जैक ने किया मैट्रिक का रिजल्ट जारी, 75.01 प्रतिशत छात्र हुए सफल
रांची: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने JAC के मैट्रिक रिजल्ट जारी कर दी है। इस परीक्षा में कुल 3 लाख 87 हजार छात्र शामिल हुए थे, जिनमें 75.01 प्रतिशत पास हुए हैं। 92 प्रतिशत छात्र प्रथम श्रेणी में, 42 प्रतिशत छात्र द्वितीय श्रेणी में और मात्र 6 प्रतिशत छात्र तृतीय श्रेणी में पास हुए हैं। प्रथम स्थान हासिल करने वाले छात्रों की संख्या एक लाख 48 हजार है जबकि 1 लाख 24 हजार छात्र द्वितीय स्थान पाने में कामयाब रहे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगले साल रिजल्ट को और बेहतर करने की कोशिश होगी।
कोडरमा जिला रहा अव्वल :
मैट्रिक के रिजल्ट में कोडरमा जिले ने बाजी मारी है। जिले के 83.064 प्रतिशत छात्रों ने सफलता हासिल कर जिले का मान बढ़ाया है। वंही रांची दूसरे नंबर पर है, जिसके 80.052 प्रतिशत छात्र सफल हुए। तीसरे नंबर पर पलामू जिला है जहां के 80.030 छात्रों ने सफलता अर्जित की। चौथे और पांचवे नंबर पर पूर्वी सिंहभूम और गिरिडीह जिले का नाम है। सबसे फिसड्डी जिले में पाकुड़ जिले का नाम दर्ज हुआ है, जहां सबसे कम 63.98 प्रतिशत छात्र पास हुए।
टॉपर को मिलेगा अल्टो कार
राज्य के शिक्षा मंत्री ने पहले ही ऐलान किया था कि मैट्रिक और इंटर के टॉपर को सरकार की ओर से अल्टो कार देकर सम्मानित किया जायेगा। आज उन्होंने रिजल्ट जारी के बाद इसकी अधिकारिक घोषणा भी कर दी। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से स्कूल बंद है। बच्चों के लिए ऑनलाईन पढ़ाई कारगर नहीं है। सरकार दूसरे विकल्पों पर विचार कर रही है। स्कूल के सिलेबस भी घटाये जायेंगे।
2019 पर भारी पड़ा 2020
मैट्रिक के रिजल्ट में साल दर साल सुधार देखी जा रही है। जहां 2019 में 70.81 प्रतिशत छात्र सफल हुए है, वंही इस वर्ष इसमें 4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और 75.01 प्रतिशत छात्र पास हुए। सबसे खराब रिजल्ट साल 2018 का था, जिस वर्ष मात्र 59.56 प्रतिशत बच्चे ही पास हुए थे। सरकार ने उसके बाद से आठवीं बोर्ड की परीक्षा शिक्षा प्रणाली में लायी थी।
पिछड़ी जाति का रिजल्ट सबसे बेहतर
कोटिवार छात्रों के पास होने के प्रतिशत में पिछड़ी जाति की स्थिति सबसे बेहतर देखी जा रही है। सामान्य कोटि के छात्रों के सफल होने का प्रतिशत जहां 74.01 प्रतिशत है, वंही पिछड़ी जाति के 79.88 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। अनुसूचित जाति के 71.11, अनुसूचित जन जाति के 74.37 और अत्यंत पिछड़ी जाति के 77.05 प्रतिशत छात्र सफल हुए हैं।
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