शनिवार, 26 सितंबर 2020

सड़क दुर्घटना में घायल रिसोर्स टीचर की इलाज के दौरान मौत से आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम

सड़क दुर्घटना में घायल रिसोर्स टीचर की इलाज के दौरान मौत से आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम
गिरिडीह : गिरिडीह देवघर मुख्य पथ के कॉलेज मोड़ के समीप एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने एक व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लिया। जिंसमे वह व्यक्ति गम्भीर से घायल हो गया। जिसे तत्काल इलाज हेतु गिरिडीह सदर अस्पताल पहुंचाया गया। जंहा इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी।

घटना शुक्रवार देर शाम की बतायी जाती है। बताया जाता है कि शुक्रवार की देर शाम राम सागर प्रजापति नामक नामक 51 वर्ष व्यक्ति पैदल ही सिहोडीह स्थित अपने घर जा रहे थे। तभी किसी तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया इससे वह  बुरी तरह जख्मी हो गए। घटना को अंजाम दे उक्त वाहन फ़रार हो गया।

मिली जानकारी के अनुसार राम सागर प्रजापति मूलतः यूपी का रहने वाला थे और सिहोडीह निवासी संत कुमार पाण्डेय के घर में रहते थे। वह एक रिसोर्स टीचर थे और दिव्यांग छात्रों को पढ़ाने का काम करता थे। घटना के बाद स्थानीय लोग काफी संख्या में घटना स्थल पर पहुंचे। वंही घटना की सूचना मिलते ही पुलिस सहायता केंद्र के कर्मी भी मौके पर पहुंचे और आनन फानन में घायल व्यक्ति को इलाज हेतु गिरिडीह सदर अस्पताल पहुंचाया। जंहा इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गयी।

रिसोर्स टीचर राम सागर प्रजापति की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने शनिवार सुबह से ही कॉलेज मोड़ पर उनकी लाश को रख कर गिरिडीह देवघर मुख्य पथ को जाम कर दिया है। 
हालांकि जाम की सूचना मिलते ही बीडीओ गौतम भगत व पुलिस कर्मी जाम स्थल पर पहुंच गये हैं और जामकर्ताओं को समझाने बुझाने और सड़क जाम हटाने के प्रयास में जुटे हैं। अंतिम सूचना मिलने तक जाम जारी है। और प्रशासनिक पदाधिकारियों की जामकर्ताओं से वार्ता जारी है।

शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

होगा उलगुलान, लोग सड़कों पर उतरेंगे : मुख्यमंत्री

होगा उलगुलान, लोग सड़कों पर उतरेंगे : मुख्यमंत्री
           
रांची : मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कृषि बिल को लेकर कहा कि केंद्र की मनमानी ऐसे ही चलती रही तो राज्य में उलगुलान होगा। लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि कृषि बिल में किसानों के हित की बात का कोई अता-पता नहीं है। बिल को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि इससे सिर्फ व्यापारियों, कंपनियों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री झारखंड मंत्रालय़ में कृषि बिल को लेकर संवाददाताओं से मुखातिब थे। उनके साथ ग्रामीण विकास मंत्री श्री आलमगीर आलम भी मौजूद थे। 

कृषि बिल देश के संघीय ढांचे पर सबसे बड़ा आघात
मुख्यमंत्री ने कृषि बिल को देश के संघीय ढांचे पर सबसे बड़ा आघात बताते हुए कहा कि एक तो केंद्र सरकार ने राज्य के विषय पर अतिक्रमण कर कानून बनाया और दूसरी ओर राज्यों से इस संबंध में जरूरी मशविरा तक नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर कानून बनाया भी, तो उसे लागू करना राज्यों पर छोड़ना चाहिए था, ताकि बिल के गुण-दोष की विवेचना कर राज्य उसे लागू करने के लिए स्वतंत्र होते। लेकिन, केंद्र सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए उसे राज्यों पर थोप रही है। उन्होंने कहा कि देश के हर राज्य में खेती-बारी की अलग-अलग व्यवस्था है, इस स्थिति में पूरे देश के लिए एक प्रकृति का कृषि कानून अतार्किक है। उन्होंने कानून की खामियों को इंगित करते हुए कहा कि यह एक ऐसा बिल है, जो किसी समय-सीमा में नहीं बंधा है, बल्कि स्थायी है।  
कृषि बिल से नये रंग-रूप में एक बार फिर महाजनी प्रथा लागू होगी

