रांची (Ranchi)। सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए पेट्रोलिंग वाहन बहुत जरूरी है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि राँची में इन दिनों पेट्रोलिंग गाड़ियां अब पहले की तरह नहीं चल रही हैं. पेट्रोल पंपों पर करोड़ों रुपये से अधिक का बकाया हो जाने से पुलिस वाहन को ईंधन मिलना बंद हो गया है. इसके चलते पेट्रोल पंप संचालक अब उन्हें पहले की तरह ईंधन उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जिससे गश्ती वाहन प्रभावित हुआ है.
पीसीआर गाड़ियों को खड़ा कर दिया गया है. थाना प्रभारी अपने स्तर से किसी तरह गश्त का प्रबंध कर रहे हैं. शहरी इलाकों में गश्त प्रभावित है. आपातकाल के नाम पर वरिष्ठ अधिकारी अपनी गाड़ियों में डीजल-पेट्रोल ले रहे हैं.
बताया जाता है कि रातू रोड मेट्रो गली स्थित रामविलास पेट्रोल पंप से पुलिस वाहनों को डीजल पेट्रोल की आपूर्ति की जाती थी. लेकिन पेट्रोल पंपों पर करोड़ों रुपये से अधिक का बकाया होने के कारण उन्होंने डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति बंद कर दी है. बकाए का भुगतान होने के बाद डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति की जाएगी.
बाबूलाल मरांडी ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए सरकार को घेरा है. उन्होंने पोस्ट में कहा है कि सूचना आ रही है कि झारखंड मुख्यालय में थानों के पुलिस वाहनों में बकाया भुगतान नहीं होने के कारण पेट्रोल पंप वाले पेट्रोल डीजल की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं। झारखंड के 25वर्षों के इतिहास में ऐसी बदतर आर्थिक स्थिति कभी देखने को नहीं मिली। राज्य में जिस प्रकार से हत्या,लूट, बलात्कार, चोरी, डकैती की घटनाएं हो रही हैं ऐसे में पुलिस की पेट्रोलिंग को बाधित करना राज्य को अपराध के मुंह में धकेलने जैसा है।
मरांडी ने कहा है कि ऐसा लगता है कि एक मईयां सम्मान योजना में पीठ थपथपाने के लिए हेमंत सरकार ने सारे विभागों के बजट को डायवर्ट कर दिया है। मईयां सम्मान के नाम पर बहन बेटियों की सुरक्षा जो पहले से ही कमजोर है और कमजोर करने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है।जिस प्रकार से रोज नए कारनामे उजागर हो रहे और इंडी गठबंधन के नेता वादे से मुकरने लगे हैं,यह राज्य की ध्वस्त अर्थव्यवस्था को उजागर कर रहा है।आने वाले दिनों में इसकी आशंका भी प्रबल हो रही है कि हिमाचल जैसे राज्यों की तरह झारखंड कर्मचारियों के वेतन के भी लाले न पड़ जाए.
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