गिरिडीह : विद्या विकास समिति के तत्वाधान में मिश्रित शिक्षा पर विभाग स्तरीय शोध संगोष्ठी हजारीबाग का आभासी आयोजन हुआ। गोष्ठी की अध्यक्षता सतीश्वर प्रसाद सिन्हा ने किया। मुख्य अतिथि डॉ के के गुप्ता, प्राध्यापक विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग, मुख्य वक्ता डॉ अशोक अभिषेक, सहायक प्राध्यापक तिलैया, अमरकांत झा,प्रांतीय शोध गोष्ठी संरक्षक एवं अजय कुमार तिवारी, प्रदेश सचिव विद्या विकास समिति,झारखंड की गरिमामयी उपस्थिति रही।अतिथि परिचय प्रधानाचार्य संजीव कुमार सिन्हा, प्रस्तावना प्रदीप कुमार सिन्हा एवं संचालन अजीत कुमार मिश्र ने किया।
मुख्य अतिथि गुप्ता ने कहा कि गुणात्मक शिक्षा के लिए वर्तमान में 06 विधि का प्रयोग बच्चों के लिए किया जा रहा है।ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा ही मिश्रित शिक्षा है।यह वर्तमान परिप्रेक्ष्य में एक चुनौती है इसे स्वीकारना होगा।आत्म विश्लेषण करके प्रत्येक शिक्षक को बच्चों पर शोध करना होगा।
मुख्य वक्ता अशोक अभिषेक ने कहा कि विद्यालय और महाविद्यालय की शिक्षा में काफी अंतर होता है।परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक शिक्षक को अध्ययनशील होना चाहिए। एक शिक्षक अपने लिए नहीं बल्कि एक छात्र के लिए अध्ययन करता है।कोविड-19 हमारी सभी अवधारणाओं को ध्वस्त करके रख दिया है।इससे सबसे अधिक प्रभावित शिक्षा जगत हुआ है हमारे बच्चे हुए हैं। किंतु वर्तमान में संभावनाओं के कई द्वार भी खुले हैं।आधुनिक तकनीकि का प्रयोग कर हम बच्चों को बेहतर गुणात्मक शिक्षा दे सकते हैं। गोष्ठी में ओम प्रकाश सिन्हा, विभाग प्रमुख, तुलसी प्रसाद ठाकुर,विभाग के समस्त प्रधानाचार्य और संबंधित आचार्य-दीदी जी उपस्थित हुए।
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