श्री सोरेन ने कहा कि कृषि बिल से एक बार फिर महाजनी प्रथा लागू होगी। वही महाजनी प्रथा जिसके खिलाफ झारखंड के लोगों ने वर्षों आंदोलन किया। उसे जड़ से उखाड़ने का काम किया। उन्होंने कहा कि ये महाजन ही अनुबंध पर किसानों की खेत में फसल लगवायेंगे और फसल का मनमर्जी मूल्य तय करेंगे। क्योंकि कृषि बिल में यह स्पष्ट नहीं है कि अनुबंध पर किसानों के खेत में फसल लगवानेवाले फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देंगे। वहीं बीच में किसान से अनुबंध टूटने पर किसानों को न्याय के लिए अदालतों का चक्कर काटना पड़ेगा। इस स्थिति में समस्याग्रस्त किसान के सामने आत्महत्या के सिवा कोई चारा नहीं बचेगा। 

 जमाखोरी पर अंकुश खत्म हो जाएगा :

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कृषि बिल से जमाखोरों की बन आएगी। जमाखोरी पर अंकुश खत्म होने से महाजन मनमाना मूल्य निर्धारित करने लगेंगे। उन्होंने चाणक्य के कथन का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस देश का राजा व्यापारी होगा, उस देश की जनता भिखारी ही होगी। उन्होंने आलू-प्याज की बढ़ती कीमतों का जिक्र करते हुए कहा कि हमें कब क्या खाना है, उसे भूलना पड़ेगा। 
कृषि बिल को किसानों पर थोपा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने येन-केन-प्रकारेण संविधान से प्रदत शक्तियों का दुरुपयोग कर कृषि बिल को संसद से पारित कर किसानों पर थोपा है। यही कारण है कि देश के तमाम राज्यों के किसान आंदोलित हैं। उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आ रहा कि प्रधानमंत्री देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं। पहले जीएसटी, कोल निलामी, शिक्षा नीति आदि पर एकतरफा फैसला लिया और अब कृषि बिल पर भी वही रवैया अपनाया है। 

राज्य में ढाई सौ करोड़ से ग्रामीण अधारभूत संरचना का होगा निर्माण:

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए  संरचनागत बदलाव की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि गांवों तक आधारभूत संरचना विकसित करने के लिए नाबार्ड के साथ मिलकर सरकार ढाई सौ करोड़ रुपये का प्रावधान करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य मकसद यह है कि किसानों को बिचौलियों की जरूरत नहीं पड़े। उसके पहले मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में मीडिया कर्मियों की भूमिका की सराहना करते हुए उनका शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के डर से जब लोग घरों में कैद थे, तो मीडियाकर्मी ही थे जो उन्हें देश-दुनिया की खबरों से अवगत कराते रहे।

भाजपायियों ने लिया पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प

भाजपायियों ने लिया पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प 
  
धनवार/गिरिडीह  : धनवार विधानसभा क्षेत्र के डोरंडा मण्डल स्थित बलहारा गाँव में भाजपा कार्यकर्ताओं  ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104 वीं जयंती मना कर उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।

 इस दौरान भाजपा द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को हर मतदान केंद्र पर मनाने का निर्णय लिया था। जिसके तहत डोरंडा मंडल क्षेत्र के बलहारा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मण्डल महामंत्री प्रधुम्न वर्मा ने किया। जबकि संचालन मदन शर्मा ने किया। 

इस दौरान भाजपा मंडल महामंत्री प्रधुम्न वर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानवदर्शन के प्रणेता हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार दीनदयाल के अंत्योदय के स्वप्न को साकार कर रही है। भाजपा नेता सुरेश महतो ने पंडित दीनदयाल के जीवन और राजनीतिक संघर्ष के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। मौके पर कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय अमर रहें के नारे भी लगाए। 

