रेलवे ट्रैक के नीचे जमीन धंसी, कोयला ढुलाई प्रभावित
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के हेठलापीठ के पास मंगलवार की सुबह रेलवे ट्रैक के नीचे यह हादसा घटित हुई है। जिसमे रेलवे ट्रैक की जमीन लगभग 60 फीट तक धँस गयी है।
रेल ट्रैक के नीचे भू-धंसान की सूचना मिलते ही सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी लक्ष्मीकांत महापात्रा समेत सीसीएल कीबनियाडीह परियोजना के कई पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुंच वस्तुस्थिति का जायजा लिया। मौके पर परियोजना पदाधिकारी ने अधीनस्थ के कर्मियों को जल्द से जल्द ट्रैक की मरम्मति का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि रेलवे स्टेशन से सीसीएल के सीपी साइडिंग तक अंग्रेजों के शासन काल से एक अलग रेल लाइन बिछाई गई है। दशकों पुराने इस रेललाइन के माध्यम से गिरिडीह कोलियरी का उत्पादित कोयला मालगाड़ी पर लादकर देश के अन्य भागों में भेजा जाता है।
लेकिन इस इलाके में अवैध तरीके से हो रही कोयला खनन के कारण इस रेल ट्रैक के नीचे की जमीन धंसने लगी है। यूँ तो अवैध कोयला खुदाई के कारण कई बार सीसीएल के इलाके में भू धसान हो चुकी है। लेकिन सीसीएल प्रबन्धन अवैध कोयला खुदाई को रोक पाने में नाकाम रही है।
मंगलवार को हुई इस घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे परियोजना पदाधिकारी से सीसीएल क्षेत्र में बार-बार हो रहे भू-धंसान के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से साफ़ इनकार किया और घटना स्थल से निकल लिए।
गिरिडीह : गिरिडीह रेलवे स्टेशन से बनियाडीह कोलियरी को जाने वाली रेलवे ट्रैक के नीचे जमीन के धँस जाने से कोयला ढुलाई का कार्य प्रभावित हो गया है। कोलियरी का गिरिडीह रेलवे स्टेशन तक का यह एकमात्र सम्पर्क रेलवे ट्रैक है।
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के हेठलापीठ के पास मंगलवार की सुबह रेलवे ट्रैक के नीचे यह हादसा घटित हुई है। जिसमे रेलवे ट्रैक की जमीन लगभग 60 फीट तक धँस गयी है।
रेल ट्रैक के नीचे भू-धंसान की सूचना मिलते ही सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी लक्ष्मीकांत महापात्रा समेत सीसीएल कीबनियाडीह परियोजना के कई पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुंच वस्तुस्थिति का जायजा लिया। मौके पर परियोजना पदाधिकारी ने अधीनस्थ के कर्मियों को जल्द से जल्द ट्रैक की मरम्मति का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि रेलवे स्टेशन से सीसीएल के सीपी साइडिंग तक अंग्रेजों के शासन काल से एक अलग रेल लाइन बिछाई गई है। दशकों पुराने इस रेललाइन के माध्यम से गिरिडीह कोलियरी का उत्पादित कोयला मालगाड़ी पर लादकर देश के अन्य भागों में भेजा जाता है।
लेकिन इस इलाके में अवैध तरीके से हो रही कोयला खनन के कारण इस रेल ट्रैक के नीचे की जमीन धंसने लगी है। यूँ तो अवैध कोयला खुदाई के कारण कई बार सीसीएल के इलाके में भू धसान हो चुकी है। लेकिन सीसीएल प्रबन्धन अवैध कोयला खुदाई को रोक पाने में नाकाम रही है।
मंगलवार को हुई इस घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे परियोजना पदाधिकारी से सीसीएल क्षेत्र में बार-बार हो रहे भू-धंसान के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से साफ़ इनकार किया और घटना स्थल से निकल लिए।