारी, कलीम मियां, हमीद मियां, चेतन सिंह, दिलमुहम्मद अंसारी, युसूफ अंसारी आदि की माओवादियों ने नृशंस हत्या कर दी थी। उस नरसंहार कांड में मारे गए सभी 17 लोग ग्रामरक्षा दल के सदस्य थे।
माओवादियों के हथियार बन्द दस्ते ने उस सबों की हत्या जनअदालत लगा कर किया था। माओवादियों के दस्ता 11 सितबंर 2005 की रात भेलवाघाटी गांव पर धावा बोला था और पूरे गांव को अपने कब्जे में कर लिया था। इस दौरान माओवादियों ने गांव के मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर से पूरे गांव में जनअदालत लगाने का एलान किया था। और सभी ग्रामीणों को जनअदालत में पहुंचने को कहा था। माओवादियों के उस एलान के बाद गांव के ग्रामीणों के साथ ग्राम रक्षादल के कुछ सदस्य जनअदालत स्थल पर पहुंचे लेकिन कई लोग नहीं पहुंचे। ग्रामरक्षा दल के जो सदस्य जनअदालत में शरीक नहीं हुये माओवादियों उन एक-एक सदस्य को खोज कर जनअदालत पर लाया और और सभी की पहले पिटाई की फिर उनके हाथ-पांव बांधकर उनकी नृशंस हत्या कर दी थी।
15 साल पुरानी उस खूनी रात को भेलवाघाटी गांव के ग्रामीण आज भी याद कर काफी ख़ौफ़ज़दा हो जाते हैं। उनके सामने वह मंजर किसी चलचित्र की तरह घुमने लगती है। उस घटना में माओवादियों ने कई ग्रामीणों के घरों को भी विस्फोट कर उड़ा दिया था।
गौरतलब है कि भेलवाघाटी इलाके में माओवादियों को बढ़ते जनाधार को देख गांव के ग्रामीणों ने माओवादियों से लोहा लेने के लिए ग्राम रक्षा दल का गठन किया था। ग्राम रक्षा दल के इन सदस्यों को माओवादियों से लोहा लेने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा टार्च, लाठी समेत कई हथियार भी उपलब्ध कराये गये थे। ग्राम रक्षा दल के सदस्य रतजग्गा कर गांव में पहरा देना शुरू कर दिया था। जिससे गांव में माओवादियों की इंट्री पर रोक लग गयी थी। ग्रामरक्षा दल के सदस्यों के इस पहरा से बौखलाए माओवादियों ने 11 सितबंर 2005 की रात भेलवाघाटी गांव पर धावा बोला और पूरे गांव को अपने कब्जे में कर सामूहिक नरसंहार की नृशंस घटना को अंजाम दिया था।
हालांकि उक्त सामूहिक नरसंहार की घटना के 15 साल बीत चुके हैं। लेकिन इन 15 सालों के दौरान उक्त नरसंहार में मारे गये ग्राम रक्षा दल के सदस्यों के परिजनों की सुध लेने वाला कोई नही है। सरकारी स्तर पर भी उन मृतकों के परिजनों को कोई सरकारी लाभ अब तक नहीं मिल पाया है।
जबकि घटना के दूसरे दिन सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री के अलावे राज्य के कई बड़े मंत्री, विपक्षी दलों के नेता और अधिकारियों का काफिला भेलवाघाटी गांव पहुंचा था जहां कई बड़ी घोषनाएं हुईं थीं। जिसमें मृतक के आश्रितों को नौकरी, पांच लाख का मुआवजा, मृतक के वृद्ध परिजनों को पेंशन, बच्चों को मुफ्त शिक्षा, पूरे गांव को एक आदर्श गांव बनाने जैसी घोषणाएं शामिल थीं।
इन 15 सालों के दौरान सिर्फ भेलवाघाटी में थाना खुल पाया है और आवागमन को सुगम बनाने हेतु फतेहपुर मोड़ से लेकर भेलवाघाटी तक सड़क का निर्माण कार्य जारी है। गांव के बच्चों की शिक्षा के लिए आश्रम का भवन बन रहा है। लेकिन मृतक के आश्रितों को नौकरी, मृतक के परिजनों को मुआवजा और पेंशन की घोषणाएं आज भी अधूरी पड़ी हुई है।

बुधवार, 9 सितंबर 2020
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