समाज में घटित घटनाओं, दैनिक समाचारों, फ़िल्म और नाट्य जगत से जुडी खबरों के अलावे साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक व ज्योतिषीय विचारों, कविता, कहानी, फीचर लेख आलेख का संगम है यह "वेब न्यूज पोर्टल"। आशा ही नही अपितु पूर्ण विश्वास है कि आप सबों का भरपूर सहयोग मुझे प्राप्त होगा। आपका सुझाव व मार्गदर्शन भी अपेक्षित है।
सोमवार, 1 जून 2020
फंदे से झूलती मिली पुजारी के पुत्र की लाश, जांच में जुटी पुलिस

रविवार, 31 मई 2020
धनबाद के भूली में मिला कोरोना पोजेटिव मरीज

रेलवे स्टेशन परिसर में लगे तिरंगा उतारे जाने से लोगों में रोष

मुखिया ने की 15वीं वित्त एक्शन प्लान की तैयारी हेतु बैठक

पुलिस ने किया एक माओवादी को गिरफ्तार

बाबा स्टील के मृतक मजदूर के आश्रितों को मिला तत्काल एक लाख, शेष मुआवजे पर बनी सहमति

पुलिस को घेरकर नक्सलियों ने बरसाई गोली, डीएसपी का बॉडीगार्ड शहीद

शनिवार, 30 मई 2020
गोविंदपुर-साहिबगंज मुख्य मार्ग पर सड़क दुर्घटना में पिता-पुत्री की हुई माैत

ससुराल में हुए अपमान से आहत व्यक्ति साइकिल से चल दिया अपने घर प्रदेश प्रदेश
ससुराल में हुए अपमान से आहत व्यक्ति साइकिल से चल दिया अपने घर प्रदेश प्रदेश
◆पत्नी और तीन बच्चे भी है साथ
गिरिडीह: एक कहावत काफी प्रचलित है कि दामाद ससुराल में तभी तक पूजनीय है। जब तक वह दामाद बन कर रहे। अर्थात वह ससुरल जाए जरूर लेकिन वँहा ज्यादा दिनों तक रुके नही। ससुराल को कभी अपना पैतृक घर न समझे। अन्यथा उसका ऐसा अपमान होगा कि वह जिंदगी भर भूल नही पायेगा। कुछ ऐसा ही वाक्या घटित हुआ एक पचपन वर्षीय दामाद अमित तिवारी के साथ।
ससुराल में उसके साथ अपमान ऐसा हुआ कि वह सह नहीं पाया और लॉक डाउन के दौरान ही वह साइकिल के सहारे तीन बेटी और पत्नी को लेकर लगभग साढ़े छह सौ किलोमीटर मध्य प्रदेश के मैहर के लिए निकल पड़ा। अमित तिवारी का पैतृक घर मध्य प्रदेश के मैहर में है। मार्च महीने में ही बच्चों के साथ वह बोकारो नवाडीह स्थित कोठी गांव ससुराल पहुंचे थे। इसी बीच लॉकडाउन की घोषणा हो गई।
मजबूरन उन्हें ससुराल में ही रहना पड़ा। इधर, ससुराल में लंबे समय तक रहने पर किसी बात को लेकर ससुराल वालों से विवाद हो गया। जिसे देख लगा कि अब ससुराल में रहना उचित नहीं है। यात्री वाहन नहीं चलने के कारण अमित तिवारी ने गांव के एक व्यक्ति से साइकिल खरीदी और पत्नी व तीनों बच्चों के संग अपने घर मध्य प्रदेश मैहर के लिए निकल गया।
पत्नी बबीता तिवारी ने बताया कि पति का अपमान वह कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। मायके में पति के साथ हुए अपमान से मैं दुखी हूं लेकिन आत्मसम्मान के लिए मैं अपने बच्चों व पति के साथ साइकिल के सहारे ही ससुराल जाना उचित समझा। हालांकि, बबीता ने बताया कि इस दौरान उसके रिश्तेदारों ने रोकने की कोशिश की और समझाया भी, लेकिन आत्मसम्मान ने यहां रुकने की इजाजत नहीं दी।
जिले के डुमरी क्षेत्र पहुंचने पर जब इस दम्पति के बाबत डुमरी बीडीओ सोमनाथ बंकीरा को जानकारी हुई तो उन्होंने कहा कि दंपती अगर यहां डुमरी में रुकना चाहें तो उनके लिए कस्तूरबा विद्यालय में रहने की व्यवस्था की जाएगी। लॉकडाउन टूटने के बाद उसे किसी गाड़ी से उसके गंतव्य स्थान तक भेजे जाने की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन दंपती ने किसी की नही सुनी और अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गया।
अमित ने अपनी साइकिल के स्टैंड पर फल वाली टोकरी बांध रखी है। जिसमें दोनों बच्चियों को बैठाए रखा है। जबकि पत्नी दुधमंही बच्ची को गोदी पर लेकर चल दी। रास्ते में जिसकी भी नजर इस दंपती पर पड़ी वे उनके परिजनों को कोसते नजर आए।

उग्रवादियों के धड़ पकड़ के लिये पुलिस चला रही लगातार सर्च अभियान

महापौर ने खुद की अनुपस्थिति में हुई बैठक को बताया असंवेधानिक

विद्या भारती के प्रचार प्रमुखों की हुई ऑनलाइन बैठक
