समाज में घटित घटनाओं, दैनिक समाचारों, फ़िल्म और नाट्य जगत से जुडी खबरों के अलावे साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक व ज्योतिषीय विचारों, कविता, कहानी, फीचर लेख आलेख का संगम है यह "वेब न्यूज पोर्टल"। आशा ही नही अपितु पूर्ण विश्वास है कि आप सबों का भरपूर सहयोग मुझे प्राप्त होगा। आपका सुझाव व मार्गदर्शन भी अपेक्षित है।
शनिवार, 28 मार्च 2020
किसानों को धान अधिप्राप्ति की राशि भुगतान की दिशा में पहल करें अधिकारी : पैक्स जिलाध्यक्ष

जिला प्रशासन ने गरीब व असहायों के लिये शहरी क्षेत्र में खोला 11 दाल भात केंद्र
जिला प्रशासन ने गरीब व असहायों के लिये शहरी क्षेत्र में खोला 11 दाल भात केंद्र
सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कर दी जा रही भोजन
गिरिडीह : वैश्विक महामारी कोरोना के मद्दे नजर घोषित लॉकडाउन के दौरान जिले के गरीब, असहाय व जरूरतमंद लोगों के समक्ष भोजन की समस्या उतपन्नं ना हो, इसे लेकर जिला प्रशासन कटिबद्ध है।
जिला प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में शनिवार से ग्यारह दाल भात केंद्र का संचालन शुरू किया है। जंहा गरीब व असहाय लोगों को भोजन (खिचड़ी) उपलब्ध कराया जा रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा संचालित इस दाल भात केंद्र के माध्यम से जंहा लोगों को भोजन प्राप्त हो रही है वंही लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन का भी पाठ पढ़ाया जा रहा है। दाल भात केंद्र में सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए चुने से घेरे बनाया गया। जिसमे खड़े होकर लोग अपनी बारी आने का इंतजार करते दिखे एवं खाना मिलने के बाद 1 मीटर या उससे अधिक दूरी बनाकर खाना खाते देखे गये।
ज्ञात हो कि लॉकडाउन के उचित अनुपालन के लिए जिला प्रशासन के द्वारा आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व से अवगत करवाया जा रहा है। जिले वासियों से अपील की जा रही है कि सोशल डिस्टेंस का कड़ाई से अनुपालन करें। ताकि संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके।

नहाय खाय के साथ लोकआस्था का महापर्व छठ शरू, खरना रविवार को
नहाय खाय के साथ लोकआस्था का महापर्व छठ शरू, खरना रविवार को
फोटो : प्रसाद ग्रहण करती छठव्रती
गिरिडीह : सूर्योपासना का चार दिवसीय महान पर्व चैती छठ पूजा शनिवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ।
चार दिनों तक चलने वाले इस लोक आस्था का महान पर्व के पहले दिन छठव्रतियों ने भले सुबह से ही घरों की साफ सफाई की। स्नानादि से निवृत हो छठव्रती पूरे विधि विधान से अरवा चावल का भात, चने की दाल, कद्दू समेत अन्य कई प्रकार की सब्जी आदि बनाया और छठ मइया और भगवान सूर्य को भोग लगा उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। उसके बाद पूरे परिवार के लोगों के अलावे अडोस पड़ोस के लोग भी उस भोजन को प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया।
कोरोना महामारी को लेकर देशव्यापी जारी लॉक डाउन का खासा असर इस पर्व पर देखने को मिला। छठव्रतियों और उनके परिवार के लोगों को लॉक डाउन के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बाजार खुले नहीं थे। सब्जी मंडी भी बंद था। बाबजूद इसके सारी व्यवस्था पूर्ण कर आज पहले दिन के कार्य का निष्पादन किया गया।
रविवार को इस पर्व के दूसरे दिन खरना का आयोजन होगा । जिसमें छठव्रती दिन भर निर्जला उपवास रख सन्ध्या पहर पूरे विधान से अरवा चावल की खीर समेत अन्य प्रकार की भोग बनायेंगी। उसके बाद छठ मइया को भोग अर्पण कर प्रसाद ग्रहण करेंगी। छठव्रती के प्रसाद ग्रहण करने बाद परिवार के लोग व अन्य लोग प्रसाद प्राप्त करेंगे। सोमवार से मंगलवार तक व्रत के तीसरे और चौथे दिन छठव्रती चौबीस घण्टे का उपवास रखेंगी। तीसरे दिन सन्ध्या पहर डूबते सूर्य को अर्ध्य देंगी तथा चौथे दिन अहले सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य प्रदान कर व्रती अपने व्रत का पारण करेंगी। इसके साथ ही चार दिवसीय चैती छठ पूजा सम्पन्न होगा।

