लॉक डाउन पर रही आस्था भारी, अस्ताचलगामी सूर्य को श्रद्धालुओ ने दिया अर्ध्य
गिरिडीह : लोकआस्था का महापर्व चैती छठ पूजा देशव्यापी लॉक डाउन और जिला प्रशासन द्वारा जारी निषेधाज्ञा के बाद भी पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ जिले भर में मनाया जा रहा हैं। हालांकि पूर्व की भांति इस वर्ष त्यौहार में वह रौनक नही दिख रहा है। क्योंकि लॉक डाउन और निषेधाज्ञा के कारण बाजार बंद रहने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। पूजन सामग्री जुटाने में काफी मशक्कत हुई।बाबजूद इसके लॉक डाउन पर आस्था भारी पड़ी और व्रतियों ने पूरे विधि विधान के छठ मइया और सूर्य भगवान का पूजन अर्चन किया।
सर्वाधिक परेशानी व्रतियों को पूजन हेतु पकवान बनाने में हुई। क्योंकि बन्दी के कारण आटा चक्की मिल बन्द रहे। लेकिन व्रतियों ने उसका भी तोड़ निकाल लिया और जिनके घरों में जांता (चक्की) थी उन्होंने उसी में गेहूं पीस कर पूजन हेतु पकवान बनाने का आटा तैयार कर लिया।
सोमवार को चैत्र शुल्क पक्ष षष्ठी तिथि होने के कारण छठ पर्व के मौके पर अस्ताचलगामी सूर्य को व्रतियों एवं श्रद्धालुओं द्वारा अर्ध्य दिया जाता है। इसे लेकर सुबह से व्रतियों ने रविवार रात से ही 36 घण्टे का निर्जला उपवास रखा है। सोमवार को व्रती पूरे विधि पूर्वक डाला सजाने हेतु पकवान के निर्माण में जुटी रही। छठ पर्व पर मुख्य पकवान ठेकुआ होता है जिसे डाले पर सजा अर्ध्य अर्पण किया जाता है।
हालांकि जिला प्रशासन द्वारा छठ पर्व को लेकर यह अनाउंसमेंट कराया गया है कि कोई भी व्रतधारी नदी, पोखर, तालाब में इस त्यौहार के मौके पर अर्ध्य देने न जायें। सभी अपने अपने घरों में ही अर्ध्य सम्पन्न करें। यही भी कहा गया है कि घर पर भी अर्ध्य देने के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन अवश्य करें। ताकि कोरोना वैश्विक महामारी से आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे। प्रशासन के इस निर्देश के बाद कई श्रद्धालुओं ने घरों में कृतिम तालाब का निर्माण कर सूर्य भगवान को इस मौके अर्ध्य अर्पण किया। घर पर अर्ध्य देने की व्यवस्था से श्रद्धालुओं में उत्साह और उल्लास में थोड़ी कमी दिखी।
वंही जिला प्रशासन की जारी घोषणा के बाद भी गिरिडीह के उसरी नदी में व्रती पहुंच सूर्य को अर्ध्य अर्पण किया। हालांकि वँहा भी सन्नाटा ही पसरा दिखा। महज एक या दो परिवार ही नदी स्थित घाट पर अर्ध्य अर्पण किया।
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