कार्यकम में सुरेश महतो नागेश्वर राय, जितेंद्र यादव, द्वारिका वर्मा, पप्पू यादव, जनार्दन शर्मा, कोलेश्वर साव, अशोक पासवान, रामेश्वर दास सहित कई लोग उपस्थित थे।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मार्ग से ही होगा देश और समाज में एकता का प्रचार : कामेश्वर पासवान

पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मार्ग से ही होगा देश और समाज में एकता का प्रचार : कामेश्वर पासवान

गिरिडीह : पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर शुक्रवार को गिरिडीह के भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जिलाध्यक्ष सह जिप उपाध्यक्ष कामेश्वर पासवान के नेतृत्व में उनके आवासीय कार्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाई गई।

प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष अमर कुमार बावरी के निर्देश के आलोक में आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री उमेश दास ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला मंत्री मेघलाल तूरी ने किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष पासवान ने कहा कि हर वर्ष हम सभी कार्यकर्ता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिन्होंने संगठन को खड़ा करने में अपना बलिदान दिया उनकी याद में उनकी जयंती मनाते हैं। साथ ही उनकी जयंती पर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। ताकि देश और समाज में एकता का प्रचार-प्रसार हो और एक अच्छी परंपरा की शुरुआत हो।
 
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से देश मे आज कई योजनाएं संचालित है। 
कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष कामेश्वर पासवान के अलावा जिला महामंत्री उमेश दास राजू दास रंजीत राय,  मोनू कुमार, नितिन कुमार, इरफान अंसारी, सीताराम मंडल, मेघलाल तूरी, माथुर दास, रोहित दास, सहित अनुसूचित जाति मोर्चा के कई पदाधिकारी मौजूद थे।

एलआईसी के द्वारा मात्र 10 मिनट में किया गया मृत्यु दावा का भुगतान

एलआईसी के द्वारा मात्र 10 मिनट में किया गया मृत्यु दावा का भुगतान

गिरिडीह : भारतीय जीवन बीमा निगम की गिरिडीह शाखा के द्वारा मात्र 10 मिनट में मृत्यु दावा का भुगतान किया गया। स्वर्गीय कमल राय परमार के दो जीवन बीमा पॉलिसियों का मृत्यु दावा का भुगतान महज 10 मिनट के भीतर कर एलआईसी ने एक इतिहास बना दिया है। जिसकी न केवल बीमा एजेंटों के बीच बल्कि आम लोगों के बीच भी काफी सराहना की जा रही है।

 विदित हो कि गिरिडीह के पावर हाउस बरगंडा निवासी स्वर्गीय कमल राय परमार का देहांत बीते 28 अगस्त को हो गया था। उनकी पत्नी के द्वारा शुक्रवार को मृत्युदावा भुगतान संबंधी कागजात एलआईसी कार्यालय मर जमा किया गया। कागजात जमा होने के बाद एलआईसी गिरिडीह शाखा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए मात्र 10 मिनट में मृत्यु दावा का भुगतान कर दिया गया। मृत्यु दावा का भुगतान वरिय शाखा प्रबंधक सुरेश रजक बीमा कर्मचारी संघ के सचिव धर्म प्रकाश एवं अध्यक्ष क्लब अभिकर्ता प्रदीप साव के द्वारा उनके निवास स्थान पर दिया गया।

मौके पर शाखा के वरीय शाखा प्रबंधक सुरेश रजक ने कहा कि हम लोग 99.69 प्रतिशत मृत्यु दावा का भुगतान करते हैं। बीमा कर्मचारी संघ के सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि एलआईसी हमेशा से दावा भुगतान में विश्व में नंबर वन स्थान रखती है। देश की जनता का अटूट विश्वास एलआईसी पर है। इसीलिए एलआईसी में बीमा धारकों की संख्या 40 करोड़ हो गई है। इस भुगतान में शाखा के अध्यक्ष क्लब अभिकर्ता प्रदीप कुमार साव ने काफी सहयोग किया।