विधायक सुदिव्य सोनू देंगे सदर अस्पताल को चार अदद अत्यावश्यक मशीन

बीडीओ सीओ ने किया राशन दुकान की जांच, दिया निर्देश

चुनाव में बने कलस्टर को क्वॉरेंटाइन केंद्र बनावे, वीडियो ने जारी किया निर्देश

जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र मधुबन में मुखिया ने बांटे मास्क
जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र मधुबन में मुखिया ने बांटे मास्क
फोटो : मास्क वितरित करते मुखिया
पीरटांड़/ गिरिडीह: जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन के मुखिया निर्मल तुरी ने सरकार के आदेश पर पूरे मधुबन पंचायत क्षेत्र में 1000 मार्क्स बांटने का निर्णय लिया है अब तक 300 मार्क्स बांट चुके हैं आगे और 700 मार्क्स पूरे मधुबन पंचायत क्षेत्र में बांटना है ।
मुखिया निर्मल पुरी ने बताया कि कोरोना वायरस को देखते हुए एवं क्योंकि मधुबन जैनियों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है कई बाहरी लोग यहां आ चुके हैं इसलिए मार्क्स बांटना जरूरी है । उन्होंने कहा कि पंचायत क्षेत्र में किसी को भूखे नहीं मरने दिया जाएगा। मधुबन के कई स्वयंसेवी संस्था इस क्षेत्र में आगे कदम बढ़ा चुके हैं। एक और जहां तलेटी तीर्थ के दीपक में पानी पहाड़ के रास्ते में बसे झुग्गी झोपड़ियों में अनाज पहुंचाने का काम प्रारंभ कर दिया है। वहीं शिव शंकर कांवरिया संग भूखे लोगों को भोजन करा रहा है । गरीबों के सहायतार्थ कितने हाथ उठ चुके हैं । वही बाहर से आने वाले व्यक्तियों के लिए सभी को कहा गया कि तुरंत सूचना दें जिन्हें पंचायत भवन स्थित आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा । मधुबन पंचायत क्षेत्र में कोरोना को लेकर व्यापक तैयारी की गई है ।

लाॅक डाउन में दिल्ली में फँसे झारखंडियों को आप के झारखण्ड प्रवक्ता कर रहे मदद

पालगंज के शनिश्चरी हॉट में उमड़ा लोगों का हुजूम

शुक्रवार, 27 मार्च 2020
सुहागिनों ने की विधि पूर्वक गणगौर की पूजा-अर्चना
सुहागिनों ने की विधि पूर्वक गणगौर की पूजा-अर्चना
गिरिडीह : गिरिडीह में गणगौर की पूजा-अर्चना सुहागिनों द्वारा पूरे उत्साह के साथ किया जाता है। लेकिन इस वर्ष कोरोना को लेकर किये गये लॉकडाउन का खासा असर इस पूजन पर देखने को मिला। गिरिडीह में महिलाओं ने अपने घरों में ही पूजा अर्चना की और परम्परागत तरीके से शुक्रवार को व्रत का पारण किया।
बता दें कि होलिका दहन की राख से सुहागिन महिलाएं शिव-पार्वती की मूर्ति तैयार कर पूरे 16 दिनों का अनुष्ठान करती है। सुहाग की लंबी आयु की कामना करते हुये अंतिम दिन सुहागिन 16 श्रृंगार कर पूरे विधान से गणगौर की पूजा-अर्चना कर सुहागिनों द्वारा शिव-पार्वती की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।

कोरोना के खिलाफ जंग में बहादुरी से जुटे हैं अभिनेता "आनंद ओझा"

दूरदर्शन पर 28 मार्च से प्रसारित होगा 78 अपीडोड वाला धार्मिक सीरियल रामायण
दूरदर्शन पर 28 मार्च से प्रसारित होगा 78 अपीडोड वाला धार्मिक सीरियल रामायण
न्यूज़ अपडेट डेस्क : रामानंद सागर की रामाणय को पसंद करने वाले दर्शकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। जनता की मांग पर शनिवार 28 मार्च से 'रामायण' का प्रसारण पुनः दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर शुरू होगा। पहला एपिसोड सुबह 9.00 बजे और दूसरा एपिसोड रात 9.00 बजे प्रसारित होगा ।
बता दें कि रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण साल 1987 में पहली बार दूरदर्शन पर हुआ था। वहीं बीआर चोपड़ा की महाभारत का प्रसारण भी साल 1988 में पहली बार दूरदर्शन पर हुआ था। रामायण और महाभारत को लोग इतने चाव से देखते थे कि सड़कों पर एक दम सन्नाटा होता था। इन धार्मिक कार्यक्रमों के प्रसारण के वक्त बाहर सड़कों का माहौल एक दम कर्फ्यू की तरह ही होता था।
1987-88 में रामायण और महाभारत को लोग बड़े ही चाव से देखते थे। कहा जाता है कि उस दौर में अफसर से लेकर नेता तक किसी से मिलना तो क्या किसी का फोन भी उठाना पसंद नहीं करते थे। 78 एपिसोड वाले रामायण का प्रसारण जब होता था तो देश की सड़कों और गलियों में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा छा जाता था। भारत के तमाम शहरों और गांवों में रामायण के टेलीकास्ट के समय लोग अगरबत्ती जलाकर बैठा करते थे। चप्पलें कमरे के बाहर उतार दी जाती थीं।
गौरतलब है कि रामायण में भगवान राम का किरदार अरुण गोविल ने निभाया था। वहीं सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया को आज भी सीता के रूप में ही याद किया जाता है। इसके साथ ही दारा सिंह ने हनुमान का रोल निभाया था। वहीं रावण का रोल निभाकर अरविंद त्रिवेदी ने खासी लोकप्रियता बटोरी थी।
