*नवग्रहों की शांति करती हैं यह नौ देवियां *
माँ दुर्गा के नौ रूपों की अलग अलग महत्ता है। इनके सभी रूप अलग-अलग नौ ग्रह को शांत करता है। इसलिये हर रुप की पूजा-अर्चना पुरे विधि विधान के साथ किया जाता है। ताकि उनका वह चरित्र प्रभावी हो और लोक का कल्याण हो सके।
अपराधक्षमा स्त्रोत्र
सर्वमंगल मांग्लये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुति।।जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनि।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
माँ दुर्गा के नौ रूपों की अलग अलग महत्ता है। इनके सभी रूप अलग-अलग नौ ग्रह को शांत करता है। इसलिये हर रुप की पूजा-अर्चना पुरे विधि विधान के साथ किया जाता है। ताकि उनका वह चरित्र प्रभावी हो और लोक का कल्याण हो सके।
प्रतिपदा के दिन *मंगल ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा में *स्कन्दमाता* के स्वरूप की पूजन करनी चाहिए।
द्वितीय दिन *राहु ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *ब्रह्मचारिणी* स्वरूप का पूजन करना चाहिए।
तृतीय दिन *बृहस्पति ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजन-उपासना करनी चाहिए।
चतुर्थी के दिन *शनि ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा में *कालरात्रि* स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।
पंचमी के दिन *बुध ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *कात्यायनी* स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।
षष्ठी के दिन *केतु ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के कूूष्मांडा स्वरूप की पूजन करनी चाहिए।
सप्तमी के दिन *शुक्र ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *सिद्धिदात्री* स्वरूप की पूजन करनी चाहिए।
अष्टमी के दिन *सूर्य ग्रह* की शांति हेतु *शैलपुत्री* स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।
नवमी के दिन *चन्द्र ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *चन्द्रघंटा* स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।
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