गिरिडीह: जैन धर्म के सर्वाेच्च तीर्थस्थल सम्मेद शिखर को लेकर उपजे विवाद के निपटारे को लेकर रविवार उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। सम्मेद शिखर मधुबन के गेस्ट हाउस में हुई इस बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि सम्मेदशिखर पार्श्वनाथ में आदिकाल से जो व्यवस्था चली आ रही है। वो पहले की तरह ही चलता रहेगा। इसमें कोई फेरबदल नहीं होगा। आदिवासियों का सोहराय और मकर संक्रान्ति का पर्व भी शांतिपूर्ण माहौल में मनाया जाएगा। कहा कि जैन समाज और गैर जैन समाज के लोगों के लिए पारसनाथ पर्वत पर पूर्व की भांति भ्रमण और तीर्थयात्रा जारी रहेगा।
वहीं उपायुक्त श्री लकड़ा ने कहा कि पारसनाथ पर्वत पर स्वामित्व के मुद्दे पर कोई विवाद नही रह गया है। डुमरी एसडीएम के नेतृत्व में एक कोर कमिटी का गठन किया गया है। जिसमे श्वेतांबर और दिगंबर जैन समाज के प्रतिनिधियों के साथ सम्मेद शिखर मधुबन के सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे और विवाद का निपटारा इसी कोर कमिटी के माध्यम से किया जाएगा।
वहीं बैठक में मौजूद गिरिडीह सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि सम्मेद शिखर पार्श्वनाथ में जैन समाज का भी तीर्थस्थल है। वहीं आदिवासी समुदाय का मरांग बुरू तीर्थस्थल भी है। कहा कि यहां जैनियों के साथ साथ आदिवासियों की भी धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है और दोनों का सम्मान होना चाहिए। कहा कि आज से नही, बल्कि ब्रिटिश शासन के गजट से लेकर कई दशकों तक यह व्यवस्था बना हुआ है। इसमें किसी तरह का फेरबदल नहीं किया जा सकता है।
इस बैठक में अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा, डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुर्मू, एसडीपीओ मनोज कुमार प्रशिक्षु आईएएस उत्कर्ष कुमार,मधुबन थाना प्रभारी समेत गुणायतन ट्रस्ट के सुभाष जैन, तपोभूमि के दीपक मेपानी समेत कई जैन संस्था के प्रतिनिधि बी अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।