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शुक्रवार, 13 मार्च 2020
डुमरी में अनियंत्रित हो यात्रियों से भरी बस पलटी, दर्जनाधिक यात्री घायल

बिहार के शिक्षण संस्थान 31 मार्च तक रहेंगे बन्द, सरकार ने जारी किया निर्देश
बिहार के शिक्षण संस्थान 31 मार्च तक रहेंगे बन्द
सन्दर्भ कोरोना वायरस
पटना // बिहार सरकार ने कोरोना वायरस को लेकर 31 मार्च तक सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल, कॉलेज, कोचिंग बंद रहेंगे का निर्देश जारी किया है। साथ ही जो भी परीक्षाएं संचालित हो रही हैं उनसे भी आग्रह किया गया है कि परीक्षा स्थगित कर दें। मीड-डे मील जो बच्चों को दिया जाता है उसको भी बंद कर दिया गया है। अब बच्चों की गणना करके उनकी राशि को उनके परिजनों के खाते में दे दी जाएगी।
कोरोना वायरस को लेकर 22 मार्च को होने वाला बिहार दिवस कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया गया है। अप्रैल माह में इस कार्यक्रम के लिए पुनः नई तिथि का निर्धारण किया जाएगा।
सभी तरह के होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम और होने वाले खेलकूद को स्थगित करने का आग्रह किया गया है। राज्य के सभी पार्कों और जू, म्यूजियम को तत्काल आदेश से बंद कर दिया गया है। इसको लेकर लोगों से आग्रह किया गया है कि संक्रमण से बचने के लिए अपने घरों से कम निकलें ताकि संक्रमण से बच सकें।
सरकारी कार्यालयों के प्रशाखा पदाधिकारियों से आग्रह किया गय़ा है कि वे कर्मचारियों को अब अल्टर्नेट डे बुलाने की व्यवस्था करें। इंडो-नेपाल सीमा पर आवागमन पर पुख्ता चेकिंग के अलावे मेडिकल चेकिंग भी की जाएगी। हॉस्पीटलों में 100 अतिरिक्त वेंटिलेटर को बढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावे सामाजिक समारोह के स्थलों ज्ञान भवन, बापू सभागार की सभी बुकिंग रद्द की जा रही है।

गिरिडीह में युवक के कोरोना से संक्रमित होने की आशंका, रांची रेफर

देवघर केन्द्रीय कारा में हुई सघन छापेमारी, नही मिला कुछ आपत्तिजनक सामान

गुरुवार, 12 मार्च 2020
निरसा : माँ तारा कोयला भट्टा में छापेमारी, एक ट्रक समेत 25 टन कोयला जप्त

बिरनी के अस्पताल में प्रेमालाप करते प्रेमी जोड़ा धराया
अस्पताल में प्रेमालाप करते प्रेमी जोड़ा धराया
गिरिडीह : जिले के बरनी प्रखंड के एक उप स्वास्थ्य केंद्र के अंदर प्रेमी युगल को बुधवार देर रात ग्रामीणों ने रंगरलियां मनाते हुए पकड़ा। ग्रामीण उप स्वास्थ्य केंद्र के बाहर हंगामा करने लगे। वहां प्रेमी युगल की कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रेमी युगल का विवाह भी करा दिया है। उसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस व स्थानीय मुखिया को इसकी सूचना दी। आधी रात को मुखिया व थाना प्रभारी अनिल कुमार पुलिस बल के साथ उक्त गांव पहुंचे।
थाना प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। गांव के महिला-पुरुष पहुंचे हैं। वार्ता की जा रही है। एएनएम के पति व महिला के साथ अवैध संबंध को ले पूर्व में तैयार पंचायतनामा देखा जा रहा है। दोनों अभी थाने में हैं। आवेदन मिलते ही दोषियों पर मुकदमा दर्ज होगा।

