गुरुवार, 11 अक्टूबर 2018

आस्था : छाती पर कलश स्थापना, बना है चर्चा का विषय

युवक ने किया छाती पर कलश स्थापना, बना है चर्चा का विषय

बिहार पदेश के जमुई जिले के बरहट प्रखंड अंतर्गत गादी कटौना निवासी 28 वर्षीय दिनेश रावत नामक एक युवक ने शारदीय नवरात्र के पावन मौके पर  परम्परागत तरीके से एवं वैदिक रीति - रिवाज के साथ  अपनी  छाती पर कलश स्थापित किया है। 

युवक द्वारा छाती पर कलश की स्थापना जमुई जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। दिनेश का माँ दुर्गा के प्रति आस्था और उनके द्वारा किये गए अदभुत अनुष्ठान का दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके आवास पर पहुँच रहे हैं।
       
           उल्लेखनीय है कि दिनेश विवाहित हैं और उनके ही कंधों पर पत्नी , पुत्र , पुत्री , माता - पिता के भरण - पोषण की भी जिम्मेदारी है। दैनिक मजदूरी कर वह अपने पुरे परिवार का भरण - पोषण करते हैं। 

    इस आस्थापूर्ण अनुष्ठान के बावत दिनेश के पिता युगल रावत बताते हैं कि उनका पुत्र बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति का है। पूजा - पाठ , भजन - कीर्तन में उसकी विशेष अभिरुचि रही है। वह पिछले कई साल से फलहारी नवरात्र का अनुष्ठान करता आ रहा है। इस वर्ष उसने अपनी छाती पर कलश स्थापित कर शक्ति की अधिष्ठात्री माँ दुर्गा में विशेष आस्था प्रकट किया है।


जिलामुख्यालय में मनरेगा कर्मियों का भिक्षाटन कल

शुक्रवार को जिला मुख्यालय में भिक्षाटन करेंगे मनरेगाकर्मी



गिरिडीह। शुक्रवार को जिले भर के सभी मनरेगा कर्मी जिला मुख्यालय में भिक्षाटन करेंगें। उक्त जानकारी मनरेगाकर्मी संघ के जिलाध्यक्ष बिनोद विश्वकर्मा ने दी। 

     उन्होंने बताया की मनरेगा कर्मी अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में पिछले 11 वर्षों से लगातार अन्दोलरत्त है। बावजूद अब तक किसी भी सरकार ने इनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया,और ई ही सर्वोच्यन्यायालय के आदेशों का पालन ही किये। अंततः मनरेगा कर्मियों ने चरणबद्ध आंदोलन का रूप रेखा तैयार कर पिछले 23 सितंबर से नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडेय के नेतृत्व में आंदोलन की शुरुवात कर दी है, जो आगामी14 नवम्बर तक सुचारु रूप से जारी रहेगा।  उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आगामी 15 नवम्बर से मनरेगाकर्मी अनिश्चित कालीन हड़ताल करने को बाध्य होंगे।



वंही मनरेगा कर्मचारी संघ के जिला सचिव टहल रविदास ने बताया की कल शुक्रवार को जिले के सभी मनरेगा कर्मी गिरिडीह जिला मुख्यालय स्थित झंडा मैदान से निकल कर आंबेडकर चौक, जेपी चौक, कालीबाडी चौक, मकतपुर के रास्ते जिलापरिषद् तक भिक्षाटन करते हुवे वापस टावर चौक पहुंचेंगे।
      पदाधिकारिद्वय ने आंदोलन की रणनीति की जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 26 अक्टूबर को समस्त मनरेगा कर्मी 36 घंटे तक ग्रामीण विकास मंत्री के आवास का घेराव करेंगे, जबकि दो नवम्वर को माननीय मुख्य मंत्री का आवास घेराव किया जायेगा। वंही 9 नवम्वर को सभी विधानसभा क्षेत्र में तिरंगा रैली निकाली जायेगी साथ ही पम्पलेट का वितरण किया जायेगा। अंत में 14 नवम्वर की की शाम को प्रदेश भर के सभी मनरेगा कर्मी सम्बंधित जिला मुख्यालयों में मशाल जुलुस निकालेंगे ततपश्चात 15 नवम्बर से अनिश्चित कालीन हड़ताल में चले जायेंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश पर युवक ने फेंकी चप्पल, मची अफरा-तफरी

