जानकारी के अनुसार, मुस्ताक गुरुवार सुबह ही अपने पिता से मिलने दरभंगा से जमशेदपुर आया था। उसके पिता शाहनवाज यहां ट्रक चालक के रूप में कार्यरत हैं और ब्लू स्कोप परिसर में अपने वाहन के साथ ठहरे हुए थे। पिता के अनुसार, दोपहर करीब 1 बजे मुस्ताक आराम करने की बात कहकर ट्रक के अंदर चला गया। लेकिन शाम करीब 7:30 बजे को जब शाहनवाज ने अपने बेटे को कहीं नहीं देखा तो वह उसकी खोजबीन करने लगे। इसी दौरान उन्होंने मुस्ताक को पास में खड़े एक अन्य ट्रक के डाला में फांसी के फंदे से लटका हुआ पाया।
घटना के बाद पार्किंग कर्मियों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। सूचना मिलते ही सिदगोड़ा थाना प्रभारी गुलाम रब्बानी सदलबल घटनास्थल पहुंचे और शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पिता शाहनवाज ने बताया कि कुछ महीने पूर्व मुस्ताक मानसिक तनाव से ग्रसित था और उन पर किसी ‘शैतानी छाया’ का प्रभाव था, लेकिन इलाज के बाद वह पूरी तरह सामान्य हो गया था। हाल के दिनों में उसके व्यवहार में कोई असामान्यता नहीं दिख रही थी। लेकिन उसने यह कदम क्यों उठाया वह इस मामले से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। पिता के इस बयान से मुस्ताक के मौत की घटना और भी रहस्यमय बन गई है।
फिलहाल पुलिस मामले के जांच पड़ताल में जुटी है। थाना प्रभारी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि युवक की मौत आत्महत्या है या इसके पीछे कोई और वजह है। पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।
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