पीडीएस डीलर हीरा लाल साव की अनुज्ञप्ति किया गया निलंबित

पीडीएस डीलर हीरा लाल साव की अनुज्ञप्ति किया गया निलंबित

गांवां/गिरिडीह  : जनवितरण प्रणाली की दुकान के संचालक हीरा लाल साव को महिला कार्ड धारी के साथ मार पीट एवं बदसुलूकी करने के आरोप में शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। डीएसओ के निर्देश पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी प्रदीप राम के द्वारा यह कार्रवाई की गई है। उक्त पीडीएस दुकान के सभी राशन कार्ड धारियों को प्रगतिशील स्वयं सहायता समूह गांवां को स्थानांतरित कर दिया गया।

क्या है मामला:

 बीते 23 सितंबर को डीलर हीरालाल साव के द्वारा एक 40 वर्षीय महिला शकुन्ती देवी से साथ मार पीट एवं अभद्र वयवहार करने का मामला प्रकाश में आया था। शकुन्ती देवी का कहना था कि उसे सितंबर माह का राशन कम दिया जा रहा था। साथ ही कार्ड में अक्टूबर माह का राशन भी चढ़ा दिया जा रहा था। जिसका विरोध करने पर डीलर और उसकी पत्नी उसके साथ मार पीट पर उतर गए थे। उसके बाद महिला ने घटना की शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी से की थी। सूचना पाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली और डीलर हीरालाल साव को कड़ी फटकार लगाई और मामले की जांच की बात कही थी। वंही यह मामला सूबे के खाद्य आपूर्ति मंत्री तक पहुंच गया था। जिस पर उन्होंने काफी गम्भीरता से संज्ञान लिया और डीसी गिरिडीह और डीएसओ से वार्ता कर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिसके आलोक में डीएसओ ने बीडीओ गांवा को उक्त डीलर के खिलाफ एफआईआर करने को कहा और उसका लाइसेंस निलंबित करने का निर्देश दिया था।

तीन दिनों से लापता 14 वर्षीय छात्रा की कुंए से मिली लाश, परिजनों का रो रो कर बुरा हाल

तीन दिनों से लापता 14 वर्षीय छात्रा की कुंए से मिली लाश, परिजनों का रो रो कर बुरा हाल


राजधनवार/गिरिडीह : घोड्थम्भा ओपी क्षेत्र के गुंडरी बंडामाख गांव से तीन दिन पूर्व लापता एक छात्रा का शव घर से छः सो मीटर दूर स्थित कुएं से बरामद किया गया। 

बताया जाता है कि गुंडरी गाँव के बंडामाख टोला निवासी मनोज तुरी की 14 वर्षीय पुत्री ज्योति कुमारी बुधवार की दोपहर बाद घर से बकरी चराने को कह कर निकली और देर शाम तक घर वापस लौट कर नही आयी। उसके वापस नहीं लौटने पर उसकी माँ तथा अन्य परिजनों ने खोजबीन शुरू की पर उसका कहीं पता नही चला। अंत मे परिजनों ने घोड्थम्भा ओपी में छात्रा की गुमसुदगी का एक मामला दर्ज कराया। 

14 वर्षीय नाबालिग छात्रा की गुमसुदगी का मामला दर्ज होने के बाद घोड्थम्भा पुलिस भी उसकी खोजबीन में जुटी थी। इसी दौरान शुक्रवार की सुबह 11 बजे के आसपास पीड़ित परिवार के घर से करीब 600 मीटर दूर बीच मैदान में स्थित एक कुआं में कुछ लोगों ने एक बच्ची का तैरता हुआ शव देखा। 

कुंए में शव मिलने की सूचना के बाद गाँव सहित घर के लोग वँहा पहुँचे। शव देख परिवार वालों ने शव की शिनाख्त लापता छात्रा ज्योति के रूप में की। बाद में लोगों ने घोड्थम्भा ओपी पुलिस को मामले की सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और ग्रामीणों के सहयोग से शव को कुंए से बाहर निकाला। पुलिस ने मृतका के शव को अपनी अभिरक्षा में ले अन्त्यपरीक्षण हेतु गिरीडीह सदर अस्पताल भेज दिया। 