 नीतीश कुमार पर भरी सभा में आरक्षण से नाराज युवक ने फेंकी चप्‍पल,  सीएम की सभा में मचा हड़कंप




बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में भारी चूक सामने आई है। पटना में कार्यक्रम के दौरान एक युवक ने उनपर चप्‍पल फेंकने की कोशिश की। गनीमत यह रही कि मंच से दूर होने के कारण युवक का चप्पल मंच तक नहीं पहुंच सका। जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त नीतीश कुमार और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह सहित अन्य बड़े नेता बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे।

नीतीश कार्यक्रम का उद्धघाटन करने के बाद मंच पर बैठे ही थे तभी उनको निशाना बनाते हुए वहां मौजूद एक युवक ने चप्पल फेंक दी। वहां मोजूद जेडीयू के नेताओं ने युवक को पकड़ लिया और उसकी जमकर धुनाई कर दी। युवक का नाम चंदन तिवारी बताया जा रहा है।

जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक नीतीश पर चप्‍पल फेंकने वाला युवक चंदन आरक्षण के मुद्दे को लेकर नीतीश कुमार से नाराज था और इसी के चलते उसने घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद कार्यक्रम में कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और अपने साथ पूछताछ के लिए ले गई है। चंदन औरंगाबाद का रहनेवाला है और वह खुद को सवर्ण सेना का सदस्य बता रहा है।

आपको बता दें कि बिहार में आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में प्रदर्शन का दौर लगातार जारी है लेकिन पहली बार किसी शख्स ने इस मसले को लेकर सीएम को टारगेट किया है। बिहार में आरक्षण खत्‍म को लेकर कई जगह घेराव हो रहे हैं।


मंगलवार, 9 अक्टूबर 2018

रेलवे ट्रैक के नीचे जमीन धंसी, कोयला ढुलाई बाधित

  रेलवे ट्रैक के नीचे जमीन धंसी, कोयला ढुलाई प्रभावित 

गिरिडीह : गिरिडीह रेलवे स्टेशन से बनियाडीह कोलियरी को जाने वाली रेलवे ट्रैक के नीचे जमीन के धँस जाने से कोयला ढुलाई का कार्य प्रभावित हो गया है। कोलियरी का गिरिडीह रेलवे स्टेशन तक का यह एकमात्र सम्पर्क रेलवे ट्रैक है।

मुफस्सिल थाना क्षेत्र के हेठलापीठ के पास मंगलवार की सुबह रेलवे ट्रैक के नीचे यह हादसा घटित हुई है।  जिसमे रेलवे ट्रैक की जमीन लगभग 60 फीट तक धँस गयी है।

रेल ट्रैक के नीचे भू-धंसान की सूचना मिलते ही सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी लक्ष्मीकांत महापात्रा समेत सीसीएल कीबनियाडीह परियोजना के कई पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुंच वस्तुस्थिति का जायजा लिया। मौके पर परियोजना पदाधिकारी ने अधीनस्थ के कर्मियों को जल्द से जल्द ट्रैक की मरम्मति का निर्देश दिया। 

गौरतलब है कि रेलवे स्टेशन से सीसीएल के सीपी साइडिंग तक अंग्रेजों के शासन काल से एक अलग रेल लाइन बिछाई गई है। दशकों पुराने इस रेललाइन के माध्यम से गिरिडीह कोलियरी का उत्पादित कोयला मालगाड़ी पर लादकर देश के अन्य भागों में भेजा जाता है।

लेकिन इस इलाके में अवैध तरीके से हो रही कोयला खनन के कारण इस रेल ट्रैक के नीचे की जमीन धंसने लगी है। यूँ तो अवैध कोयला खुदाई के कारण कई बार सीसीएल के इलाके में भू धसान हो चुकी है। लेकिन सीसीएल प्रबन्धन अवैध कोयला खुदाई को रोक पाने में नाकाम रही है।

 मंगलवार को हुई इस घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे परियोजना पदाधिकारी से सीसीएल क्षेत्र में बार-बार हो रहे भू-धंसान के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से साफ़ इनकार किया और घटना स्थल से निकल लिए।

