कोल ब्लॉक की नीलामी के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल गिरिडीह में रहा काफी असरदार
गिरिडीह : कोल ब्लॉक की नीलामी के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल गिरिडीह में काफी असरदार रहा है। हड़ताल समर्थक गुरुवार की सुबह ही सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के माइंस और कार्यालय के समक्ष काफी संख्या में जुटे और प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करते दिखे। बाद में केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला और धरना पर बैठ गए।
कोयला उद्योग का निजीकरण, कमर्शियल माइनिंग के विरोध में विभिन्न मजदूर यूनियन द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने पहुंचे यूनियन लीडरों ने इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। इससे पहले माइंस पहुंचे कुछ कर्मियों को वापस भी भेजा गया। ऐसे में कोलियरी में पहली और सामान्य पाली में एक भी कर्मियों की हाजिरी नहीं लगी। यूनियन लीडरों ने इस दौरान कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार कोयला उद्योग और कोल इंडिया में निजीकरण करने पर उतारू है। इस प्रक्रिया में कमर्शियल माइनिंग की भी इजाजत दी जा रही है। इससे पूंजीपतियों को सीधा फायदा होगा, लेकिन श्रमिकों का शोषण भी होगा।
कहा की सुनियोजित साजिश के तहत 44 श्रम कानूनों को खत्म करने की योजना है। यूनियन लीडरों ने कहा कि श्रमिकों के हक पर वार कर रही मोदी सरकार को एफडीआई का फैसला वापस लेना होगा। कहा कि यह हड़ताल तीन दिनों की है और तीनों दिन सफल रहेगा।
वंही संयुक्त यूनियनों के इस हड़ताल को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है। जवानों के साथ पुलिस पदाधिकारियों की भी तैनाती की गयी है।
इस दौरान संयुक्त मोर्चा के एनपी सिंह बुल्लू, तेजलाल मंडल, राजेश यादव, राजेश सिन्हा, प्रमोद सिंह, हरगौरी साहू छक्कू, शिवाजी सिंह, बलराम यादव, देवशंकर मिश्र, दिलीप रजक, अमित यादव, अर्जुन मंडल, शोभा यादव, सीताराम हांसदा, चुड़का हांसदा, जानकी पांडेय, लखन रवानी, जीवलाल बेलदार, मो नूर, प्रदीप दराद, कन्हैया सिंह आदि मौजूद थे.
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