बताया जाता है कि मनोज तुरी को दो पुत्र तथा एक पुत्री थी। जिसमें ज्योति कुमारी लक्ष्य कॉन्वेंट पब्लिक स्कूल घोड्थम्भा में छठी क्लास की छात्रा थी। 

वहीं घटना के सम्बंध में ओपी प्रभारी आर.के. पांडेय ने कहा कि प्रथम दृष्टया से कुँआ में डूबने से मौत से प्रतीत होती है। हालांकि उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच परिवार जनों का रो रो कर बुरा हाल है।

मुआवजे की मांग को लेकर 12 दिनों से जार्डन में पड़ा है नारायण महतो का शव

मुआवजे की मांग को लेकर 12 दिनों से जार्डन में पड़ा है नारायण महतो का शव

                  मृतक मजदूर का फाइल फोटो
           

गिरिडीह : जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के बेको पूर्वी पंचायत के सुंदरूटांड निवासी तुलो महतो के 32 वर्षीय पुत्र नारायण महतो का शव बीते 12 दिनों से जार्डन के एक अस्पताल के मार्चरी में ही पड़ा हुआ हैं।कंपनी के द्वारा उचित मुआवजे नहीं मिलने से परिजन शव को लेने से इंकार कर रहें हैं।


बताते चलें कि बीते 13 सितम्बर को जार्डन में नारायण महतो की मौत हो गयी थी। नारायण महतो के शव को लेकर नारायण महतो की पत्नी हेमंती देवी ने सरकार से गुहार लगायी थी। परिजनों ने बताया कि परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए रोजी रोटी कमाने नारायण महतो केईसी ट्रांसमिशन कंपनी में जार्डन गया था। जंहा कार्य के दौरान उसकी मौत हो गयी थी।  पिछले 13 सितम्बर को कंपनी के द्वारा मौत की सूचना परिजनों को दी गयी थी। लेकिन आज तक कंपनी वाले मौत का कारण आकस्मिक बता रहीं हैं।जबकि जानकर उसकी मौत काम के दौरान टावर में करंट लगने से हुई बता रहे हैं। परिजनों का कहना है कि जबतक कंपनी उचित मुआवजे नहीं देती हैं तबतक शव को नही रिसीव करेंगे। इस संबंध में प्रवासी मजदूरों की हितों में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली कंपनी से लगातार संपर्क कर मामले को हल करने में जुटे हैं। मृतक नारायण महतो अपने पीछे पत्नी हेमंती, ग्यारह वर्षीय पुत्र मिथलेश कुमार एवं एक आठ वर्षीय पुत्री मधु कुमारी को छोड़ गया हैं। जिसके परिवरिश की चिंता अब परिवार वालों को सता रही है। इसलिये परिजन उचित मुआवजे की मांग को लेकर अड़े हुये है।

किसान विरोधी कानून वापस लेने की मांग को लेकर भाकपा माले ने किया चक्का जाम

किसान विरोधी कानून वापस लेने की मांग को लेकर भाकपा माले ने किया चक्का जाम


गांवां/ गिरिडीह  : किसानो द्वारा सम्पूर्ण भारत बंद करने का आह्वान किया गया था। जिसके समर्थन में भाकपा माले की गांवां इकाई ने गांवां में पुरजोर तरीके से बंद का समर्थन किया। इस दौरान माले कार्यकर्ताओं ने जंहा विरोध प्रदर्शन किया वंही नुक्कड़ सभा कर केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर आग उगला। कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी प्रखंड सचिव नागेश्वर यादव और संचालन अमीत कुमार बर्नवाल ने किया।

मौके पर नागेश्वर यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार करते हुये कहा कि ज़ब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है तब से आम जनता की स्थिति बद से बदतर हो गई है।

आज देश की स्थिति इतना नाजुक हो गया है कि गरीब - मजदूर, छात्र - नौजवान से लेकर किसान तक अपने हक़ के लिये इस तानाशाही सरकार के खिलाफ रोड पे उतर आये है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी किसान विरोधी काला कानून वापस लेने की मांग करती है। अगर भाजपा सरकार इस किसान विरोधी कानून को वापस नहीं लेती है तो यहाँ से लेकर दिल्ली का सत्ता हिलाने में भी यहाँ के किसान - मजदूर और छात्र - नौजवान पीछे नही हटेंगे।

मौक़े पर प्रखंड कार्यकारी सचिव सकलदेव यादव, इंनौस के राष्ट्रीय परिषद सदस्य अशोक मिस्त्री, इंनौस के जिला कमिटी सदस्य अकलेश यादव,रंजीत यादव, पंकज कुमार, मनीष कुमार, पवन चौधरी, अशोक यादव, महेंद्र यादव, उपेंद्र यादव, सुशील राणा, विक्की यादव और दर्जनों नौजवान साथी मौजूद थे।

भारत बन्द के समर्थन में भाकपा माले ने निकाला प्रतिवाद मार्च, किया केंद्र सरकार का पुतला दहन

भारत बन्द के समर्थन में भाकपा माले ने निकाला प्रतिवाद मार्च, किया केंद्र सरकार का पुतला दहन


राजधनवार/गिरिडीह : केंद्र सरकार द्वारा देश के किसान एंव श्रमिक विरोधी बिल पास कराने के खिलाफ शुक्रवार को भाकपा माले प्रखण्ड सचिव के नेतृत्व में पूरे धनवार बाजार में प्रतिवाद मार्च निकाला गया। साथ ही धनवार के गाँधी चौक में भाजपा सरकार का पुतला दहन किया गया।

इस दौरान भाकपा माले प्रखण्ड सचिव किशोरी अग्रवाल ने कहा कि  भारत सरकार देश के किसान एवं श्रमिक विरोधी दिल जबरन पास करा लिया है। जबकि इन मामले में इनके ही सरकार में शामिल मंत्री ने बिल के विरोध में इस्तीफा दे दिया है।

कहा कि सरकार की किसान और श्रमिक विरोधी नीति से देश के अधिकतर किसान श्रमिक एवं बेरोजगार हताश है। उनमें असंतोष तथा आक्रोश पनप रहा है जिसे सरकार नजर अंदाज कर रही है। देश के महत्वपूर्ण हवाई, रेल, चिकित्सा, बैंक और बीमा जैसी व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय आखिरकार किसके हित में है।


उन्होंने कहा कि केंद्र में सरकार देश के 120 करोड़ जनता चुनती है लेकिन उन देशवासी के हक और अधिकार के विरोध में नीति निर्धारित होना भारत के लोकतंत्र के साथ क्रूर मजाक है। सरकार पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दी है। सभी खाली पदों पर बहाली नहीं हो रही है। इसका खामियाजा देश के बेरोजगार और आम-आवाम भुगत रही है। दूसरी ओर सरकार पूंजी पतियों तथा कॉरपोरेट घराने के लोगों को खुश करने में लगी हुई है। जो देश की जनता के लिए अन्याय है। 


प्रतिवाद मार्च कार्यक्रम में भाकपा माले नेता विनय संथालिया, जिला परिषद सदस्य रेखा अग्रवाल, कौशल्या दास, राजकुमार दास, शंकर पासवान, गोपाल भदानी, नरेश यादव, संजय पांडेय, नारायण दास सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।

गिरिडीह में कृषि बिल के खिलाफ भारत बन्द रहा असरहीन

गिरिडीह में कृषि बिल के खिलाफ भारत बन्द रहा असरहीन


गिरिडीह : कृषि बिल के विरोध में आहूत विपक्षी दलों का भारत बंद गिरिडीह मे असरहीन रहा। शुक्रवार को बिल के खिलाफ बन्द के समर्थन में सिवाय भाकपा माले के कोई भी विपक्षी दल सड़क पर नजर भी नहीं आये। जबकि बन्द के समर्थन में आम आदमी पार्टी समेत कई दल शामिल थे।