पचम्बा पुलिस ने सुलझायी सौरभ की मौत की गुत्थी खिड़की से गिर कर हुई थी सौरभ की मौत
पचम्बा पुलिस ने सुलझायी सौरभ की मौत की गुत्थी
*खिड़की से गिर कर हुई थी सौरभ की मौत
गिरिडीह : शहर की उपनगरी पचम्बा में बीते एक मार्च को हुई बीज कारोबारी 25 वर्षीय सौरभ की संदिग्ध मौत की गुत्थी पचम्बा थाना की पुलिस ने सुलझा ली है। पचम्बा थाना प्रभारी शर्मानन्द सिंह बताया कि सौरभ की हत्या नहीं हुई थी बल्कि खिड़की से गिरने के कारण उसकी मौत हुई थी। गौरतलब है कि पबजी गेम खेलने का आदि सौरभ की मौत के बाद सौरभ की मां ने अज्ञात लोगों पर बेटे की हत्या करने का आरोप लगाते हुये पचम्बा थाने में रपट लिखायी थी।
थाना प्रभारी श्री सिंह ने बताया कि मृतक की मां ने लिखित दिया है कि सौरभ छत पर ही सोता था और घटना के रात भी छत पर ही सोया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सौरभ के सिर पर एक जगह ही चोट आई है जिसके आधार पर भी उसकी मौत गिरने से ही है।
विदित हो कि बीते एक मार्च को घटना के बाद पूरे पचम्बा इलाके में सनसनी फैल गयी थी। मृतक की लाश संदिग्ध परिस्थिति में घर के बगल स्थित गली में पड़ी मिली थी। स्थानीय लोगों ने इसे हत्या मान हत्यारों की शीघ गिरफ्तारी को लेकर गिरिडीह-जमुआ भाया चित्तरडीह मुख्यपथ को जाम कर दिया था। सूचना पर पचम्बा पुलिस सदलबल पहुंची थी। वंही विधायक सुदिव्य कुमार भी वँहा पहुंच पुलिस से अविलम्ब मामले को सुलझाने को कहा था।
जांच के क्रम में पुलिस को मृतक की मां ललिता देवी ने बताया था कि उसका बेटा घर के नीचे कमरे में सोया हुआ था। सुबह उसकी लाश घर के बगल की गली में मिली थी। उन्होंने सौरभ की हत्या किये जाने का आरोप लगाया था। थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान देखा कि सौरभ की लाश जहां पड़ी थी उसके ठीक ऊपर खिड़की खुली थी। कहा कि जांच के दौरान तकनीक सेल का भी सहारा लिया गया लेकिन वहां भी हत्या की बात सामने नहीं आई।
पुलिस ने सौरभ की मां, भाई और दोस्तों से पूछताछ की। पूछताछ के क्रम में बार बार उनके परिजन का बयान बदलते रहे। कभी उसे नीचे कमरे में तो कभी ऊपर कमरे में सोने की बात कही गयी। जब पुलिस ने सबसे अलग-अलग बात की तो उसकी मां ने कबूल किया कि सौरभ नीचे कमरे में नहीं सोता था बल्कि उसी कमरे में सोता था जिस कमरे की खिड़की के नीचे सौरभ की लाश मिली थी। परिजन ने स्वीकार किया कि सौरभ पबजी गेम का आदी था और देर रात तक पबजी खेलता था और रात को उसी खिड़की से पेशाब भी करता था। इस बात को लेकर उसकी माँ से उसकी कई बार बाताबाती भी हुई थी। उसकी माँ उसकी इस करतूत से नाराज भी रहती थी।
थाना प्रभारी ने बताया कि नींद में सौरभ खिड़की के पास आया होगा और नीचे गिर गया होगा। जिससे उसकी मौत हो गयी। मृतक के परिजन भी पुलिस की इस खुलासे से इंकार नहीं किया है।

डीएसई ने किया एसएमसी को भंग, दिया एक सप्ताह के अंदर पुनर्गठन का निर्देश

भारतीय जहाज से टकराई बांग्लादेशी नाव, हुगली नदी में डूबी

बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग को ले बीजेपी आक्रामक

हजारीबाग में दर्दनाक सड़क हादसा, दो मौत आठ घायल
हज़ारीबाग : जिले के चरही थाना अंतर्गत एनएच 33 पर गुरुवार को हुये एक सड़क हादसे में जंहा दो मजदूरों की मौत हो गयी। वंही आठ लोग गम्भीर रूप से घायल हो गये।