कल से शुरू होगा नवरात्र, दो गुरुवार का है शुभ संयोग

कलश स्थापना के साथ कल से शुरू होगा नवरात्र

इस बार नवरात्र में दो गुरुवार का है शुभ संयोग




   मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व दुर्गा पूजा 10 अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ शुरू होगी और इसके साथ ही नवरात्रि का त्योहार भी शुरू हो जाएगा। नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रुप में भी देखा जाता है। नवरात्र पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है।

दो गुरुवार का अत्यंत शुभ संयोग

इस बार की नवरात्रि में दो गुरुवार पड़ रहे हैं। जिसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है। क्योंकि गुरुवार को दुर्गा पूजा का हजार-लाख गुना नहीं बल्कि करोड़ गुना फल मिलता है।

चित्रा नक्षत्र में नौका पर होगा माँ का आगमन


नवरात्रि का शुभारंभ चित्रा नक्षत्र में हो रहा है। वहीं नवमी श्रवण नक्षत्र में है। इस दिन ध्वज योग भी है। इस बार मां दुर्गा नौका पर आ रहीं हैं। जबकि माँ हाथी पर सवार होकर विदा होगी। लाभ, शुभ, अमृत (राहु काल छोड़कर) स्थिर लग्न में घट स्थापना कर सकते है।


शुभ योगों का बन रहा संयोग

इस दौरान ग्रहों की स्थिति भी बेहद शुभ है। शुक्र अपने घर में विराजमान है, जोकि बेहद शुभ स्थिति है। इस बार राजयोग, द्विपुष्कर, अमृत, स्वार्थ और सिद्धियोग का संयोग भी बन रहा है। इस संयोग में किसी भी नए कार्य की शुरुआत फलदाई रहेगी।

 कलश स्थापना का मूहूर्त



 नवरात्र में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। आचार्य सतीश मिश्र के अुनसार सुबह 06:18 बजे से 10:11 बजे तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है।अगर किसी कारणवश विशेष मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर पाएं तो पूरे दिन किसी भी समय कलश स्थापना किया जा सकता है। क्योंकि नवरात्र के शुरू होने पर शुभ समय भी शुरू हो जाता है। नौ दिनों तक माता के भक्त उनकी पूजा-अर्चना करेंगे। इसलिए माँ अपने भक्तों का कभी बुरा नहीं मानतीं।

वर्ष में होती है दो नवरात्रि

गौरतलब है कि एक वर्ष में दो नवरात्रि होते हैं। प्रथम नवरात्रि चैत्र मास में शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होती हैं और रामनवमी तक चलती है। जबकि शारदीय नवरात्र आश्विन माह की शुक्ल प्रतिपदा से लेकर विजयदशमी के दिन तक चलती है। दोनों ही नवरात्रि के पूजन विधान में कोई अंतर नहीं होता है। इस बार आश्विन (शारदीय) महानवरात्र 10 से 19 अक्तूबर तक रहेगा. 18 अक्टूबर को अंतिम नवरात्रि होगी।






जानिये दिव्य गुणों वाली नौ औषधियों को जिन्हें कहा जाता है नवदुर्गा

मां दुर्गा के नौ रूप बनाम दिव्य गुणों वाली नौ औषधियों जिन्हें नवदुर्गा कहा गया है




*प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी..*

1. प्रथम शैलपुत्री यानि हरड़ -

नवदुर्गा का प्रथम रूप शैलपुत्री माना गया है। कई प्रकारकी समस्याओं में काम आने वाली औषधि हरड़, हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप हैं। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है, जो सात प्रकार की होती है। इसमें 

हरीतिका (हरी) भय को हरने वाली है।पथया - जो हित करने वाली है।कायस्थ - जो शरीर को बनाए रखने वाली है।अमृता - अमृत के समानहेमवती - हिमालय पर होने वाली।चेतकी -चित्त को प्रसन्न करने वाली है।श्रेयसी (यशदाता)- शिवा कल्याण करने वाली।

*2. द्वितीय ब्रह्मचारिणी यानि ब्राह्मी :-*

ब्राह्मी, नवदुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। यह आयु और स्मरण शक्ति को बढ़ाने वाली, रूधिर विकारों का नाश करने वालीऔर स्वर को मधुर करने वाली है। इसलिए ब्राह्मी को सरस्वती भी कहा जाता है।यह मन एवं मस्तिष्क में शक्ति प्रदान करती है और गैस व मूत्र संबंधी रोगों की प्रमुख दवा है। यह मूत्र द्वारा रक्त विकारों को बाहर निकालने में समर्थ औषधि है। अत: इन रोगों से पीड़ित व्यक्ति को ब्रह्मचारिणी की आराधना करना चाहिए।

