मधुबन के दीपक मेपानी को मसीहा मान रहे है लोग
गिरिडीह : कहते हैं प्रकृति अपनी सुंदरता का सृजन तो करती ही है साथ ही ऐसे लोगों का भी सृजन करती है जो समाज और सामाजिक उत्थान की परिकल्पना को साकार करने का माद्दा रखते हैं।
जिले के पारसनाथ की तलहटी में बसे मधुबन के ऐसे ही शख्स हैं दीपक भाई मेपानी। कोरोना वायरस की महामारी में दीपक भाई ने न केवल मधुबन के आसपास के करीब 200 गांव के गरीबों के लिए दो वक्त के खाने के इंतजाम में जुटे हैं। बल्कि हर दिन करीब 1000 लोगों के लिए खाने का इंतजाम सुनिश्चित हो इसके लिए तत्पर हो जाते है।
पीरटांड़ प्रखंड से लेकर बेरमो फुसरो जैसे इलाकों में जहां गरीबी बेरोजगारी के अभाव में भुखमरी के कगार पर खड़ी है वैसे लोगों के लिये दीपक मेपानी मसीहा के रूप में अवतरित हो कर हर दिन दो वक्त का भोजन पहुंचाने मैं जी जान से जुटे हुए हैं। उनकी इस उदार हृदयता का पूरा इलाका कायल है और उन्हें इस आपातकालीन समय का मसीहा करार दे रहा है।