नाबालिग को अगवा करने वाले को दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा
गिरिडीह : नाबालिग को अगवा करने के मामले की सुनवाई करते हुये जिला जज वन सह पोक्सो के विशेष न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत ने सोमवार को दोषी युवक को दस साल सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। अदालत ने नाबालिग को अगवा करने के मामले में दस साल कैद एवं पांच हजार रुपये जुर्माना तथा पोक्सो की धारा में पांच साल कैद एवं पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है। दोनों ही सजा साथ-साथ चलेगी।
घटना बेंगाबाद थाना क्षेत्र की है। नाबालिग के पिता ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि 20 मई 2016 को दिन के 11 बजे उसकी बेटी दुकान से सामान लेने गई थी। जब वह बहुत देर तक घर नहीं लौटी तो उसे खोजने निकला। खोज बीन के दौरान उन्हें यह सूचना मिली कि नगरी गांव निवासी मुकेश राणा उसकी बेटी का अपहरण कर अपने चारपहिया वाहन में ले गया है।
प्राथमिकी दर्ज होते ही बेंगाबाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर नाबालिग को बरामद कर लिया और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था। मामले में अभियोजन की तरफ से 13 गवाहों का परीक्षण कराया गया जिसमें सूचक, पीड़िता, चश्मदीद और अनुसंधानकर्ता शामिल थे। परीक्षण के दौरान पीड़िता ने भी अदालत में कहा था कि मुकेश उसे बहला फुसलाकर जबरन ले गया था।
सुनवाई के दौरान दोषी युवक मुकेश के अधिवक्ता ने युवक का बचाव करते हुये जहां कम से कम सजा देने की अपील अदालत से की वहीं अभियोजन पक्ष ने कठोर सजा देने की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उक्त फैसला सुनाया।
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