शुक्रवार, 20 मार्च 2020

लातेहार में बन रही शहरी जलापूर्ति योजना में खुली भ्रष्टाचार की पोल,

लातेहार में बन रही शहरी जलापूर्ति योजना में खुली भ्रष्टाचार की पोल, 33 करोड़ की लागत से बन रहे शहरी जलापूर्ति योजना

लातेहार : जिला मुख्यालय के नगर पंचायत क्षेत्र में 33 करोड़ की लागत से बन रहे शहरी जलापूर्ति योजना में हुई भ्रष्टाचार की पोल उस समय खुल गई जब योजना की जांच करने राज्य स्तरीय टीम लातेहार पहुंची। जांच टीम के द्वारा पुरे शहर में बिछाए गए पाइप लाइन को उखाड़ कर देखा तो प्राक्कलन की खुलेआम अनदेखी करते हुए पाया। 

प्राक्कलन के मुताबिक लगभग एक मीटर गड्ढा कर पाइप लाइन पूरे शहर में ले जाना था, परंतु एजेंसी के द्वारा अधिकांश स्थानों पर मात्र 6 से लेकर 9 इंच तक गड्ढा कर पाइप लाइन बिछा दिया गया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा एजेेंसी टीम को कई जगहों में पाइपलाइन को उखाड़ कर दिखााया, जिसमें सभी जगह अनियमितता मिला। हलांकि टीम के सदस्यों ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इंकार किया और सिर्फ इतना बताया कि वे लोग जांच रिपोर्ट  विभाग को सौंप देंगे। जिस तरह पाइप लाइन बिछाने में अनियमितता बरती गई है। अगर इस पर सुधार नहीं किया गया तो जिले में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। गौरतलब हो कि नगर पंचायत बोर्ड की बैठक में नगर पंचायत उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिन्हा, वार्ड पार्षद जितेंद्र पाठक, संतोष रंजन, गुड़िया सिन्हा, विरेंद्र पासवान आदि लोगों ने पाइप लाइन बिछाने में की गयी गड़बड़ी का मामला उठाया था। प्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत डीसी से भी की थी। जिसके आलोक में डीसी ने राज्य सरकार से योजना की जांच के लिए अनुशंसा की थी। उसी के आलोक में राज्य स्तरीय जांच टीम लातेहार पहुंचकर योजना की जांच की। 

संवेदक और एजेंसी र्किमयों में हुई बकझक : शहर में जलापुर्ति योजना की जांच करने पहुंची राज्य स्तरीय टीम को एजेंसी के र्किमयों के द्वारा मात्र अपने मन मुताबिक स्थानों पर जांच के लिए ले जाना चाह रहे थे। इसका विरोध स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने किया। इसी को लेकर दोनों ओर से बकझक भी हुई। परंतु जांच टीम के सदस्यों ने प्रतिनिधियों की शिकायत पर कई स्थानों पर गड्ढा खोद कर पाइप लाइन की जांच की तो पाया कि पाइप लाइन बिछाने में प्राक्कलन का खुलेआम अनदेखी किया गया है।

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