झारखण्ड धाम में शिवरात्रि पर लगेगा तीन दिवसीय मेला 20 से
महाशिवरात्रि 21 को , तैयारी में जुटे शिवभक्त
झारखंडधाम के विकास एवं यात्री सुविधा के लिए पिछले चार वर्षों में करोड़ों रुपये खर्च किए गए पर जमीनी हकीकत अब भी कुछ अलग ही दिख रही है। इतने रुपये सौंदर्यीकरण व विकास के नाम पर खर्च करने के बाद भी वहां की समस्याएं कमतर नहीं हुई हैं।
हालांकि कुछ बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी कर दी गई हैं लेकिन उन भवनों का नियमित रखरखाव एवं बेहतर उपयोग नहीं हो पा रहा है।
बदइंतजामी का आलम यह है कि झारखंडधाम में एक भी शौचालय का उपयोग नहीं हो पा रहा है । पुराने विवाह भवन, पुराने सामुदायिक भवन और शिवगंगा व इरगा नदी के बगल क्लस्टर में शौचालय निर्मित हैं। सौंदर्यीकरण के तहत सर्किट हाउस के पीछे एवं शिवगंगा के बगल में दो क्लस्टर शौचालय बनाए गए हैं जो अब तक चालू नहीं हो पाए हैं।
झारखंडधाम के विकास व प्रबंधन समिति एवं झारखंडधाम ट्रस्ट नाम से दो दो संगठन झारखंडधाम की बेहतरी के लिए लगे हुए हैं बावजूद यहां पेयजल, स्वच्छता और यात्री सुविधा की भारी किल्लत है।
महाशिवरात्रि पर झारखंडधाम में गिरिडीह का एक बड़ा मेला लगता है। इस वर्ष 20 फरवरी से 22 फरवरी तक तीन दिनों तक यहां लोगों की भारी भीड़ जुटेगी। देश के कोने कोने से लोग यहां आते हैं। आनेवाले लाखों लोगों के लिए यहां पेयजल, ठहराव व शौचालय की भारी किल्लत होगी।
झारखंडधाम में जगह जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पानी की सप्लाई के लिए बनी टंकी सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। शिवगंगा के जल को भी स्वच्छ बनाने की दिशा में कोई प्रयास अब तक नहीं किया गया है। सौंदर्यीकरण के नाम पर बने मार्केट कांप्लेक्स के कमरे बंद पड़े हैं। सर्किट हाउस व नया विवाह भवन दो वर्षों से उद्घाटन की बाट जोह रहा है। इस कारण शिवभक्तों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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