भगवान श्री चित्रगुप्त का प्रकटोत्सव 8 अप्रैल को
श्रद्धालुओं से घरों में पूजा-अर्चना करने की अपील
गिरिडीह : चैत माह की पूर्णिमा को कायस्थों द्वारा कायस्थ कुल वंशजो के कुलदेव भगवान श्री चित्रगुप्त का प्रकटोत्सव मनाया जाता है। इसी दिन भगवान श्री चित्रगुप्त अवतरित हुये थे और इसी दिन हनुमान जयंती भी मनायी जाती है।
यह दो दो त्यौहार एक साथ हर वर्ष होते हैं। जिससे मंदिरों में श्रधालुओं की काफी भीड़ हो जाती हैं। खास कर उन मंदिरों में जंहा हनुमान जी की प्रतिमा के साथ भगवान श्री चित्रगुप्त की भी प्रतिमा विराजमान हैं। उन मंदिरों में हनुमान भक्तों के साथ साथ चित्रगुप्त भक्तों की भीड़ उमड़ती है। दोनों ही देवताओं की पूजा अर्चना गिरिडीह जिला मुख्यालय में भी काफी धूम धाम से होती है।
लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी को लेकर इस तिथि पर भी देशव्यापी लॉक डाउन का साया है। लोगों को एक स्थान पर एकत्रित होने की मनाही है। उन्हें घरों में ही रहने की सरकार सहित जिला प्रशासन द्वारा अपील की गयी है।
इस स्थिति को देखते हुये जिले में संचालित कायस्थों की अग्रणी संस्था राष्ट्रीय कायस्थ वृंद ने सभी कायस्थों से अपील किया है कि आप इस तिथि पर मंदिरों में न जुटे। अपने अपने घरों में ही भगवान श्री चित्रगुप्त की तस्वीर के समक्ष दीपक (दीया) जला कर उनके प्रकटोत्सव को मनाएं।
ताकि किसी प्रकार की कोई परेशानी उत्पन्न न हो।
आप स्वस्थ्य रहें और सुरक्षित रहें। यह जानकारी राष्ट्रीय कायस्थवृन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिपुरारी प्रसाद बक्सी ने दी।
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