गिरिडीह में पांच सौ में लगभग 12 उद्यमी डीवीसी के डायरेक्ट उपभोक्ता : निर्मल झुनझुनवाला
गिरिडीह में पांच सौ में लगभग 12 उद्यमी डीवीसी के डायरेक्ट उपभोक्ता : निर्मल झुनझुनवाला
गिरिडीह : दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) ने बीते दस मार्च से 18-18 घंटे की बिजली कटौती शुरू कर दी है। इससे राज्य के सात जिले प्रभावित हैं। जिनमें धनबाद, बोकारो, चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा और रामगढ़ शामिल है।
साल 2015 में तत्कालीन राज्य सरकार ने इन सातों जिलों को सेंट्रल ग्रिड से जोड़ने की घोषणा की थी। लेकिन इसके बाद इस पर कोई पहल नहीं की गयी। नतीजतन इन सातों जिलों में डीवीसी के अलावा अब लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है।
डीवीसी की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि जेबीवीएनएल के पास डीवीसी के 4995 करोड़ रूपये बकाया है। नवंबर के पहले जेबीवीएनएल की ओर से 4295 करोड़ रूपये डीवीसी को दिये जाने थे। लेकिन सरकार की ओर से यह भुगतान नहीं किया गया। यधपि वर्ष 2019-20 के लिये 2200 करोड़ का आवंटन किया गया था। पिछले दो माह में बकाये राशि में लगभग सात सौ करोड़ का इजाफा हुआ। जिसके कारण कुल बकाया 4995 करोड़ रूपये है। कई बार नोटिस के बाद डीवीसी ने बिजली कटौती शुरू कर दी।
चेंबर ऑफ कॉर्मस के रिजिनल वाइस प्रेसिडेंट और गिरिडीह जिला के अध्यक्ष निर्मल झुनझुनवाला ने बताया कि पिछले कुछ सालों से लगातार इन सातों जिलों को सेंट्रल ग्रिड से कनेक्ट करने की मांग की गयी है।
पूर्व सरकार ने पहल भी की। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जबकि पिछले कुछ सालों में कई बार डीवीसी ने बकाया भुगतान न होने के कारण बिजली कटौती की है। उन्होंने बताया कि जेबीवीएनएल को सभी उपभोक्ताओं से बिल वसूली डीवीसी के जरिये करने की भी मांग की जाती रही है। जिससे डीवीसी ही सातों जिलों में बिजली आपूर्ति के दायित्व को संभाले। लेकिन सरकार और जेबीवीएनएल ने यह भी नहीं किया।
पूर्व सरकार ने इन सात जिलों में अलग से इंडस्ट्रीयल फीडर बनाने की भी घोषणा की थी। जिसमें से रामगढ़, बोकारो और धनबाद में एक-एक इंडस्ट्रीयल फीडर बनाया गया। लेकिन चतरा, गिरिडीह, कोडरमा और हजारीबाग इन चार जिलों में इंडस्ट्रीयल फीडर नहीं बनाया गया। और तो और अभी तक किसी भी सरकार ने इन चारों जिलों को इंडस्ट्रीयल एरिया बनाने की कोशिश भी नहीं की। जबकि इन क्षेत्रों में उद्योग है। इसके बाद भी इन जिलों में इंडस्ट्रीयल फीडर की व्यवस्था नहीं की गयी।
झुनझुनवाला ने बताया कि सिर्फ बोकारो, धनबाद और गिरिडीह की बात की जाये तो लगभग तीन हजार लघु और मध्यम उद्योग हैं। जबकि सिर्फ गिरिडीह में लगभग पांच सौ लघु और मध्यम उद्योग हैं। इसके बाद भी अन्य चार जिलों में इंडस्ट्रीयल फीडर नहीं बनाये गये। इतना ही नहीं गिरिडीह में पांच सौ में से लगभग 12 उद्यमी डीवीसी के डायरेक्ट उपभोक्ता है। जिनमें स्टील प्लांट, रोलिंग मिल आदि के उद्योग हैं। झुनझुनवाला ने बताया कि इन सात जिलों में लोगों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
इन सातों जिलों में डीवीसी वैसे उपभोक्ताओं को बिजली देती है जो पांच सौ मेगावाट या इससे अधिक बिजली खपत करते है। वहीं अन्य उपभोक्ता जेबीवीएनएल से बिजली लेते हैं। ऐसे में डीवीसी की ओर से 18-18 घंटे बिजली कटौती करने से सबसे अधिक परेशानी छोटे और बड़े उद्यमियों और सार्वजनिक क्षेत्रों को हो रही है।
विदित हो कि राज्य में प्रतिदिन कुल बिजली खपत एक हजार मेगावाट है। इसमें से लगभग सात सौ मेगावाट सेंट्रल पोल से आपूर्ति की जाती है। ऐसे में इन जिलों को भी अगर सेंट्रल पोल से जोड़ दिया जाता तो इनके पास विकल्प होता।
गौरतलब है कि झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से जेबीवीएनएल, डीवीसी, एनटीपीसी समेत सभी बिजली उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं को यह निर्देश दिया गया है कि सभी उपभोक्ताओं को बिना रोक टोक के बिजली दी जाये। फिर कोई कितनी भी बिजली इस्तेमाल करे या किसी भी जोन में आये। लेकिन डीवीसी मात्र पांच सौ मेगावाट से अधिक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को ही बिजली उपलब्ध कराती है, अन्य उपभोक्ताओं को जेबीवीएनएल।
