शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

मुआवजे की मांग को लेकर 12 दिनों से जार्डन में पड़ा है नारायण महतो का शव

मुआवजे की मांग को लेकर 12 दिनों से जार्डन में पड़ा है नारायण महतो का शव

                  मृतक मजदूर का फाइल फोटो
           

गिरिडीह : जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के बेको पूर्वी पंचायत के सुंदरूटांड निवासी तुलो महतो के 32 वर्षीय पुत्र नारायण महतो का शव बीते 12 दिनों से जार्डन के एक अस्पताल के मार्चरी में ही पड़ा हुआ हैं।कंपनी के द्वारा उचित मुआवजे नहीं मिलने से परिजन शव को लेने से इंकार कर रहें हैं।


बताते चलें कि बीते 13 सितम्बर को जार्डन में नारायण महतो की मौत हो गयी थी। नारायण महतो के शव को लेकर नारायण महतो की पत्नी हेमंती देवी ने सरकार से गुहार लगायी थी। परिजनों ने बताया कि परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए रोजी रोटी कमाने नारायण महतो केईसी ट्रांसमिशन कंपनी में जार्डन गया था। जंहा कार्य के दौरान उसकी मौत हो गयी थी।  पिछले 13 सितम्बर को कंपनी के द्वारा मौत की सूचना परिजनों को दी गयी थी। लेकिन आज तक कंपनी वाले मौत का कारण आकस्मिक बता रहीं हैं।जबकि जानकर उसकी मौत काम के दौरान टावर में करंट लगने से हुई बता रहे हैं। परिजनों का कहना है कि जबतक कंपनी उचित मुआवजे नहीं देती हैं तबतक शव को नही रिसीव करेंगे। इस संबंध में प्रवासी मजदूरों की हितों में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली कंपनी से लगातार संपर्क कर मामले को हल करने में जुटे हैं। मृतक नारायण महतो अपने पीछे पत्नी हेमंती, ग्यारह वर्षीय पुत्र मिथलेश कुमार एवं एक आठ वर्षीय पुत्री मधु कुमारी को छोड़ गया हैं। जिसके परिवरिश की चिंता अब परिवार वालों को सता रही है। इसलिये परिजन उचित मुआवजे की मांग को लेकर अड़े हुये है।

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