               *तृतीयं चंद्रघण्टेति* 
               *कुष्माण्डेती चतुर्थकम*

*3. तृतीय चंद्रघंटा यानि चन्दुसूर :-*

नवदुर्गा का तीसरा रूप है चंद्रघंटा, इसे चन्दुसूर या चमसूर कहा गया है। यह एक ऐसा पौधा है जो धनिये के समान है। इस पौधे की पत्तियों की सब्जी बनाई जाती है, जो लाभदायक होती है। यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है, इसलिए इसे चर्महन्ती भी कहते हैं। शक्ति को बढ़ाने वाली, हृदय रोग को ठीक करने वाली चंद्रिका औषधि है। अत: इस बीमारी से संबंधित रोगी को चंद्रघंटा की पूजा करना चाहिए।

*4. चतुर्थ कुष्माण्डा यानि पेठा :-*

नवदुर्गा का चौथा रूप कुष्माण्डा है। इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है, इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो पुष्टिकारक, वीर्यवर्धक व रक्त के विकार को ठीक कर पेट को साफ करने में सहायक है। मानसिकरूप से कमजोर व्यक्ति के लिए यह अमृत समान है। यह शरीर के समस्त दोषों को दूर कर हृदय रोग को ठीक करता है। कुम्हड़ा रक्त पित्त एवं गैस को दूर करता है। इन बीमारी से पीड़ितव्यक्ति को पेठा का उपयोग के साथ कुष्माण्डादेवी की आराधना करना चाहिए।

               *पंचम स्कन्दमातेति* 
               *षष्ठमं कात्यायनीति च*

*5. पंचम स्कंदमाता यानि अलसी :-*

नवदुर्गा का पांचवा रूप स्कंदमाता है जिन्हें पार्वती एवं उमा भी कहते हैं। यह औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं। यह वात, पित्त, कफ, रोगों की नाशक औषधि है।

अलसी नीलपुष्पी पावर्तती स्यादुमा क्षुमा।अलसी मधुरा तिक्ता स्त्रिग्धापाके कदुर्गरु:।।
उष्णा दृष शुकवातन्धी कफ पित्त विनाशिनी।इस रोग से पीड़ित व्यक्ति ने स्कंदमाता की आराधना करना चाहिए।

*6. षष्ठम कात्यायनी यानि मोइया :-*


नवदुर्गा का छठा रूप कात्यायनी है। इसे आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका, अम्बिका। इसके अलावा इसे मोइया अर्थात माचिका भी कहते हैं। यह कफ, पित्त, अधिक विकार एवं कंठ के रोग का नाश करती है। इससे पीड़ित रोगी को इसका सेवन व कात्यायनी की आराधना करना चाहिए।

               *सप्तमं कालरात्री*
               *ति महागौरीति चाष्टम*

*7. सप्तम कालरात्रि यानि नागदौन :-*

दुर्गा का सप्तम रूप कालरात्रि है जिसे महायोगिनी, महायोगीश्वरी कहा गया है। यह नागदौन औषधि केरूप में जानी जाती है। सभी प्रकार के रोगों की नाशक सर्वत्र विजय दिलाने वाली मन एवं मस्तिष्क के समस्त विकारों को दूर करने वालीऔषधि है। इस पौधे को व्यक्ति अपने घर में लगाने पर घर के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यह सुख देने वाली एवं सभी विषों का नाश करने वाली औषधि है। इस कालरात्रि की आराधना प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को करना चाहिए।

*8. अष्टम महागौरी यानि तुलसी :-*


नवदुर्गा का अष्टम रूप महागौरी है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति औषधि के रूप में जानता है क्योंकि इसका औषधि नाम तुलसी है जो प्रत्येक घर में लगाई जाती है। तुलसी सात प्रकार की होती है- सफेद तुलसी, काली तुलसी, मरुता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र। ये सभी प्रकार की तुलसी रक्त को साफ करती है एवं हृदय रोग का नाश करती है।

