प्रवासी मजदूरों को अब सताने लगी है रोजगार की चिंता
**रोजगार नही मिलने से हो रही जीवन यापन की समस्या
गिरिडीह/ बगोदर : लॉकडाउन में देश के विविध भागों में फंसे प्रवासी मजदूरों की बड़े स्तर पर गिरिडीह में वापसी हुई है। लेकिन उन्हें रोजगार न मिलने से जीवन निर्वाह करने में भारी परेशानी हो रही है। मजदूरों ने सरकार से रोजगार मुहैया कराने की मांग की है।
लॉकडाउन के दौरान महानगरों से बगोदर व आसपास के प्रवासी मजदूर काफी तादाद में घर वापसी किये है। लेकिन अब उन्हें अब परिवार चलाने की चिंता सता रही है। मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। स्थानीय स्तर पर काम नहीं मिलने से परेशानी और भी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा है कि ऐसे में अगर उन्हें मुंबई जाने की इजाजत मिल जाए तो वे जाने से परहेज भी नहीं करेंगे।
बगोदर प्रखंड के खरखरो निवासी प्रवासी मजदूरों मो. वसीम, मो. तसलीम, मो. इमरान आदि ने कहा कि लॉकडाउन में दो महीने मुंबई में फंसे थे। उस दौरान घर वापसी की चिंता सता रही थी और जब किसी तरह घर वापसी हुई तो अब रोजगार की चिंता सताने लगी है। कहा कि उनके समक्ष अब क्या करें और क्या नहीं करें कि स्थिति बनी हुई है। कहा कि एक तरफ स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिल रहा है, तो दूसरी तरफ कोरोना महामारी के कारण रोजगार भी छूट गए हैं। मुंबई में कोरोना संक्रमण भी बढ़ रहा है ऐसे में मुंबई जाना भी खतरे से खाली नहीं है। हालांकि मजदूरों ने यह भी कहा है कि यदि मुंबई जाने की इजाजत मिले तो वे वहां जाने से भी परहेज नहीं करेंगे।
मामले में बगोदर के बीडीओ रवींद्र कुमार का कहना है कि प्रवासी मजदूरों सहित स्थानीय मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार गंभीर है। प्रखंड अंतर्गत 22 पंचायतों में मनरेगा के तहत छोटे बड़े विकास के कार्य किए जा रहे हैं। ताकि मजदूरों को अपने गृह जिले में ही रोजगार उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों का जॉब कार्ड भी बनाया गया है ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। और उनके जीविकोपार्जन हेतु उन्हें रोजगार मिल सके।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें