रविवार, 29 दिसंबर 2024

पश्चमी सभ्यता को त्यागने, अपनी परंपराओं को अपनाने और संयुक्त परिवार को वापस लाने पर जोर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुम्ब प्रबोधन विभाग द्वारा पारिवारिक मिलन कार्यक्रम सम्पन्न



गिरिडीह (GIRIDIH)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुम्ब प्रबोधन विभाग द्वारा जिले के धनवार प्रखंड क्षेत्र के बांधी गांव में रविवार को पारिवारिक मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पश्चिमी सभ्यता को त्यागने, संयुक्त परिवार की अवधारणा को पुनः वापस लाने, अपनी पुरातन सभ्यता और संस्कृति को अपनाने और अपनी पारंपरिक भजन, भोजन भवन और भ्रमण को अपनाने पर बल दिया गया।

वरिष्ट स्वयं सेवक दिन दयाल दास की अध्यक्षता एवं बिनोद कुमार सिंह के संचालन में आयोजित इस कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुम्ब प्रबोधन विभाग आगत अतिथि सुबोध सिंह, पूनम वर्णवाल, कृष्णदेव कन्हैया, दीनदयाल दास, धर्मेंद्र कुमार द्वारा सामूहिक रूप से द्वीप प्रजवलित कर किया गया। इसके पूर्व सभी आगत अथितियों व उपस्थित लोगो को तिलक लगाकर उनका स्वागत किया गया।। 


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस के कुटुंब प्रबोधन विभाग के संयोजक सुबोध सिंह तथा प्रांतीय सदस्य पूनम वर्णवाल तथा धर्माचार्य विभाग से कृष्णदेव कन्हैया ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर हो रहे कुठाराघात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त परिवार टूट रहे हैं। एकाकी परिवारों की संख्या बढ़ रही है। जिससे हम सभी लोगों को अपने जीवन में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

कहा कि परिवारों में एकता और राष्ट्रीयता की भावना जाग्रत होने से समाज के विभिन्न परिवारों के बीच बेहतर तालमेल, परस्पर सहयोग और सौहार्द कायम होगा, जिससे समाज और देश मजबूत होगा। कहा कि व्यक्ति को सबसे पहला संस्कार अपने परिवार से ही मिलता हैं। समाज को सुसंस्कृत एवं व्यक्ति को चरित्रवान, राष्ट्र के प्रति समर्पित और अनुशासित बनाने में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।


वक्ताओं ने कहा कि संघ का प्रयास है कि स्वयंसेवकों के परिवारों को भारतीय संस्कृति की मूल अवधारणाओं के अनुकूल व मातृत्व शक्ति से सुदृढ व मजबूत बनाना है। इसके लिये लोगों को पश्चमी सभ्यता का त्याग कर अपनी परंपराओं भजन, भवन भ्रमण और भोजन को अपनाना होगा। तभी देश और धर्म सुरक्षित रह सकता है। 

कार्यक्रम में महेश राय, अर्जुन राय, रमेश राय, सहदेव मोदी, मोहनलाल राम, बनवारी ठाकुर, उपें देवी, पम्मी देवी, निशा देवी के अलावे बांधी गांव, फूलोंटांड, करिहारी, सुरही,डंगारडीह, चादगर, ख़ोरीमहुआ, चुंगलखार, चितरडीह, संतरायडीह, बिशुनपुर सहित दर्जनों गांवों के हज़ारों की संख्या में महिलाएं, पुरुष, बच्चे व बच्चीयों ने भाग लिया।   

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