तुलसी सुरसा ग्राम्या सुलभा बहुमंजरी।अपेतराक्षसी महागौरी शूलघ्नी देवदुन्दुभि:तुलसी कटुका तिक्ता हुध उष्णाहाहपित्तकृत्।मरुदनिप्रदो हध तीक्षणाष्ण: पित्तलो लघु:।

इस देवी की आराधना हर सामान्य एवं रोगी व्यक्ति को करना चाहिए।


               *नवमं सिद्धिदात्री च* 
               *नवदुर्गा प्रकीर्तिता*

*9. नवम सिद्धिदात्री यानि शतावरी :-*

नवदुर्गा का नवम रूप सिद्धिदात्री है, जिसे नारायणी या शतावरी कहते हैं। शतावरी बुद्धि बल एवं वीर्य के लिए उत्तम औषधि है। यह रक्त विकार एवं वात पित्त शोध नाशक और हृदय को बल देने वाली महाऔषधि है। सिद्धिदात्री का जो मनुष्य नियमपूर्वक सेवन करता है। उसके सभी कष्ट स्वयं ही दूर हो जाते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को सिद्धिदात्री देवी की आराधना करना चाहिए। इस प्रकार प्रत्येक देवी आयुर्वेद की भाषा में मार्कण्डेय पुराण के अनुसार नौ औषधि के रूप में मनुष्य की प्रत्येक बीमारी को ठीक कर रक्त का संचालन उचित एवं साफ कर मनुष्य को स्वस्थ करती है।

नवग्रहों की शांति करती हैं यह नौ देवियां , एक रहस्यपूर्ण जानकारी

*नवग्रहों की शांति करती हैं यह नौ देवियां *


सर्वमंगल मांग्लये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुति।।जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनि।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।

 माँ दुर्गा के नौ रूपों की अलग अलग महत्ता है।  इनके सभी रूप अलग-अलग नौ ग्रह को शांत करता है। इसलिये हर रुप की पूजा-अर्चना पुरे विधि विधान के साथ किया जाता है। ताकि उनका वह चरित्र प्रभावी हो और लोक का कल्याण हो सके।


प्रतिपदा के दिन *मंगल ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा में *स्कन्दमाता* के स्वरूप की पूजन करनी चाहिए।

द्वितीय दिन *राहु ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *ब्रह्मचारिणी* स्वरूप का पूजन करना चाहिए। 


तृतीय दिन *बृहस्पति ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजन-उपासना करनी चाहिए।

चतुर्थी के दिन *शनि ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा में *कालरात्रि* स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।


पंचमी के दिन *बुध ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *कात्यायनी* स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।

षष्ठी के दिन *केतु ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के कूूष्मांडा स्वरूप की पूजन करनी चाहिए।

सप्तमी के दिन *शुक्र ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *सिद्धिदात्री* स्वरूप की पूजन करनी चाहिए।

अष्टमी के दिन *सूर्य ग्रह* की शांति हेतु *शैलपुत्री* स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।

नवमी के दिन *चन्द्र ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *चन्द्रघंटा*  स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।


अपराधक्षमा स्त्रोत्र 




सोमवार, 8 अक्टूबर 2018

विधानसभा की पर्यावरण समिति ने किया लौह फैक्ट्रियों का निरिक्षण, कई अनियमितता हुई उजागर

विधानसभा की पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति ने किया गिरिडीह में फैक्ट्रियों का निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान हुई कई अनियमितता उजागर



   गिरिडीह: झारखंड विधानसभा का पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति सोमवार को सभापति मनोज यादव के नेतृत्व में गिरिडीह पहुंची और यँहा औधोगिक क्षेत्र में संचालित फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया। इस दौरान समिति ने कार्बन रिसोर्सेज, अतिवीर, बालमुकुंद, संतपुरिया समेत कई लौह, स्पंज समेत अन्य फैक्ट्रियों का निरिक्षण किया।


समिति ने फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों से भी बातचीत की। उन्हें कितनी मजदूरी मिल रही है इसकी जानकारी लिया और साथ ही साथ फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मजदूरों को दिए जा रहे सुविधाओं की भी जानकारी हासिल किया।

         पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा फैक्ट्री  निरिक्षण के क्रम में फैक्ट्री संचालकों द्वारा बड़े पैमाने पर अनियमितता बरतने व फैक्ट्री एक्ट का उल्लंघन करने का मामला प्रकाश में आया। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मजदूरों को सुरक्षा की कोई व्यवस्था प्रदान नहीं दी गई थी। मजदूरों को मास्क व हेलमेट भी नहीं दिया गया था।  जैसे ही समिति ने फैक्ट्री के अंदर प्रवेश किया, वैसे ही मजदूरों को प्रबंधन द्वारा मास्क दे दिया गया। जिसे समिति ने देख लिया और मजदूरों से पूछताछ शुरू कर दी। 


इसके पूर्व विधानसभा की यह समिति गिरिडीह पहुंच नये परिसदन भवन में जिले के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। उसके बाद औद्योगिक इलाकों का जायजा लिया। इस समिति में मनोज यादव, जयप्रकाश भाई पटेल समेत कई अन्य सदस्य शामिल थे। फैक्ट्री निरीक्षण के बाद समिति के सदस्यों ने प्रेस से बातचीत में कहा कि समिति ने फैक्ट्रियों में काफी अनियमितता पायी है जिसकी जांचोंपरांत दोषियों के विरुद्ध निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।


    

रविवार, 7 अक्टूबर 2018

पारा शिक्षक की निर्मम हत्या , जांच में जुटी पुलिस



दारू में पारा शिक्षक की हत्या, जांच में जुटी पुलिस




झारखण्ड प्रदेश के हजारीबाग जिले दारू थाना क्षेत्र के बड़वार निवसी प्रदीप पासवान (48वर्ष) की खून से लथपथ लाश दिग्वार पंचयात के गडया जंगल से बरामद हुआ। हत्यारों ने प्रदीप के सिर पर टांगी से वार कर उसकी बड़ी ही बेहरहमी से हत्या कर दिया। 
हत्या की सूचना मिलते ही दारु थाना प्रभारी नथुनी यादव सदल बल घटना स्थल पर पहुच शव को अपनी अभिरक्षा में ले पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।

     मृतक प्रदीप पासवान पिता चन्द्रदीप पासवान दिग्वार पंचायत के परतंगा मध्य विद्यालय में 2005 से पारा शिक्षक के पद पर कार्यरत था। परिवार का वह एकलौता कमाऊ सदस्य था। मृतक प्रदीप के तीन बच्चे है। जिनमे दो बेटा और एक बेटी शामिल है। उसकी हत्या से परिजनों के समक्ष दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। घटना के सम्बन्ध में मृतक के पुत्र गौतम कुमार पासवान ने बताया कि हर दिन की तरह उसके पिता अहले सुबह करीब साढ़े पांच बजे बकरी के लिए पत्ता लाने जंगल गये थे। उनके साथ विनोद साव पिता टीभा साव भी जंगल की ओर गया था। 

उसने बताया कि हर दिन उसके पिता सात बजे के आस पास घर लौट आते थे लेकिन जब 10 बजे तक वह वापस नही लौटे तो परिजनों ने विनोद साव से इस बावत पूछताछ किया तो उन्होंने प्रदीप से सम्बंधित कोई भी जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर किया। यह भी कहा कि प्रदीप उनके साथ जंगल भी नही गया था।
 इसके बाद परिजन सशंकित हो गये और मुहल्ले के लोगों के साथ जंगल में प्रदीप को खोजने निकले।

 घर से लगभग एक किमी दूर गड़या जंगल में प्रदीप को खून से लथपथ मृत स्तिथि में देख लोग दंग रह गए। घटना जंगल में आग की तरह पुरे दारू क्षेत्र के फैल गयी और लोगों का हुजूम जंगल की ओर दौड़ पडा।

घटना के बावत थाना प्रभारी नथुनी यादव ने कहा कि यह एक हत्या का मामला है। अनुसन्धान के बाद ही पता चल पाएगा की हत्या किसने और किस कारण हुई। उन्होंने बताया कि पुलिस अनुसंधान में जुटी है।फोरेंसिक जांच टीम को बुलाया गया है।



     

हत्यारे की गिरफ्तारी की माँग पर एकजुट हुआ ब्रह्मर्षि समाज

जमुआ थाना के समक्ष धरना प्रदर्शन करेगा ब्रह्मर्षि समाज



जमुआ/गिरिडीह :  जमुआ प्रखंड अंतर्गत नारोबाद गांव के हुए एक आठ वर्षीय बालक की मौत के मामले को ब्रह्मर्षि (भूमिहार ब्राह्मण) समाज ने गंभीरता से लिया है। घटना के बाद हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी नही होने और आरोपियों द्वारा मृतक के पिता को केस उठा लेने की लगातार मिल रही धमकी से आक्रोशित समाज के लोगों ने रविवार को नारोबाद में बैठक कर आगे की रणनीति तय की।

समाज के जिलाध्यक्ष गौरीशंकर सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में इस मामले को लेकर आंदोलन की रणनीति बनायी गयी। निर्णय लिया गया कि 15 दिनों के भीतर प्रशासन अगर रौशन हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी नही करेगा तो ब्रह्मर्षि समाज आगामी 23 अक्टूबर को जमुआ बाजार में प्रतिवाद मार्च कर थाना के समक्ष धरना प्रदर्शन करेगा।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि रौशन की हत्या बीते 25 सितंबर को कर दी गयी। हत्या के बाद आरोपियों के परिजन ने मृतक के पिता सहित गांव के अन्य लोगों के खिलाफ लूटपाट की प्राथमिकी जमुआ थाना में दर्ज करायी जो समझ से परे है। कहा कि पुलिस को जांच पड़ताल कर ऐसे झूठे मुकदमे का मामला दर्ज करना चाहिए।
वक्ताओं ने इस मामले में स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर उंगली उठाते हुए वरीय पदाधिकारियों से जांच पड़ताल की मांग की।

बैठक में निर्णय हुआ कि थाना के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में समाज के लोग एकत्रित हों। इसके लिए जिले से सभी प्रखंडों में बैठक की जायेगी।

वक्ताओं ने एक स्वर में हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी शीघ्र करने, मृतक के पिता के उपर  किये गए झूठे मुकदमे को वापस लेने और इस हत्याकांड की न्यायिक जांच कराने की मांग की। 
बैठक में समाज के सुरंजन सिंह, सुबोध सिंह, बबलू भारद्वाज, जयप्रकाश सिंह, सुधीर सिंह, अशोक सिंह, राहुल सिंह, जनार्दन राय, शिवकुमार राय, सदानंद राय, सुरेश सिंह, शक्ति सिंह , सहदेव सिंह, त्रिलोकी पंडित, टिकैत सिंह, सत्यदेव राय, शंकर सिंह, रोहित सिंह सहित गांव के कई शामिल थे।

अवैध शराब की मिनी फैक्ट्री का उद्भेदन

धनबाद :अवैध शराब फैक्ट्री का उद्भेदन, भारी मात्रा में शराब व अन्य सामग्री जब्त 

   

         झारखण्ड प्रदेश के धनबाद जिले के पूर्वी टुंडी के पातकोल गांव में छापामारी अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में उत्पाद विभाग द्वारा छापेमारी कर एक अवैध मिनी शराब फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया।

अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में की गयी इस छापामारी के दौरान उक्त शराब फैक्ट्री से 20 लीटर अवैध शराब के 10 जार, 200 लीटर स्प्रिट, 375 एमएल के दो कार्टून, खाली बोतल से भरे हुए 100 कार्टून, कोर्क तथा कैप पुलिस ने बरामद किया है।

इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि उक्त स्थान पर अवैध मिनी शराब फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है। सुचना के आलोक में उत्पाद विभाग तथा पुलिस पदाधिकारियों के सहयोग से अवैध मिनी शराब फैक्ट्री में छापा मारा गया।

उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने दारुल साहनी, अमर दत्ता, विजय बत्ता तथा वृंदावन नामक व्यक्तियों  के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

         

जिला अधिवक्ता संघ का चुनाव सम्पन्न, दुबारा बने दुर्गा पाण्डेय अध्यक्ष व चुन्नुकांत सचिव

अधिवक्ता संघ : अध्यक्ष बने दुर्गा पाण्डेय और चुन्नू कान्त दुबारा सचिव

 16 पदों के लिए चुनाव में खड़े थे 56 प्रत्याशी

700 मतदाताओं ने किया मताधिकार का प्रयोग



गिरिडीह। जिला अधिवक्ता संघ का चुनाव शनिवार को काफी गहमा गहमी के साथ सम्पन्न हुआ। देर शाम गये तक चुनाव परिणाम भी घोषित हो गया। जिसमे दुर्गा प्रसाद पाण्डेय अध्यक्ष निर्वाचित हुए तो चुन्नुकान्त दुबारा सचिव के पद पर काबिज हुए।