वंही बन्द के मद्दे नजर प्रशासनिक महकमा काफी मुस्तेद दिखा। चौक चौराहे पर जंहा पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी। वंही सुबह से ही सीओ रवीन्द्र कुमार सिन्हा और नगर थाना प्रभारी विनय राम पुलिस जवानों के साथ मोर्चा संभाले हुए थे। वंही दूसरी ओर भारत बन्द के दौरान सड़कों पर रोज की तरह दुपहिया, चार पहिया वाहनों का परिचालन जारी रहा। दुकानों में रोज की तरह भीड़ भाड़ रही। सब कुछ आम दिनों की तरह सामान्य नजर आया। कल कारखाने भी खुले रहे। बन्द के कोई असर कंही देखने को नही मिला।

जिलामुख्यालय स्थित झंडा मैदान में माले कार्यकर्ता जुटे और वंही से शहर की मुख्य सड़कों की ओर कूच किया। ज्योंहि बंद के समर्थन में उतरे माले नेता और कार्यकर्ता झंडा मैदान से निकले त्योंहि पूर्व से डंटे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। झंडा मैदान से निकलकर जैसे ही माले कार्यकर्ता भारत बन्द को गिरिडीह में भी सफल कराने की नियत से अम्बेडकर चौक पहुंचे तो वँहा पूर्व से तैनात अधिकारियों ने उन सभी बंद समर्थको को रोक लिया। 

पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा रोके जाने के बाद बंद समर्थको ने अंबेडकर चौक पर ही केंद्र सरकार के किसान बिल के खिलाफ नारेबाजी की। मौके पर माले नेताओ ने कहा कि सरकार के लाठियों से माले कार्यकर्ता कभी डरने वाले नही है। कहा कि इस कोरोना महामारी को लेकर राजनीतिक दलों के प्रदर्शन पर रोक है। लेकिन भाकपा माले द्वारा बिल का विरोध जारी रहेगा।


मौके पर भाकपा माले नेता राजेश यादव, राजेश सिन्हा, मनौवर हसन बंटी, प्रीति भास्कर, अखिलेश कुमार, नौशाद चाँद सहित काफी संख्या में माले नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।


कोरोना को मात दे एक बार फिर से मरीजों की सेवा में जूटी डॉ मीता साव

कोरोना को मात दे एक बार फिर से मरीजों की सेवा में जूटी डॉ मीता साव


गिरिडीह। नगर निगम क्षेत्र के गद्दी मुहल्ला में संचालित गिरिडीह की सबसे पुरानी प्राइवेट अस्पताल बसंती देवी गोयनका सेवा सदन में विगत 35 वर्षों से सेवा दे रही गिरिडीह की विख्यात महिला चिकित्सक डाॅ मीता साव कोरोना को मात देकर एक बार फिर जनसेवा में जूट गई है। 

विदित हो कि बीते एक सितंबर को अचानक डाॅ मीता साव की तबियत खराब हो गयी थी। बुखार आने के बाद उन्होंने सदर अस्पताल में कोविड जांच कराया। जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद वे होम कोरेंटाईन में चली गई थी। 

गौरतलब है कि कोराना काल के दौरान जहां शहर के कई नर्सिंग होम ने सेवा बंद कर दी थी। वहीं डाॅ मीता साव गोयनका सेवा सदन में लगातार मरीजो की सेवा में जूटी थी। शहर के अलावे दूर दराज से आने वाली गर्भवती मरीजों को कोई कष्ट न हो इसका भी विशेष ध्यान रखा जा रहा था। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सेवा सदन में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए गर्भवती महिलाओं का इलाज किया जा रहा था।

डाॅ मीता साव का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चपेट में आने वाले लोग इस संक्रमण से घबराने के बजाय सही समय पर डाॅक्टर से संर्पक कर अपना इलाज कराये। बीमारी निश्चित दूर होगी।उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंस का पालन करने के साथ ही सरकार के दिशा निर्देश का पालन करते हुए सुरक्षित रहने का आग्रह किया।