गौरतलब है कि जिलाधिवक्ता संघ के 16 पदों के लिए कुल 56 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। जिनके भाग्य का फैसला 700 पंजीकृत अधिवक्ताओं ने किया। जिसमें
अध्यक्ष पद के प्रत्यासी दुर्गा पाण्डेय अपने निकटम प्रतिद्वन्दी श्रीकृष्ण मुरारी को 55 मतों से पराजित कर चुनाव जीत गये।  दुर्गा पाण्डेय को जंहा 249 मत प्राप्त हुए वंही श्रीकृष्ण मुरारी को 194 मत मिले।  इस पद पर तीसरे स्थान पर रहे महेंद्र प्रसाद को 183 मत पर ही संतोष करना पड़ा।

जबकि सचिव के पद पर चुन्नुकांत ने ऐतिहासिक जीत हासिल किया। उन्होंने अपने प्रतिद्वन्दी कामेश्वर प्रसाद यादव को 261 मतों से शिकस्त दे कर लगातार दूसरी बार सचिव के पद पर काबिज हुए। चुन्नुकांत को जंहा 414 मत प्राप्त हुए वंही कामेश्वर प्रसाद यादव को मात्र 153 मत ही प्राप्त हुये।  सचिव के पद पर खड़ी पूर्व सचिव कंचनमाला को मात्र 68 मतों पर ही संतोष  करना पड़ा।

उपाध्यक्ष के पद पर बालगोविंद साहू और कोषाध्यक्ष के पद पर मीरा कुमारी ने चुनाव जीता। उपध्यक्ष के लिए चुनाव में उतरे सञ्जीवन कुमार सिन्हा सिन्हा को 122 और राजीव सिन्हा को 153 मत मिले जबकि बालगोविंद साहू को 249 मत प्राप्त हुए।


वंही कोषाध्यक्ष पद पर रनर रहने के लिए दो प्रत्याशियों में काफी खींच तान हुई। और दोनों ही प्रत्याशी शिव कुमार गुप्ता और उदय शंकर सिन्हा 159 -159 मत प्राप्त कर रनर घोषित हुए जबकि 174 मत प्राप्त कर मीरा कुमारी कोषाध्यक्ष पद पर विनर घोषित हुई। जबकि इस पद के लिए खड़े बिमल कुमार खेतान को 145 मत मिले।

सहायक कोषाध्यक्ष के पद पर काफी दिलचस्प मुकाबला हुआ। इस पद के लिए ज्योतिष कुमार सिन्हा और तुलसी प्रसाद गुप्ता के बीच कॉंटे की टक्कर हुई। जिसमे ज्योतिष सिन्हा ने तुलसी गुप्ता को एक मत से पराजित करने में कामयाबी हासिल किया। ज्योतिष सिन्हा को जंहा 198 मत मिले वंही तुलसी गुप्ता को 197 मत प्राप्त हुए। तीसरे स्थान पर रहे कमलेश्वर प्रसाद नारायण को 159 मत मिले।


जिला अधिवक्ता संघ के संयुक्त सचिव (एडमिनिस्ट्रेशन) के पर दशरथ प्रसाद  और संयुक्त सचिव (लाइब्रेरी) के पद पर शिवेंद्र कुमार सिन्हा काबिज हुए। संयुक्त सचिव (प्रशासन) के लिए दशरथ प्रसाद को 249 मत प्राप्त हुए। जबकि पंचानन्द कुमार मुनि और चन्द्रमोहन प्रसाद को क्रमशः 153  और 104 मत मिले। जबकि संयुक्त सचिव ( लाइब्रेरी) के लिए शिवेंद्र कुमार सिन्हा को 249 मत मिले वंही मो परवेज आलम और सुबोनिल सामन्तों को क्रमशः 195 और 112 मत मिले।


अधिवक्ता संघ के कार्यकरिणी सदस्य  के रूप में उर्मिला शर्मा (386), दिनेश कुमार राणा ( 381), अमित कुमार सिन्हा (366), विशाल आनंद (361), बिनोद कुमार यादव ( 285), मो शमसुल होदा ( 270), शालिनी सिन्हा (268), बिनोद कुमार बिंदु (248) और चन्दन कुमार सिन्हा 237 मत लाकर निर्वाचित हुए।